रामपुर: आजम खां के खिलाफ मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीने कब्जाने और यूनिवर्सिटी में सरकारी धन के दुरुपयोग के मामलों में आजम खान के फंस जाने के बाद अब उस समय के अधिकारियों की भी खैर नहीं है. इन्होंने भ्रष्टाचार और गलत तरीके से सरकार के करोड़ों रुपये के घोटालों में सहयोग किया था. इन अधिकारियों में लेखपाल, तहसीलदार से लेकर कई पीसीएस और आईएएस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
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- सपा की सरकार में नगर विकास मंत्री रहे आजम खां के समय में हजारों करोड़ रुपये की विकास योजनाएं रामपुर में आई और बड़े पैमाने पर यहां विकास कार्य हुआ.
- योगी सरकार बनते ही पिछली सरकार में हुए विकास कार्यों की परतें खुलती चली गईं.
- एक के बाद एक भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ गए, जिनमें सीधे तौर पर पूर्व मंत्री आजम खां को आरोपी बनाया गया.
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ड्रीम प्रोजेक्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए करोड़ों रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग, सरकारी जमीनों पर कब्जे, शत्रु संपत्ति गलत तरीके से कब्जाने जैसे न जाने कितने मामलों में आजम खां फंस गए. भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के इन मामलों में आजम खान पर हुई कार्रवाई के बाद अब तत्कालीन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
यहां के चीफ जस्टिस आजम खां थे. वे जो अधिकारी से कहते थे अधिकारी डर से उनका काम करते थे. पूरी योजनाओं का पूरी तरह से दोहन हुआ है. आजम खां नगर विकास मंत्री थे, उनके पास सीएनडीएस हो या जल निगम और भी कई विभाग थे. जिनके पास सरकार का सारा पैसा जाता था और इन एजेंसियों द्वारा आजम खां के कहने पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जाता था. बहुत बड़े-बड़े ठेकेदार थे, जिनको ठेके दिए जाते थे और यूनिवर्सिटी को भी इसका फंड जाता था.
-बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री