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नवंबर 2017 की भयावह दुर्घटना से आगे बढ़ चुका है NTPC ऊंचाहार: सीजीएम अश्वनी त्रिपाठी - ntpc unchain accident

अब से करीब 23 माह पहले 1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार में बायलर फटने से भीषण दुर्घटना हुई थी. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने एनटीपीसी के चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी से बातचीत की, जहां उन्होंने कहा कि उस दुर्घटना को भूलते हुए प्लांट सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.

चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी
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Published : Oct 3, 2019, 5:33 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: अब से करीब 23 माह पहले 1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार में बायलर फटने से भीषण दुर्घटना हुई थी. इस हादसें में बड़ी संख्या में जनहानि हुई थी. 45 लोगों की मौत हुई थी. वहीं घायलों की भी काफी तादात रही थी, साथ ही आर्थिक रूप से भी एनटीपीसी ऊंचाहार को भारी क्षति उठानी पड़ी थी. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने एनटीपीसी ऊंचाहार चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी से बातचीत की.

अब से ठीक 23 माह पहले हुई थी NTPC ऊंचाहार दुर्घटना.

पढ़ें: एनटीपीसी ऊंचाहार जल्द ही बनेगा 'जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट'

चीफ जनरल मैनेजर ने कहा कि
एनटीपीसी ऊंचाहार चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि निश्चित रुप से नवंबर 2017 का हादसा कभी न भूलने वाली घटना है. उस भयावह दुर्घटना से सबक लेते हुए अब ऊंचाहार यूनिट सुरक्षा के नए जुड़े मापदंडों समेत सभी गाइडलाइंस को पूरी तरह पालन करते हुए सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. सीजीएम कहते हैं कि हादसे के करीब 13 माह बाद दिसंबर 2018 में प्लांट की दुर्घटनाग्रस्त छठी यूनिट ने उत्पादन करना पुनः से शुरू कर दिया है.

जांच के लिए जांज दलों का किया था गठन
सीईए (सेंट्रल इलेक्ट्रीसिटी आथॉरिटी) की रिपोर्ट का उल्लेख करते सीजीएम कहते है, कि हादसे से सबक लेते हुए विभिन्न जांच दलों का गठन किया गया था और उन सभी जांच रिपोर्ट से निष्कर्ष निकालते हुए सीईए ने देशभर के तमाम थर्मल पॉवर प्लांट के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए थे.'लेसन फ्रॉम एनटीपीसी ऊंचाहार इंसिडेंट' या 'एनटीपीसी ऊंचाहार की दुर्घटना से सबक' विशेष अंक भी जारी किया गया है.

अश्विनी कुमार त्रिपाठी दावा करते हैं कि अतीत से सबक लेते हुए वर्तमान में बेहतर और भविष्य में बेहतरीन उत्पादन क्षमता की ओर बढ़ते हुए एनटीपीसी ऊंचाहार सुरक्षा मानकों से किसी प्रकार का समझौता न करते हुए आगे बढ़ रहा है और देश के चुनिंदा हाई क्लास थर्मल पॉवर प्लांट में शुमार है.

रायबरेली: अब से करीब 23 माह पहले 1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार में बायलर फटने से भीषण दुर्घटना हुई थी. इस हादसें में बड़ी संख्या में जनहानि हुई थी. 45 लोगों की मौत हुई थी. वहीं घायलों की भी काफी तादात रही थी, साथ ही आर्थिक रूप से भी एनटीपीसी ऊंचाहार को भारी क्षति उठानी पड़ी थी. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने एनटीपीसी ऊंचाहार चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी से बातचीत की.

अब से ठीक 23 माह पहले हुई थी NTPC ऊंचाहार दुर्घटना.

पढ़ें: एनटीपीसी ऊंचाहार जल्द ही बनेगा 'जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट'

चीफ जनरल मैनेजर ने कहा कि
एनटीपीसी ऊंचाहार चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि निश्चित रुप से नवंबर 2017 का हादसा कभी न भूलने वाली घटना है. उस भयावह दुर्घटना से सबक लेते हुए अब ऊंचाहार यूनिट सुरक्षा के नए जुड़े मापदंडों समेत सभी गाइडलाइंस को पूरी तरह पालन करते हुए सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. सीजीएम कहते हैं कि हादसे के करीब 13 माह बाद दिसंबर 2018 में प्लांट की दुर्घटनाग्रस्त छठी यूनिट ने उत्पादन करना पुनः से शुरू कर दिया है.

जांच के लिए जांज दलों का किया था गठन
सीईए (सेंट्रल इलेक्ट्रीसिटी आथॉरिटी) की रिपोर्ट का उल्लेख करते सीजीएम कहते है, कि हादसे से सबक लेते हुए विभिन्न जांच दलों का गठन किया गया था और उन सभी जांच रिपोर्ट से निष्कर्ष निकालते हुए सीईए ने देशभर के तमाम थर्मल पॉवर प्लांट के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए थे.'लेसन फ्रॉम एनटीपीसी ऊंचाहार इंसिडेंट' या 'एनटीपीसी ऊंचाहार की दुर्घटना से सबक' विशेष अंक भी जारी किया गया है.

अश्विनी कुमार त्रिपाठी दावा करते हैं कि अतीत से सबक लेते हुए वर्तमान में बेहतर और भविष्य में बेहतरीन उत्पादन क्षमता की ओर बढ़ते हुए एनटीपीसी ऊंचाहार सुरक्षा मानकों से किसी प्रकार का समझौता न करते हुए आगे बढ़ रहा है और देश के चुनिंदा हाई क्लास थर्मल पॉवर प्लांट में शुमार है.

Intro:रायबरेली:1 नवंबर 2017 की भयावाह दुर्घटना से आगे बढ़ चुका है एनटीपीसी ऊंचाहार - सीजीएम

01 अक्टूबर 2019 - रायबरेली

अब से ठीक 23 माह पूर्व 1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार में बायलर फटने से भीषण दुर्घटना हुई थी।इस हादसें में बड़ी संख्या में जनहानि हुई थी,घायलों की भी काफी तादात रही,साथ ही आर्थिक रुप से भी एनटीपीसी ऊंचाहार को भारी क्षति उठानी पड़ी थी।हालांकि दिल दहला देने वाली दुर्घटना से उबरते हुए एनटीपीसी दुर्घटनाग्रस्त यूनिट नंबर 6 को 14 दिसंबर 2018 को दोबारा से संजीवनी देकर जीवित करने में क़ामयाब रहा पर नवंबर के नज़दीक आते ही दुर्घटना के भयावह मंजर बरबस ही याद आ जाते है।नवंबर 2017 की घटना से सबक लेकर एनटीपीसी ऊंचाहार अपना सुरक्षा तंत्र किस हद तक अभेद बनाने में क़ामयाब हो पाया है इसी विषय पर ETV भारत प्लांट के प्रभारी व सीजीएम से बातचीत की।





Body:एनटीपीसी ऊंचाहार चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया कि निश्चित रुप से नवंबर 2017 का हादसा कभी न भूलने वाली घटना रहेगी पर उस भयावह दुर्घटना से सबक लेते हुए अब ऊंचाहार यूनिट सुरक्षा के नए जुड़े मापदंडों समेत सभी गाइडलाइंस को पूरी तरह पालन करते हुए सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।सीजीएम कहते हैं कि हादसें के करीब 13 माह बाद दिसंबर 2018 में प्लांट की दुर्घटनाग्रस्त छठी यूनिट ने उत्पादन करना पुनः से शुरू कर दिया गया।

सीईए(सेंट्रल इलेक्ट्रीसिटी आथॉरिटी) की रिपोर्ट का उल्लेख करते सीजीएम कहते है कि हादसें को लेकर विभिन्न जांच दलों का गठन किया गया था,उन सभी जांच रिपोर्ट से निष्कर्ष निकालते हुए सीईए ने देशभर के तमाम थर्मल पॉवर प्लांट के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए थे।'लेसन फ्रॉम एनटीपीसी ऊंचाहार इंसिडेंट' या 'एनटीपीसी ऊंचाहार की दुर्घटना से सबक' विशेष अंक भी जारी किया गया है।

अश्विनी कुमार त्रिपाठी दावा करते है कि अतीत से सबक लेते हुए वर्तमान में बेहतर व भविष्य में बेहतरीन उत्पादन क्षमता की ओर बढ़ते हुए एनटीपीसी ऊंचाहार सुरक्षा मानकों से किसी प्रकार का समझौता न करते हुए आगे बढ़ रहा है और देश के चुनिंदा हाई क्लास थर्मल पॉवर प्लांट में शुमार है।












Conclusion:गौरतलब है कि 1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार के प्लांट में यूनिट नंबर 6 के बॉयलर के फट जाने से बड़ा विस्फोट हुआ था। जिसके चपेट में आने से 45 लोगों की जानें गई थी और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।इस दौरान यूनिट 6 के पुनरुद्धार में लगभग 145 करोड़ रुपए की लागत आई साथ ही उत्पादन के बंद रहने के कारण 400 करोड़ का नुकसान भी एनटीपीसी को उठाना पड़ा था।एनटीपीसी ऊंचाहार की सबसे बड़ी प्रोडक्शन यूनिट नंबर 6 में कुल 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता उपलब्ध है।एनटीपीसी की इस इकाई से सबसे ज्यादा आपूर्ति उत्तर प्रदेश को की जाती उसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का नंबर आता है।

बाइट : अश्विनी कुमार त्रिपाठी - सीजीएम, एनटीपीसी - ऊंचाहार

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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