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एएनएम ने किया इलेक्शन का बहिष्कार, कहा- 'ज्वाइनिंग लेटर दे सरकार तभी डालेंगे वोट' - ANM boycotted the election

कोरोना टीकाकरण का बहिष्कार कर हड़ताल पर बैठी एएनएम संविदाकर्मियों ने चुनाव का भी किया बहिष्कार. योगी सरकार से संविदाकर्मियों की मांग- पहले परमानेंट करो और ज्वाइनिंग लेटर दो तभी डालेंगे वोट. मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजीव यादव ने कहा एएनएम संघ ने प्रदेश स्तर पर शुरू किया है आंदोलन, जिला स्तर से नहीं हैं संबंधित.

हड़ताल पर बैठी एएनएम
हड़ताल पर बैठी एएनएम
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Published : Dec 2, 2021, 2:22 PM IST

रामपुरः कोरोना टीकाकरण का बहिष्कार कर हड़ताल पर बैठी एएनएम ने चुनाव का भी बहिष्कार कर दिया है. नाराज संविदाकर्मियों ने कहा कि पहले परमानेंट करो और ज्वाइनिंग लेटर दो उसके बाद ही हम वोट डालेंगे, नहीं तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे. जनपद रामपुर में प्रदेश व्यापी आह्वान पर संविदा कर्मी एएनएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया.

संविदा कर्मी एएनएम की सरकार से मांग है कि उन्हें समान वेतन, समान कार्य योजना में लाया जाए और उन्हें स्थाई किया जाए. हालांकि इस देश में एक नए वायरस के नाम से लोग खौफ में हैं जो अफ्रीका का वायरस है, उस वायरस को लेकर भी स्टेट गवर्नमेंट या राज्य सरकार काफी फिक्रमंद है और लोगों को सावधानियां बरतने की अपील भी कर रही है.

यह भी पढ़ें- जीका से मु्क्त हुआ यूपी, बीते 24 घंटे में मिले डेंगू के 26 मरीज


संविदा कर्मी एएनएम शबनूर ने कहा कि हम कई बार धरना दे चुके हैं लेकिन सरकार हमारी मांग पूरी नहीं कर रही है. हमारी मांग है जितने भी संविदा कर्मी एएनएम बहने हैं उनको परमानेंट किया जाए और हमें परमानेंट करके जॉइनिंग लेटर दिया जाए. एएनएम शबनूर ने सरकार को खुली चेतावनी दी कि सरकार हमें चुनाव से पहले अगर परमानेंट करती है तभी हम इस सरकार को वोट देंगे नहीं तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

एनएम संघ के अध्यक्ष मोहम्मद ओवैस ने कहा कि परमानेंट एएनएम है उनकी सैलरी 35 से 40 हजार है और हमारी एएनएम संविदा कर्मी है. उनकी तनख्वाह 12000 से 13000 से शुरू होती है और हमारी एएनएम काम उनसे कई गुना ज्यादा करती हैं. हमने मुख्यमंत्री जी को डीएम साहब के माध्यम से एक ज्ञापन भेजा है. हमने सरकार से कहा था कि हमारी सात सूत्रीय मांगे पूरी नहीं हुई तो 30 तारीख से हम हड़ताल पर चले जाएंगे इसलिए सारी एएनएम हड़ताल पर है.

मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजीव यादव ने बताया कि एएनएम का जो संघ है इन्होंने प्रदेश स्तर पर यह आंदोलन शुरू किया है और इनकी जो भी मांगे हैं वह ज़िला स्तर से संबंधित नहीं हैं. सभी मांगे प्रदेश स्तर से संबंधित हैं हमने इनके जिला स्तर के नेताओं से बात की और हमने उनको समझाया कि को कोरोना टीकाकरण का महत्व बहुत है. इस टीकाकरण को रोकना सही नहीं है. अपना काम करते रहे और उसके अलावा जो डेमोक्रोटेक तरीके हैं विरोध प्रदर्शन के वह करते रहे.


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रामपुरः कोरोना टीकाकरण का बहिष्कार कर हड़ताल पर बैठी एएनएम ने चुनाव का भी बहिष्कार कर दिया है. नाराज संविदाकर्मियों ने कहा कि पहले परमानेंट करो और ज्वाइनिंग लेटर दो उसके बाद ही हम वोट डालेंगे, नहीं तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे. जनपद रामपुर में प्रदेश व्यापी आह्वान पर संविदा कर्मी एएनएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया.

संविदा कर्मी एएनएम की सरकार से मांग है कि उन्हें समान वेतन, समान कार्य योजना में लाया जाए और उन्हें स्थाई किया जाए. हालांकि इस देश में एक नए वायरस के नाम से लोग खौफ में हैं जो अफ्रीका का वायरस है, उस वायरस को लेकर भी स्टेट गवर्नमेंट या राज्य सरकार काफी फिक्रमंद है और लोगों को सावधानियां बरतने की अपील भी कर रही है.

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संविदा कर्मी एएनएम शबनूर ने कहा कि हम कई बार धरना दे चुके हैं लेकिन सरकार हमारी मांग पूरी नहीं कर रही है. हमारी मांग है जितने भी संविदा कर्मी एएनएम बहने हैं उनको परमानेंट किया जाए और हमें परमानेंट करके जॉइनिंग लेटर दिया जाए. एएनएम शबनूर ने सरकार को खुली चेतावनी दी कि सरकार हमें चुनाव से पहले अगर परमानेंट करती है तभी हम इस सरकार को वोट देंगे नहीं तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

एनएम संघ के अध्यक्ष मोहम्मद ओवैस ने कहा कि परमानेंट एएनएम है उनकी सैलरी 35 से 40 हजार है और हमारी एएनएम संविदा कर्मी है. उनकी तनख्वाह 12000 से 13000 से शुरू होती है और हमारी एएनएम काम उनसे कई गुना ज्यादा करती हैं. हमने मुख्यमंत्री जी को डीएम साहब के माध्यम से एक ज्ञापन भेजा है. हमने सरकार से कहा था कि हमारी सात सूत्रीय मांगे पूरी नहीं हुई तो 30 तारीख से हम हड़ताल पर चले जाएंगे इसलिए सारी एएनएम हड़ताल पर है.

मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजीव यादव ने बताया कि एएनएम का जो संघ है इन्होंने प्रदेश स्तर पर यह आंदोलन शुरू किया है और इनकी जो भी मांगे हैं वह ज़िला स्तर से संबंधित नहीं हैं. सभी मांगे प्रदेश स्तर से संबंधित हैं हमने इनके जिला स्तर के नेताओं से बात की और हमने उनको समझाया कि को कोरोना टीकाकरण का महत्व बहुत है. इस टीकाकरण को रोकना सही नहीं है. अपना काम करते रहे और उसके अलावा जो डेमोक्रोटेक तरीके हैं विरोध प्रदर्शन के वह करते रहे.


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