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ग्रामीणों ने अधिकारियों से लगाई दबंगों से आजादी दिलाने की गुहार

साहूकुआं ग्रामसभा के निवासियों का आरोप है कि ग्रामसभा में पिछले 7 दशकों से प्रधानी व ब्लाॅक प्रमुख की सीट पर एक दबंग परिवार का कब्जा है जिससे इनकी मनमानी चल रही है. इसके चलते गांव का विकास तक नहीं हो सका. इस बार भी मतदान के दिन दोपहर के बाद दबंग जबरन वोटिंग कराने लगे. विरोध करने पर इनसे मारपीट की.

दबंगों से आजादी दिलाने की ग्रामीणों ने एसपी से लगाई गुहार
दबंगों से आजादी दिलाने की ग्रामीणों ने एसपी से लगाई गुहार
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Published : Apr 19, 2021, 4:59 PM IST

रायबरेली : पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर सोमवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब हाथों में "हमें दबंगों से आजादी चाहिए" लिखी तख्तियां लिए 50 से अधिक महिलाएं व पुरुष नारेबाजी करते हुए यहां प्रदर्शन करने लगे. इन लोगों का आरोप था कि 70 सालों से उनके गांव का एक परिवार प्रधान व ब्लाॅक प्रमुख के पद पर काबिज है.

इस बार प्रधान का पद आरक्षित हुआ तो इन लोगों ने अपने बीच से एक व्यक्ति को खड़ा किया. पर इस दबंग परिवार ने इनके ही वर्ग के अपने एक मजदूर को प्रधान पद पर चुनाव लड़ा दिया. साथ ही गांव वालों को उनके प्रत्याशी को वाेट तक नहीं देने दिया. मारपीट भी की गई और बेइज्जत भी किया गया. इनकी शिकायत पर थानेदार ने भी कोई सुनवाई नहीं की.

दबंगों से आजादी दिलाने की ग्रामीणों ने एसपी से लगाई गुहार

यह भी पढ़ें : मतदान के बाद मतदाता ने बैलेट पेपर सोशल मीडिया पर किया वायरल, जांच शुरू

'हम सत्तर साल से गुलाम है'

हाथों में 'हमें दबंगों से आजादी चाहिए" व "हम सत्तर साल से गुलाम हैं" लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे 50 से अधिक ये महिलाएं व पुरुष जिले के जगतपुर थाना क्षेत्र के सांहूकुआं ग्रामसभा के निवासी है. इनका आरोप है कि साहूकुआं ग्रामसभा में पिछले 7 दशकों से प्रधान व ब्लाॅक प्रमुख की सीट पर एक दबंग परिवार का कब्जा होने से इनकी मनमानी चल रही है. इससे गांव का विकास नहीं हुआ. इस बार भी मतदान के दिन दोपहर के बाद दबंग जबरन वोटिंग कराने लगे.

इन लोगों ने इसका विरोध किया तो दबंग मारपीट करने लगे. गाली-गलौज भी की. बताया कि थाने पर सुनवाई ना होने पर मजबूरन इन लोगों को न्याय मांगने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय आना पड़ा. पुलिस अधीक्षक के अनुपस्थित होने के चलते ग्रामीणों को यहां भी मायूसी हाथ लगी. हालांकि पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति में मातहतों ने प्रदर्शनकारियों की की फरियाद सुनीं. इनका शिकायती पत्र भी लिया. जांच कर दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया.

रायबरेली : पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर सोमवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब हाथों में "हमें दबंगों से आजादी चाहिए" लिखी तख्तियां लिए 50 से अधिक महिलाएं व पुरुष नारेबाजी करते हुए यहां प्रदर्शन करने लगे. इन लोगों का आरोप था कि 70 सालों से उनके गांव का एक परिवार प्रधान व ब्लाॅक प्रमुख के पद पर काबिज है.

इस बार प्रधान का पद आरक्षित हुआ तो इन लोगों ने अपने बीच से एक व्यक्ति को खड़ा किया. पर इस दबंग परिवार ने इनके ही वर्ग के अपने एक मजदूर को प्रधान पद पर चुनाव लड़ा दिया. साथ ही गांव वालों को उनके प्रत्याशी को वाेट तक नहीं देने दिया. मारपीट भी की गई और बेइज्जत भी किया गया. इनकी शिकायत पर थानेदार ने भी कोई सुनवाई नहीं की.

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'हम सत्तर साल से गुलाम है'

हाथों में 'हमें दबंगों से आजादी चाहिए" व "हम सत्तर साल से गुलाम हैं" लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे 50 से अधिक ये महिलाएं व पुरुष जिले के जगतपुर थाना क्षेत्र के सांहूकुआं ग्रामसभा के निवासी है. इनका आरोप है कि साहूकुआं ग्रामसभा में पिछले 7 दशकों से प्रधान व ब्लाॅक प्रमुख की सीट पर एक दबंग परिवार का कब्जा होने से इनकी मनमानी चल रही है. इससे गांव का विकास नहीं हुआ. इस बार भी मतदान के दिन दोपहर के बाद दबंग जबरन वोटिंग कराने लगे.

इन लोगों ने इसका विरोध किया तो दबंग मारपीट करने लगे. गाली-गलौज भी की. बताया कि थाने पर सुनवाई ना होने पर मजबूरन इन लोगों को न्याय मांगने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय आना पड़ा. पुलिस अधीक्षक के अनुपस्थित होने के चलते ग्रामीणों को यहां भी मायूसी हाथ लगी. हालांकि पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति में मातहतों ने प्रदर्शनकारियों की की फरियाद सुनीं. इनका शिकायती पत्र भी लिया. जांच कर दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया.

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