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गिरफ्तार नहीं हुए आजम खां तो पीड़ितों को पहुंचा सकते हैं नुकसान: कांग्रेस

रामपुर में यतीमखाना बस्ती के गरीब परिवारों के लिए लड़ाई रहे कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान ने आजम खां पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अगर आजम खां को गिरफ्तार नहीं किया तो यह घातक साबित हो सकता है.

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान.
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Published : Aug 29, 2019, 7:17 PM IST

रामपुर: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सांसद आजम खां की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. वक्फ यतीमखाना 157 से गरीबों को उजाड़कर जमीन कब्जाने, लूटपाट, गैर इरादतन हत्या और भैंसे चोरी करने के मामले में सांसद आजम और आले हसन सहित कई लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है.

मामले की जानकारी देते कांग्रेस नेता.

आजम खां पर धारा 304, 452, 354ख, 389, 427, 448, 395, 504, 506 और 120बी में थाना कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज हुए हैं. उन पर वक्फ मंत्री रहते यतीमों की जगह पर नाजायज कब्जा करने का आरोप है.

यह है पूरा मामला

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान लाला के नेतृत्व में यतीमखाना बस्ती की रहने वाली 90 साल की बुज़ुर्ग महिला शहजादी बेगम सहित बेहद गरीब 40 परिवार लंबे समय से आजम खां के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. साल 2016 में आज़म खा ने वक्फ़ मंत्री रहते यतीमों की जगह पर नाजायज़ कब्ज़ा किया था. सरायगेट यतीमखाना बस्ती के लगभग 40 परिवार 50-60 सालों से यतीमखाने में रहते थे, जिसकी किराएदारी की रसीदें और वक्फ़ विभाग का आवंटन पेपर भी लोगों के पास मौजूद है.

ये भी पढ़ें: मुश्किल में आजम खां, रामपुर में भैंस चोरी के आरोप में दो अलग-अलग मुकदमे हुए दर्ज

पीड़ित परिवारों का कहना है कि अचानक 15 अक्टूबर 2016 को हमारा आवंटन रातों-रात निरस्त कर दिया गया और बल पूर्वक यतीमों को न सिर्फ मारा पीटा गया, बल्कि उनके घरों का सामान, भैंसे तक लूट ली गईं. उसी दौरान शहजादी बेगम नाम की ही दूसरी महिला को मारा-पीटा गया, जिसके चलते अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई. बाद में उनके घरों पर बुल्डोजर चला दिया गया था और आज़म खां ने उस जगह पर नाजायज कब्जा कर लिया था.

मामले में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक सहित मानवाधिकार आयोग ने जांच बैठाई थी, लेकिन पूर्व के अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.

ये भी पढ़ें: रामपुर: 29 मामलों में आज़म खां की जमानत याचिका खारिज

एक बार फिर पीड़ितों ने लगाई न्याय की गुहार

अब इन लोगों ने एक बार फिर कांग्रेस नेता फैसल लाला के माध्यम से पहले डीएम को ज्ञापन सौंपकर इंसाफ की गुहार लगाई. बाद में कई पीड़ित परिवारों ने पुलिस अधीक्षक को मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी. इस पर जाकिर, आसिफ, नन्ने और मुन्ने की तहरीर पर पुलिस ने सांसद आजम खान, तत्कालीन सीओ आले हसन, एसओजी सिपाही धर्मेंद्र सहित कई लोगों पर थाना कोतवाली में मुकदमे दर्ज किये हैं.

रामपुर: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सांसद आजम खां की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. वक्फ यतीमखाना 157 से गरीबों को उजाड़कर जमीन कब्जाने, लूटपाट, गैर इरादतन हत्या और भैंसे चोरी करने के मामले में सांसद आजम और आले हसन सहित कई लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है.

मामले की जानकारी देते कांग्रेस नेता.

आजम खां पर धारा 304, 452, 354ख, 389, 427, 448, 395, 504, 506 और 120बी में थाना कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज हुए हैं. उन पर वक्फ मंत्री रहते यतीमों की जगह पर नाजायज कब्जा करने का आरोप है.

यह है पूरा मामला

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान लाला के नेतृत्व में यतीमखाना बस्ती की रहने वाली 90 साल की बुज़ुर्ग महिला शहजादी बेगम सहित बेहद गरीब 40 परिवार लंबे समय से आजम खां के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. साल 2016 में आज़म खा ने वक्फ़ मंत्री रहते यतीमों की जगह पर नाजायज़ कब्ज़ा किया था. सरायगेट यतीमखाना बस्ती के लगभग 40 परिवार 50-60 सालों से यतीमखाने में रहते थे, जिसकी किराएदारी की रसीदें और वक्फ़ विभाग का आवंटन पेपर भी लोगों के पास मौजूद है.

ये भी पढ़ें: मुश्किल में आजम खां, रामपुर में भैंस चोरी के आरोप में दो अलग-अलग मुकदमे हुए दर्ज

पीड़ित परिवारों का कहना है कि अचानक 15 अक्टूबर 2016 को हमारा आवंटन रातों-रात निरस्त कर दिया गया और बल पूर्वक यतीमों को न सिर्फ मारा पीटा गया, बल्कि उनके घरों का सामान, भैंसे तक लूट ली गईं. उसी दौरान शहजादी बेगम नाम की ही दूसरी महिला को मारा-पीटा गया, जिसके चलते अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई. बाद में उनके घरों पर बुल्डोजर चला दिया गया था और आज़म खां ने उस जगह पर नाजायज कब्जा कर लिया था.

मामले में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक सहित मानवाधिकार आयोग ने जांच बैठाई थी, लेकिन पूर्व के अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.

ये भी पढ़ें: रामपुर: 29 मामलों में आज़म खां की जमानत याचिका खारिज

एक बार फिर पीड़ितों ने लगाई न्याय की गुहार

अब इन लोगों ने एक बार फिर कांग्रेस नेता फैसल लाला के माध्यम से पहले डीएम को ज्ञापन सौंपकर इंसाफ की गुहार लगाई. बाद में कई पीड़ित परिवारों ने पुलिस अधीक्षक को मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी. इस पर जाकिर, आसिफ, नन्ने और मुन्ने की तहरीर पर पुलिस ने सांसद आजम खान, तत्कालीन सीओ आले हसन, एसओजी सिपाही धर्मेंद्र सहित कई लोगों पर थाना कोतवाली में मुकदमे दर्ज किये हैं.

Intro:Rampur up


स्लग गैर इरादतन हत्या, भैंसे चोरी करने और लूटपाट के मुकदमें आज़म खान पर दर्ज।

एंकर वक्फ़ यतीमखाना 157 से गरीबो को उजाड़कर ज़मीन कब्ज़ाने, लूटपाट, गैर इरादतन हत्या, और भैंसे चोरी करने के मामले में सांसद आज़म, आले हसन सहित कई लोगों पर मुकदमें दर्ज। धारा 304, 452, 354ख, 389, 427, 448, 395, 504, 506, 120बी, में थाना कोतवाली में दर्ज हुए दो मुकदमें
सासंद आज़म खा ने वक्फ़ मंत्री रहते किया था यतीमो की जगह पर नाजायज़ कब्ज़ा।
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वियो 1 यतीमखाना बस्ती की रहने वाली 90 साल की बुज़ुर्ग महिला शहज़ादी बेगम सहित 40 बेहद गरीब परिवार कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान लाला के नेतृत्व में लंबे समय से आज़म खा के ज़ुल्मों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, साल 2016 में आज़म खा ने वक्फ़ मंत्री रहते यतीमो की जगह पर नाजायज़ कब्ज़ा किया था, सरायगेट यतीमखाना बस्ती के लगभग 40 परिवार 50-60 सालों से यतीमखाने में रहते थे जिसकी किराएदारी की रसीदें और वक्फ़ विभाग का आवंटन पेपर भी लोगो के पास मौजूद हैं पीड़ित परिवारों का कहना है कि अचानक 15 अक्टूबर 2016 को हमारा आवंटन रातों-रात निरस्त कर दिया गया और बल पूर्वक यतीमो को न सिर्फ मारा पीटा गया बल्कि उनके घरों का सामान, भैंसे तक लूट ली गईं उसी दौरान शहज़ादी बेग़म नाम की एक महिला को मारा पीटा गया था जिसके चलते अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई थी (नोट वहां शहज़ादी बेगम नाम की दो महिलाएं थी जिनमें से एक की मृत्यु साल 2016 में हो गई थी) बाद में उनको घरों से निकालकर उनके घरों पर बुल्डोज़र चला दिया गया था और आज़म खा ने जगह पर नाजायज़ कब्ज़ा कर लिया था मामले में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक सहित मानवाधिकार आयोग ने जांच बैठाई थी लेकिन पूर्व के अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब इन लोगों ने एक बार फिर कांग्रेस नेता फैसल लाला के माध्यम से पहले डीएम को ज्ञापन सौंपकर इंसाफ की गुहार लगाई थी और बाद में कई पीड़ित परिवारों ने पुलिस अधीक्षक को मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी है जिस पर ज़ाकिर, आसिफ, नन्ने और मुन्ने की तहरीर पर पुलिस ने सांसद आज़म खान, तत्कालीन सीओ आले हसन, एसओजी सिपाही धर्मेंद्र सहित कई लोगों पर धारा 304, 452, 354ख 389, 427, 448, 395, 504, 506, 120बी, में थाना कोतवाली में चार अलग अलग मुकदमें दर्ज किये हैं।Conclusion:
बाइट फैसल खान लाला कांग्रेस नेता
विसुअल


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