रामपुर: छह साल की मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में दोषी नाजिल को विशेष न्यायालय ने पॉक्सो अधिनियम के तहत फांसी की सजा सुनाई है. मासूम को पड़ोसी नाजिल ने दुष्कर्म के बाद जलाकर मौत के घाट उतार दिया था. पुलिस ने नाजिल को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार पॉक्सो मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा गया. यहां पुलिस ने प्रभावी पैरवी की. अपराधी नाजिल को पुलिस ने एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था. अदालत ने मासूम की रेप के बाद हत्या मामले में दोषी नाजिल को फांसी की सजा सुनाई है. नाजिल को रामपुर के एसपी अजयपाल शर्मा ने एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था. 22 जून को बच्ची की लाश मिलने के बाद उसी शाम को हुए इस एनकाउंटर में बलात्कारी के दोनों पैरों में गोली भी लगी थी. बच्ची के साथ अपराध की वारदात के 6 महीने के भीतर ही पुलिस अपराधी को फांसी की सजा दिलवाने में कामयाब रही है. मुठभेड़ में अपराधी को गिरफ्तार करने के बाद रामपुर की तमाम माताओं और बहनों ने एसपी अजयपाल शर्मा को राखी बांधकर उनको शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया था.
इस संबंध में सरकारी वकील कुमार सौरभ ने बताया कि यह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट का मामला है. इसमें छह साल की एक बच्ची गायब थी, जिसका शव डेढ़ माह बाद मिला. जिस दिन बच्ची का शव मिला, उसी दिन आरोपी नाजिल को गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर वहां से कुछ सामान बरामद हुआ, जिसमें उसके फिंगरप्रिंट पाए गए थे और डीएनए रिपोर्ट आई. यह मामला कोर्ट में 5 सितंबर 2019 को संज्ञान में आया था. ट्रायल शुरू होने के बाद 13 दिसंबर को नाजिल को गिल्टी होल्ड किया गया. बच्ची के मर्डर और बलात्कार के मामले में उसपर कार्रवाई की गई. साथ ही 25000 का जुर्माना लगाया गया है. विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई है.
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इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया कि सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में मई के महीने में एक बच्चे की गुमशुदगी की परिजनों द्वारा रिपोर्ट लिखाई गई थी. इसके पश्चात 22 जून को बच्ची की बॉडी को रिकवर किया गया था. उसी रात आरोपी नाजिल की मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तारी की गई थी. पुलिस के साथ मुठभेड़ में दो गोलियां लगने से बदमाश घायल हुआ. इसके बाद फॉरेंसिक टीम को बुला कर एविडेंस कलेक्ट किए गए. जांच पूरी होने के बाद ट्रायल पर मुकदमा आया तो लगातार पैरवी करते हुए और प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन के बाद जो तथ्य थे उन्हें न्यायालय के समक्ष रखा गया. इसमें 18 दिसंबर 2019 को हत्या और बलात्कार के मामले में न्यायालय के द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है.