रायबरेली: अब से करीब 23 माह पहले 1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार में बायलर फटने से भीषण दुर्घटना हुई थी. इस हादसें में बड़ी संख्या में जनहानि हुई थी. 45 लोगों की मौत हुई थी. वहीं घायलों की भी काफी तादात रही थी, साथ ही आर्थिक रूप से भी एनटीपीसी ऊंचाहार को भारी क्षति उठानी पड़ी थी. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने एनटीपीसी ऊंचाहार चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी से बातचीत की.
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चीफ जनरल मैनेजर ने कहा कि
एनटीपीसी ऊंचाहार चीफ जनरल मैनेजर अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि निश्चित रुप से नवंबर 2017 का हादसा कभी न भूलने वाली घटना है. उस भयावह दुर्घटना से सबक लेते हुए अब ऊंचाहार यूनिट सुरक्षा के नए जुड़े मापदंडों समेत सभी गाइडलाइंस को पूरी तरह पालन करते हुए सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. सीजीएम कहते हैं कि हादसे के करीब 13 माह बाद दिसंबर 2018 में प्लांट की दुर्घटनाग्रस्त छठी यूनिट ने उत्पादन करना पुनः से शुरू कर दिया है.
जांच के लिए जांज दलों का किया था गठन
सीईए (सेंट्रल इलेक्ट्रीसिटी आथॉरिटी) की रिपोर्ट का उल्लेख करते सीजीएम कहते है, कि हादसे से सबक लेते हुए विभिन्न जांच दलों का गठन किया गया था और उन सभी जांच रिपोर्ट से निष्कर्ष निकालते हुए सीईए ने देशभर के तमाम थर्मल पॉवर प्लांट के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए थे.'लेसन फ्रॉम एनटीपीसी ऊंचाहार इंसिडेंट' या 'एनटीपीसी ऊंचाहार की दुर्घटना से सबक' विशेष अंक भी जारी किया गया है.
अश्विनी कुमार त्रिपाठी दावा करते हैं कि अतीत से सबक लेते हुए वर्तमान में बेहतर और भविष्य में बेहतरीन उत्पादन क्षमता की ओर बढ़ते हुए एनटीपीसी ऊंचाहार सुरक्षा मानकों से किसी प्रकार का समझौता न करते हुए आगे बढ़ रहा है और देश के चुनिंदा हाई क्लास थर्मल पॉवर प्लांट में शुमार है.