रायबरेली: शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र सहित संबंधित दस्तावेज जांचे जाने के शासनादेश के बाद अब जिले में भी यह प्रक्रिया तेजी पकड़ती दिख रही है. जनपद में 46 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय व 40 राजकीय विद्यालय संचालित हैं. सभी के शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कार्य किया जाना है. प्रक्रिया को 4 अगस्त तक पूरा किए जाने के निर्देश भी मुख्यालय द्वारा जारी किए गए हैं. कोरोना काल में बड़ी संख्या में शिक्षकों के अभिलेखों का मिलान करना व सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा करना निश्चित ही विभाग के लिए अहम जिम्मेदारी का कार्य है. ऐसे में शासन के फरमान के बाद से इसको लेकर शिक्षकों में भी हलचल देखी जा रही है.
किया जा रहा सत्यापन
रायबरेली के डीआईओएस चंद्रशेखर मालवीय ने बताया कि शासन के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों व प्रधानाचार्य के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाना है. जिले के सभी राजकीय व अशासकीय एडेड विद्यालयों के शिक्षकों के अभिलेखों के सत्यापन कार्य की शुरुआत हो चुकी है. सभी अभिलेखों का मूल के साथ मिलान किया जा रहा है. सभी अभिलेखों के सत्यापन हेतु विश्वविद्यालयों व बोर्ड को भेजा जाएगा. उनकी संस्तुति मिलने के बाद ही प्रक्रिया पूरी होगी. यदि कहीं भी त्रुटि या विसंगति पाई जाती है, तब निर्धारित नियमों के तहत विधिक कार्रवाई भी की जाएगी.
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग में अनामिका शुक्ला प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद बड़े पैमाने पर जाली अभिलेखों के जरिए नौकरी करने के मामले उजागर हुए थे. इसके बाद से पहले बेसिक शिक्षा विभाग फिर बाद में माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के भी अभिलेखों के सत्यापन के निर्देश मुख्यालय द्वारा जारी किए गए थे.