रायबरेली: पश्चिम बंगाल से आकर जिले में अपने परिवार का पेट पालने के लिए फेरी लगाने वाले अब घर वापसी की गुहार लगा रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से ये लोग जिले में ही फंस गए थे. लॉकडाउन के छह हफ्ते बीत चुके हैं और इनके पास जो भी राशन था वो समाप्त हो चुका है. वहीं अब ये लॉकडाउन के खत्म होने की आस छोड़ चुके हैं. ये लोग शहर के बड़ा घोसियाना में किराए के मकान में रहते हैं.
नहीं मिली ममता सरकार से मदद
ये फेरीवाले अपने घर जाना चाहते हैं ताकि अपने परिवार के साथ वक्त बिता सकें. इनका कहना है कि पश्चिम बंगाल की सरकार का कोई हेल्प लाइन नंबर इनके पास नहीं है. हालांकि इनके गांव के सरपंच इनका नाम और पता इनके घर से ले गए थे. बताया था कि जल्द ममता सरकार आप सभी को घर बुला लेगी पर कई दिन बीत गए कुछ नहीं हुआ. अब इन्हें योगी सरकार से उम्मीद है कि इनकी घर वापसी जल्द होगी.
जनसुनवाई पोर्टल में नाम दर्ज
इन लोगों के घर के चूल्हे ठंडे पड़े हैं. मुख्यमंत्री के श्रमिकों को उनके गांव भेजने के फैसले से इन्हें उम्मीद जगी है, लेकिन यह जानते नहीं हैं कौन सी ट्रेन कौन सी बस इन्हें अपने गांव लेकर जाएगी. एक स्थानीय व्यक्ति के जरिए इन्होंने स्थानीय चौकी इंचार्ज को अपना आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज दे दिए हैं ताकि जनसुनवाई पोर्टल के जरिए यह अपने घर जा सकें. स्थानीय प्रशासन को मीडिया ने जब इसकी जानकारी दी तो प्रशासन ने इन सभी के नाम जनसुनवाई पोर्टल में दर्ज कराकर इनकी घर वापसी की कार्रवाई शुरू करने की बात कही है.