ETV Bharat / state

रामपुर में 44 करोड़ के घोटाले की कोशिश, एडीएम की भूमिका संदिग्ध

रामपुर में एनएच 24 के भूमि अधिग्रहण के नाम पर लगभग 44 करोड़ के घोटाले की कोशिश की गई. डीएम की जांच प्रकरण सही पाया गया है, जिससे घोटाला नहीं हो पाया.

रामपुर में 44 करोड़ के घोटाले की कोशिश
रामपुर में 44 करोड़ के घोटाले की कोशिश
author img

By

Published : Jul 12, 2022, 5:52 PM IST

रामपुरः एनएच 24 के भूमि अधिग्रहण के नाम पर लगभग 44 करोड़ के घोटाले की कोशिश का मामला सामने आया है. शिकायत की डीएम ने जांच की तो शिकायत सही पाई गई. इस मामले में रामपुर में तत्कालीन एडीएम वैभव शर्मा की भूमिका संदिग्ध होने पर डीएम ने शासन को पत्र लिखा है.

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादड़.

रामपुर के NH-24 द्वारा सैजनी नानकार गांव में मार्ग बनाया गया था, जिसकी भूमि अधिग्रहण को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया. इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए रामपुर हाईवे अथॉरिटी को जमीन चाहिए थी. जिसका बकायदा गजट प्रकाशित किया गया और फिर अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गई. किसानों से जमीन ली जा रही थी तो आपत्तियों के नाम पर घोटाले करने की स्क्रिप्ट भी तैयार की गई. इसी बीच सैजनी नानकार की 1.13 हेक्टेयर भूमि का प्रबोधन तैयार कर अप्रूवल के लिए भेजा गया. जिसमें 6,37,57,160 रुपये की जमीन का मुआवजा 51,07,57,160 दिया जाना तय किया गया. मुआवजा 8 गुना से अधिक होने पर एनएचआई ने डीएम रविन्द्र कुमार मादड़ से शिकायत की. डीएम ने जब इसकी मामले की जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई. इस मामले में लगभग 8 महीने एडीएम के पद पर तैनात रहे वैभव शर्मा की भूमिका संदिग्ध लगी. जिसके लिए जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखा. वहीं, एक कर्मचारी जो संविदा कर्मचारी था उसकी भी इसमें सांठगांठ थी जिसको पद से हटा दिया गया.

इसे भी पढ़ें-आजम खां की फिर बढ़ी मुश्किलें, पत्नी-बेटे को ईडी ने किया लखनऊ तलब


जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादड़ ने बताया कि एनएच 24 पर भूमि अधिकरण का कार्य चल रहा था. जिसके भूमि वित्तीय अधिकारी एडीएम होते हैं. इसमें जो तत्कालीन एडीएम एफआर थे, उनके स्तर से सैजनी नानकार गांव में एक 1.1 हेक्टेयर एक जमीन अधिग्रहण की थी. जांच में पाया गया लगभग 196 वर्ग मीटर जमीन पर ही गैर कृषि कार्य हो रहा था, तो पूरी जमीन को उसमें गैर कृषि कार्य होते हुए दिखाते हुए लगभग 51 करोड़ का मुआवजा उसमें तय करके उसकी रिपोर्ट 30 मार्च को एनएचएआई को भेज दी गई. डीएम ने बताया कि इस मामले में एनएच के अधिकारियों द्वारा शिकायत की गई. जांच में शिकायत सही पाई गई. जांच में पता चला कि लगभग 6 करोड़ का मुआवजा तय हुआ, इस प्रकार से जो पहले रिपोर्ट भेजी गई थी अगर एनएच के अधिकारी उसी समय पर शिकायत नहीं करते तो शासन को बहुत बड़ी वित्तीय क्षति होने की संभावना थी. इसको समय रहते रोक लिया गया. इस मामले में शासन को पत्र लिखकर सूचना दी है, आगे की कार्रवाई शासन से ही होगी.

रामपुरः एनएच 24 के भूमि अधिग्रहण के नाम पर लगभग 44 करोड़ के घोटाले की कोशिश का मामला सामने आया है. शिकायत की डीएम ने जांच की तो शिकायत सही पाई गई. इस मामले में रामपुर में तत्कालीन एडीएम वैभव शर्मा की भूमिका संदिग्ध होने पर डीएम ने शासन को पत्र लिखा है.

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादड़.

रामपुर के NH-24 द्वारा सैजनी नानकार गांव में मार्ग बनाया गया था, जिसकी भूमि अधिग्रहण को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया. इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए रामपुर हाईवे अथॉरिटी को जमीन चाहिए थी. जिसका बकायदा गजट प्रकाशित किया गया और फिर अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गई. किसानों से जमीन ली जा रही थी तो आपत्तियों के नाम पर घोटाले करने की स्क्रिप्ट भी तैयार की गई. इसी बीच सैजनी नानकार की 1.13 हेक्टेयर भूमि का प्रबोधन तैयार कर अप्रूवल के लिए भेजा गया. जिसमें 6,37,57,160 रुपये की जमीन का मुआवजा 51,07,57,160 दिया जाना तय किया गया. मुआवजा 8 गुना से अधिक होने पर एनएचआई ने डीएम रविन्द्र कुमार मादड़ से शिकायत की. डीएम ने जब इसकी मामले की जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई. इस मामले में लगभग 8 महीने एडीएम के पद पर तैनात रहे वैभव शर्मा की भूमिका संदिग्ध लगी. जिसके लिए जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखा. वहीं, एक कर्मचारी जो संविदा कर्मचारी था उसकी भी इसमें सांठगांठ थी जिसको पद से हटा दिया गया.

इसे भी पढ़ें-आजम खां की फिर बढ़ी मुश्किलें, पत्नी-बेटे को ईडी ने किया लखनऊ तलब


जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादड़ ने बताया कि एनएच 24 पर भूमि अधिकरण का कार्य चल रहा था. जिसके भूमि वित्तीय अधिकारी एडीएम होते हैं. इसमें जो तत्कालीन एडीएम एफआर थे, उनके स्तर से सैजनी नानकार गांव में एक 1.1 हेक्टेयर एक जमीन अधिग्रहण की थी. जांच में पाया गया लगभग 196 वर्ग मीटर जमीन पर ही गैर कृषि कार्य हो रहा था, तो पूरी जमीन को उसमें गैर कृषि कार्य होते हुए दिखाते हुए लगभग 51 करोड़ का मुआवजा उसमें तय करके उसकी रिपोर्ट 30 मार्च को एनएचएआई को भेज दी गई. डीएम ने बताया कि इस मामले में एनएच के अधिकारियों द्वारा शिकायत की गई. जांच में शिकायत सही पाई गई. जांच में पता चला कि लगभग 6 करोड़ का मुआवजा तय हुआ, इस प्रकार से जो पहले रिपोर्ट भेजी गई थी अगर एनएच के अधिकारी उसी समय पर शिकायत नहीं करते तो शासन को बहुत बड़ी वित्तीय क्षति होने की संभावना थी. इसको समय रहते रोक लिया गया. इस मामले में शासन को पत्र लिखकर सूचना दी है, आगे की कार्रवाई शासन से ही होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.