रायबरेली: बी. फार्मा के छात्र आदित्य प्रताप सिंह की हत्या के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सोमू ढाबे के अवैध अतिक्रमण को हटा लेने की चेतावनी के बाद शनिवार को ढाबे के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया स्थगित हो गई. आपको बता दें हत्या के बाद से अवैध रूप से संचालित ढाबे पर प्रशासन नकेल कसने की तैयारी में था. बीते 9 अक्टूबर की रात शहर में हुए बी. फार्मा के छात्र आदित्य प्रताप उर्फ रवि सिंह हत्याकांड के मामले में सोमू ढाबा ही रहा था.
जानें क्या था पूरा मामला-
- विकास प्राधिकरण द्वारा 15 दिन में सोमू ढाबा के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए गए थे.
- नौ अक्टूबर को डी. फार्मा के छात्र आदित्य प्रताप सिंह की हत्या के मामले में सोमू ढाबा सुर्खियों में आया था.
- मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष आर पी यादव को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
- लेकिन उसके बाद अचानक विभागीय अधिकारियों ने एक्शन लेने से पहले हाथ खड़े कर दिए.
- सोमू ढाबे के अवैध अतिक्रमण को हटा लेने की चेतावनी के बाद भी ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया स्थगित हो गई.
- हत्याकांड के विरोध में सड़कों पर उतरे लोगों के आक्रोश को भांपते हुए प्रशासन हरकत में आया था.
हत्या के बाद लोगों में आक्रोश-
हत्याकांड के विरोध में सड़कों पर उतरी शहर की भीड़ के आक्रोश को भांपते हुए प्रशासन हरकत में आया था और ढाबे से जुड़े तमाम अभिलेखों की जांच पड़ताल किए जाने की बात भी कही थी. मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष आर पी यादव को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. स्थानीय प्रशासन की सख्ती के चलते सोमू ढाबा से जुड़े हुए नरेश स्वीट्स को भी कुछ दिन सील किया गया था. बाद में प्राधिकरण ने नरमी बरतते हुए उसके संचालन का आदेश जारी किया था.
रायबरेली विकास प्राधिकरण के सचिव अजय कुमार राय ने बताया कि सोमू ढाबा के ध्वस्तीकरण का आदेश प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया था. लेकिन कमिश्नर कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण अभी कार्रवाई नहीं की जा सकी है. कमिश्नर न्यायालय से जो कुछ भी निर्णय इस मसले भी दिया जाएगा उसी के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
अजय कुमार राय, अधिशासी अभियंता