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अगर जेल जाना ही है तो लड़कर जाएंगे, अब्दुल्ला आजम का योगी सरकार पर निशाना

आजम खान के बेटे और सपा विधायक अब्दुल्ला आजम ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर हमें जेल जाना ही है तो घर बैठकर नहीं लड़ कर जेल जाएंगे. अब्दुल्ला आजम का ये बयान उनके पिता आजम खान पर दर्ज 2 नए मुकदमे के बाद आया है.

अब्दुल्ला आजम.
अब्दुल्ला आजम.
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Published : Aug 19, 2022, 11:41 AM IST

Updated : Aug 19, 2022, 12:04 PM IST

रामपुर: 'बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह' शायद यह जुमला सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे एवं विधायक अब्दुल्ला आजम पर सही फिट बैठता है. क्योंकि उनसे पहले उनके पिता आजम खान कई बार खुले मंच से विवादित बयान देते आए हैं. अब उन्हीं की राह पर बेटे अब्दुल्ला आजम भी चल पड़े हैं. अब्दुल्ला आजम ने गुरुवार रात सपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के साथ जनसभा की. जहां उन्होंने योगी सरकार के खिलाफ खुले मंच से आंदोलन की धमकी देते हुए कहा कि अगर हमें जेल ही जाना है तो लड़कर जाएंगे घर बैठकर नहीं.

भाषण देते अब्दुल्ला आजम.

गौरतलब है कि गवाहों को धमकाने के मामले में अभी हाल ही में आजम खान पर रामपुर में 2 नए मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिसके विरोध में अब्दुल्ला आजम ने अब सरकार को ही चुनौती दे डाली है.

अब्दुल्ला आजम ने कहा कि वह दौर नहीं है और उस बर्बादी के लिए हम और आप तैयार हैं. बर्दाश्त की एक कूवत होती है और वह कुव्वत अब खत्म हो चुकी है और जब हमारा मुकद्दर अगर आपने जेल में ही तय कर दिया है तो फिर घर बैठकर नहीं लड़ कर जेल जाएंगे'.

अब्दुल्ला आजम ने अपने भाषण में कहा कि तमाशा बन गया है, जिसका दिल चाह रहा है वह आता है तहरीर देता है और FIR हो जाती है. कल तो एक निराली बात हुई जब समाजवादी पार्टी के तमाम लोग गए और मालूम करने की कोशिश की आखिर ये क्या हो रहा है (आजम खान पर मुकदमे के संदर्भ में) तो जवाब आया कि साहब वो तो बड़े मासूम (गवाह) लोग थे, आंखों मे आंसू लेकर आए, जिसे देखते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई.

आजम खान ने कहा कि इतनी रहम दिल पुलिस इतना एहसास दिल में रखने वाली पुलिस, उस वक्त कहा थीं जब उस हाथरस की बेटी का पूरा परिवार रो-रो कर कह रहा था कि रात के अंधेरे में उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाए. तब कहां था पुलिस का यह एहसास.

अब्दुल्ला आजम ने कहा पिछली बार यह सोच कर चुप बैठे कि शायद यह जुल्म की इंतेहा बस यहीं तक हैं, अपने पैरों को समेटे रखा, लेकिन इस बार वह पैर नहीं सिमटे रहेंगे. हम रामपुर की इंतजामिया से भी मिले हैं और शायद परसों समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन भी डीजीपी साहब से मिलने वाला है. आज मैं और करीबन सब रामपुर के कुछ जिम्मेदारान और समाजवादी पार्टी के करीबन 8 से 10 विधायक और सांसद डीआईजी साहब के पास गए थे. उन्हें पूरे हालात और वाक्य बताएं. अगले 4 से 5 दिन में इन FIR की सच्चाई फाइनल रिपोर्ट नहीं लग जाती और इन झूठी FIR कराने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती तो उसके बाद हमारे पास सड़कों पर आने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

अब्दुल्ला आजम ने कहा कि इंशाअल्लाह लड़ेंगे, मजबूती से लड़ेंगे. देखो मैं जूते उतारकर चप्पल पहन कर आया हूं कि जहां मौका मिलेगा. चप्पल उतार कर वहीं बैठ जाऊंगा. वादा, जिएंगे इंशा अल्लाह और वकार और गैरत के साथ जिएंगे, कोई शहर का बदनाम और घटिया इंसान रामपुर वालों पर या शरीफ लोगों के ऊपर इल्जाम लगाने की हिम्मत नहीं कर सकेगा और जब रामपुर वालों की इज्जत पर आएगी और तो रामपुर वाले अपनी इज्जत के लिए लड़ाई लड़ेंगे.

इसे भी पढे़ं- सपा नेता आजम खान की बढ़ी मुश्किलें, गवाहों को धमकाने के आरोप में एक और FIR

रामपुर: 'बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह' शायद यह जुमला सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे एवं विधायक अब्दुल्ला आजम पर सही फिट बैठता है. क्योंकि उनसे पहले उनके पिता आजम खान कई बार खुले मंच से विवादित बयान देते आए हैं. अब उन्हीं की राह पर बेटे अब्दुल्ला आजम भी चल पड़े हैं. अब्दुल्ला आजम ने गुरुवार रात सपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के साथ जनसभा की. जहां उन्होंने योगी सरकार के खिलाफ खुले मंच से आंदोलन की धमकी देते हुए कहा कि अगर हमें जेल ही जाना है तो लड़कर जाएंगे घर बैठकर नहीं.

भाषण देते अब्दुल्ला आजम.

गौरतलब है कि गवाहों को धमकाने के मामले में अभी हाल ही में आजम खान पर रामपुर में 2 नए मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिसके विरोध में अब्दुल्ला आजम ने अब सरकार को ही चुनौती दे डाली है.

अब्दुल्ला आजम ने कहा कि वह दौर नहीं है और उस बर्बादी के लिए हम और आप तैयार हैं. बर्दाश्त की एक कूवत होती है और वह कुव्वत अब खत्म हो चुकी है और जब हमारा मुकद्दर अगर आपने जेल में ही तय कर दिया है तो फिर घर बैठकर नहीं लड़ कर जेल जाएंगे'.

अब्दुल्ला आजम ने अपने भाषण में कहा कि तमाशा बन गया है, जिसका दिल चाह रहा है वह आता है तहरीर देता है और FIR हो जाती है. कल तो एक निराली बात हुई जब समाजवादी पार्टी के तमाम लोग गए और मालूम करने की कोशिश की आखिर ये क्या हो रहा है (आजम खान पर मुकदमे के संदर्भ में) तो जवाब आया कि साहब वो तो बड़े मासूम (गवाह) लोग थे, आंखों मे आंसू लेकर आए, जिसे देखते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई.

आजम खान ने कहा कि इतनी रहम दिल पुलिस इतना एहसास दिल में रखने वाली पुलिस, उस वक्त कहा थीं जब उस हाथरस की बेटी का पूरा परिवार रो-रो कर कह रहा था कि रात के अंधेरे में उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाए. तब कहां था पुलिस का यह एहसास.

अब्दुल्ला आजम ने कहा पिछली बार यह सोच कर चुप बैठे कि शायद यह जुल्म की इंतेहा बस यहीं तक हैं, अपने पैरों को समेटे रखा, लेकिन इस बार वह पैर नहीं सिमटे रहेंगे. हम रामपुर की इंतजामिया से भी मिले हैं और शायद परसों समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन भी डीजीपी साहब से मिलने वाला है. आज मैं और करीबन सब रामपुर के कुछ जिम्मेदारान और समाजवादी पार्टी के करीबन 8 से 10 विधायक और सांसद डीआईजी साहब के पास गए थे. उन्हें पूरे हालात और वाक्य बताएं. अगले 4 से 5 दिन में इन FIR की सच्चाई फाइनल रिपोर्ट नहीं लग जाती और इन झूठी FIR कराने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती तो उसके बाद हमारे पास सड़कों पर आने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

अब्दुल्ला आजम ने कहा कि इंशाअल्लाह लड़ेंगे, मजबूती से लड़ेंगे. देखो मैं जूते उतारकर चप्पल पहन कर आया हूं कि जहां मौका मिलेगा. चप्पल उतार कर वहीं बैठ जाऊंगा. वादा, जिएंगे इंशा अल्लाह और वकार और गैरत के साथ जिएंगे, कोई शहर का बदनाम और घटिया इंसान रामपुर वालों पर या शरीफ लोगों के ऊपर इल्जाम लगाने की हिम्मत नहीं कर सकेगा और जब रामपुर वालों की इज्जत पर आएगी और तो रामपुर वाले अपनी इज्जत के लिए लड़ाई लड़ेंगे.

इसे भी पढे़ं- सपा नेता आजम खान की बढ़ी मुश्किलें, गवाहों को धमकाने के आरोप में एक और FIR

Last Updated : Aug 19, 2022, 12:04 PM IST
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