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अब्दुल्ला आजम से होगी 65 लाख की वसूली, जानें किसने दिए आदेश - abdullah azam

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम से विधायक के रूप में लिए गए वेतन और भत्ते वसूलने के आदेश प्रशासन ने जारी किए हैं. इसके लिए मुख्य लेखा अधिकारी ने नोटिस जारी करते हुए 65 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा हैं.

अब्दुल्ला आजम.
अब्दुल्ला आजम.
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Published : Dec 5, 2020, 4:24 PM IST

रामपुर: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम से विधायक के रूप में लिए गए वेतन और भत्ते वसूलने के आदेश जारी किए गए हैं. मुख्य लेखा अधिकारी अनुज कुमार पांडेय ने अब्दुल्लाह आजम को नोटिस जारी कर 65 लाख रुपये जमा करने के आदेश दिए हैं.

जानकारी देते बीजेपी नेता आकाश सक्सेना.

अब्दुल्लाह आजम की विधायकी हुई थी रद्द
अब्दुल्लाह आजम 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से निर्वाचित घोषित हुए थे. नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त अब्दुल्लाह की आयु संबंधी गलत जानकारी दी थी. इस पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्लाह आजम की विधायकी रद्द कर दी थी. विधानसभा सचिवालय ने भी हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्वार सीट को रिक्त घोषित कर दिया था.

नोटिस पत्र.
नोटिस पत्र.

अब्दुल्लाह आजम को नोटिस जारी
इस पूरे प्रकरण को लेकर बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने प्रमुख सचिव विधानसभा से मांग की थी कि अब्दुल्लाह आजम को विधायक के रूप में दिए गए वेतन और भत्ते को उनसे ब्याज समेत वापस लिया जाए. उनके द्वारा की गई इस शिकायत के बाद बीते 2 दिसंबर 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य लेखा अधिकारी अनुज कुमार ने अब्दुल्लाह आजम को नोटिस जारी किया है.

नोटिस पत्र.
नोटिस पत्र.

3 महीने में जमा करना होगा पैसा
नोटिस में लिखा है अब्दुल्लाह आजम ने 14 मार्च 2017 से 16 दिसंबर 2019 तक वेतन और भत्ते प्राप्त किए हैं, उसकी रकम सरकारी कोष में जमा कराएंगे. शासन ने अब्दुल्लाह आजम खां को पैसा जमा करने के लिए 3 महीने का समय दिया है. यदि 3 महीने में पैसा नहीं जमा किया जाता तो इस पर ब्याज लिया जाएगा.

नोटिस पत्र.
नोटिस पत्र.

इसे भी पढे़ं- रामपुर: अब्दुल्लाह आजम का केस एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर

रामपुर: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम से विधायक के रूप में लिए गए वेतन और भत्ते वसूलने के आदेश जारी किए गए हैं. मुख्य लेखा अधिकारी अनुज कुमार पांडेय ने अब्दुल्लाह आजम को नोटिस जारी कर 65 लाख रुपये जमा करने के आदेश दिए हैं.

जानकारी देते बीजेपी नेता आकाश सक्सेना.

अब्दुल्लाह आजम की विधायकी हुई थी रद्द
अब्दुल्लाह आजम 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से निर्वाचित घोषित हुए थे. नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त अब्दुल्लाह की आयु संबंधी गलत जानकारी दी थी. इस पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्लाह आजम की विधायकी रद्द कर दी थी. विधानसभा सचिवालय ने भी हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्वार सीट को रिक्त घोषित कर दिया था.

नोटिस पत्र.
नोटिस पत्र.

अब्दुल्लाह आजम को नोटिस जारी
इस पूरे प्रकरण को लेकर बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने प्रमुख सचिव विधानसभा से मांग की थी कि अब्दुल्लाह आजम को विधायक के रूप में दिए गए वेतन और भत्ते को उनसे ब्याज समेत वापस लिया जाए. उनके द्वारा की गई इस शिकायत के बाद बीते 2 दिसंबर 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य लेखा अधिकारी अनुज कुमार ने अब्दुल्लाह आजम को नोटिस जारी किया है.

नोटिस पत्र.
नोटिस पत्र.

3 महीने में जमा करना होगा पैसा
नोटिस में लिखा है अब्दुल्लाह आजम ने 14 मार्च 2017 से 16 दिसंबर 2019 तक वेतन और भत्ते प्राप्त किए हैं, उसकी रकम सरकारी कोष में जमा कराएंगे. शासन ने अब्दुल्लाह आजम खां को पैसा जमा करने के लिए 3 महीने का समय दिया है. यदि 3 महीने में पैसा नहीं जमा किया जाता तो इस पर ब्याज लिया जाएगा.

नोटिस पत्र.
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