रामपुर : जिले के गांव सीदनगर निवासी प्रताप सिंह की पत्नी अपने मायके गई हुई थी. मायके में उसके 18 माह के बेटे पवन को खांसी हुई तो वह उसको दिखाने थाना भोट में एक झोलाछाप डॉ. के पास गई. झोलाछाप डॉ. ने मासूम बच्चे के इंजेक्शन लगाया, जिससे मासूम की मौत हो गई.
क्या है मामला
- मासूम के नाना ने बताया कि जब मासूम बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर गये तो उसने बच्चे को दवाई दी और अपने कम्पाउंडर से इंजेक्शन लगाने को कहा. परिजनों ने विरोध किया तो डॉक्टर ने मासूम के इंजेक्शन लगा दिया.
- इसके बाद मासूम की हालत और बिगड़ गई, जिसको देखकर डॉक्टर घबरा गया.
- उसने बच्चे को दूसरे डॉक्टर के पास ले जाने को कहा. परिजन बच्चे को दूसरे डॉक्टर के पास ले जाने लगे तो उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
- बच्चे के परिजन जब वापस झोलाछाप डॉक्टर के पास आए तो वह अपना क्लीनिक बंद करके फरार हो गया था.
प्रताप सिंह का 18 माह का बच्चा बीमार था. उसको दिखाने के लिए वे झोलाछाप डॉक्टर खज़ान सिंह की क्लीनिक पर गये थे. इंजेक्शन और दवाई देने से बच्चे की मौत हो गई. इस वजह से बच्चे के घर वालों ने डॉक्टर के ख़िलाफ़ थाना भोट में मुकदमा दर्ज कराया है. जांच की जा रही है.
-विद्या किशोर, सीओ, भोट