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जानें मुगलों की संपत्ति से सरकार को कितनी होती है कमाई... - आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत सरकार को मुगलों की संपत्ति से हर साल करोड़ों रुपये का मुनाफा होता है. साथ ही बताया गया कि मुगलों की बनाई इमारतों से सरकार को सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है.

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Published : Mar 13, 2022, 9:32 AM IST

रामपुर: सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत सरकार को मुगलों की संपत्ति से हर साल करोड़ों रुपये का मुनाफा होता है. साथ ही बताया गया कि मुगलों की बनाई इमारतों से सरकार को सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है. मौजूदा समय में 143 इमारतें ऐसी हैं जिनको देखने के लिए टिकट लेने होते हैं और उससे भारत सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. अगर मुगलों की बनाई हुई इमारतों से करोड़ों रुपया सरकार को मिलता है तो सरकार उसके अलावा जो टैक्स जनता से लेती है उन पैसों को कहां पर खर्च किया जाता है, यह अहम सवाल है...

यह जान दंग रह जाएंगे आप...

रामपुर के RTI एक्टिविस्ट दानिश खान ने आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) से सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारियां मांगी थी, जिससे एक बड़ा खुलासा हुआ है. खैर, इसे जान आप भी दंग रह जाएंगे. जिन मुगलों ने हिन्दुस्तान में 800 सालों तक हुकूमत की उनकी संपत्तियों और इमारतों से भारत सरकार सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. साथ ही बताया गया कि देश में कुल 143 इमारतें ऐसी हैं, जहां पर टिकट लगता है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये मिलते हैं.

मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा

इसे भी पढ़ें - भारत और चीन 15वें दौर की सैन्य वार्ता में पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों का हल करने में नाकाम रहे

ये हैं अहम इमारतें

देश में कुल 143 इमारतें ऐसी हैं, जहां पर टिकट लगते हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. इन इमारतों में अहम हैं आगरा का ताजमहल, आगरा फोर्ट के अलावा इस सूची में लखनऊ, झांसी, चेन्नई, भोपाल, जबलपुर, बेंगलुरु, रायगढ़ और कोलकाता की काफी संपत्तियां हैं, जो मुगलों की संपत्ति के रूप में चिन्हित हैं. इतना ही नहीं सिर्फ आगरा के ताजमहल से साल 2020-21 में भारत सरकार को कुल 953410075 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ तो आगरा फोर्ट से 2020-21 में 13058070 रुपये आए थे. इसी तरह से 143 ऐसी संपत्तियां हैं, जिनसे सालाना करोड़ों रुपये सरकार को आते हैं.

मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा
मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा

वहीं, हमने इस मामले को लेकर RTI एक्टिविस्ट दानिश खान से बात की तो उन्होंने बताया कि आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) से उन्होंने सूचना मांगी थी, जिसमें उक्त जानकारियां प्राप्त हुई हैं. साथ ही दानिश ने बताया कि उन्होंने आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से पूछा था कि भारत में जो मुगलों की संपत्तियां हैं, वो कितनी हैं और उससे भारत सरकार को सालाना कितना राजस्व मिलता है. उन्होंने आगे बताया कि आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से उन्हें बताया गया कि आगरा के ताजमहल, मुंबई की संपत्तियां और हैदराबाद की प्रॉपर्टी के अलावा देश में कुल 143 ऐसी प्रॉपर्टियां हैं, जिनको देखने के लिए टिकट लगते हैं और उससे अर्जित धन देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं.

मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा
मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा

इधर, RTI एक्टिविस्ट दानिश खान ने कहा कि उनकी मांग है कि मुगलों की संपत्तियों से सालाना अर्जित होने वाले धन राशि का इस्तेमाल शिक्षा और स्वास्थ्य पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुगल मुसलमानों के पूर्वज थे और हमारे पूर्वजों की संपत्ति से करोड़ों का धन सरकार को प्राप्त होता है. इसके बाद भी हम हिन्दुस्तान यहां दोयम दर्जे के नागरिक हैं. कोई हमें खालिस्तानी कहता है तो कोई पाकिस्तानी. यहां तक कि कुछ लोग आतंकवादी भी कहते हैं.

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रामपुर: सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत सरकार को मुगलों की संपत्ति से हर साल करोड़ों रुपये का मुनाफा होता है. साथ ही बताया गया कि मुगलों की बनाई इमारतों से सरकार को सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है. मौजूदा समय में 143 इमारतें ऐसी हैं जिनको देखने के लिए टिकट लेने होते हैं और उससे भारत सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. अगर मुगलों की बनाई हुई इमारतों से करोड़ों रुपया सरकार को मिलता है तो सरकार उसके अलावा जो टैक्स जनता से लेती है उन पैसों को कहां पर खर्च किया जाता है, यह अहम सवाल है...

यह जान दंग रह जाएंगे आप...

रामपुर के RTI एक्टिविस्ट दानिश खान ने आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) से सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारियां मांगी थी, जिससे एक बड़ा खुलासा हुआ है. खैर, इसे जान आप भी दंग रह जाएंगे. जिन मुगलों ने हिन्दुस्तान में 800 सालों तक हुकूमत की उनकी संपत्तियों और इमारतों से भारत सरकार सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. साथ ही बताया गया कि देश में कुल 143 इमारतें ऐसी हैं, जहां पर टिकट लगता है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये मिलते हैं.

मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा

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ये हैं अहम इमारतें

देश में कुल 143 इमारतें ऐसी हैं, जहां पर टिकट लगते हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. इन इमारतों में अहम हैं आगरा का ताजमहल, आगरा फोर्ट के अलावा इस सूची में लखनऊ, झांसी, चेन्नई, भोपाल, जबलपुर, बेंगलुरु, रायगढ़ और कोलकाता की काफी संपत्तियां हैं, जो मुगलों की संपत्ति के रूप में चिन्हित हैं. इतना ही नहीं सिर्फ आगरा के ताजमहल से साल 2020-21 में भारत सरकार को कुल 953410075 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ तो आगरा फोर्ट से 2020-21 में 13058070 रुपये आए थे. इसी तरह से 143 ऐसी संपत्तियां हैं, जिनसे सालाना करोड़ों रुपये सरकार को आते हैं.

मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा
मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा

वहीं, हमने इस मामले को लेकर RTI एक्टिविस्ट दानिश खान से बात की तो उन्होंने बताया कि आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) से उन्होंने सूचना मांगी थी, जिसमें उक्त जानकारियां प्राप्त हुई हैं. साथ ही दानिश ने बताया कि उन्होंने आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से पूछा था कि भारत में जो मुगलों की संपत्तियां हैं, वो कितनी हैं और उससे भारत सरकार को सालाना कितना राजस्व मिलता है. उन्होंने आगे बताया कि आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से उन्हें बताया गया कि आगरा के ताजमहल, मुंबई की संपत्तियां और हैदराबाद की प्रॉपर्टी के अलावा देश में कुल 143 ऐसी प्रॉपर्टियां हैं, जिनको देखने के लिए टिकट लगते हैं और उससे अर्जित धन देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं.

मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा
मुगलों की संपत्ति से सरकार की कमाई का ब्यौरा

इधर, RTI एक्टिविस्ट दानिश खान ने कहा कि उनकी मांग है कि मुगलों की संपत्तियों से सालाना अर्जित होने वाले धन राशि का इस्तेमाल शिक्षा और स्वास्थ्य पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुगल मुसलमानों के पूर्वज थे और हमारे पूर्वजों की संपत्ति से करोड़ों का धन सरकार को प्राप्त होता है. इसके बाद भी हम हिन्दुस्तान यहां दोयम दर्जे के नागरिक हैं. कोई हमें खालिस्तानी कहता है तो कोई पाकिस्तानी. यहां तक कि कुछ लोग आतंकवादी भी कहते हैं.

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