रायबरेली: सदर विधानसभा से 2017 में कांग्रेस विधायक चुनी गईं अदिति सिंह द्वारा बीते बुधवार को पार्टी लाइन से हटकर किए गए ट्वीट पर सियासी संग्राम छिड़ चुका है. रायबरेली कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में एमएलए अदिति सिंह पर करारा प्रहार करते हुए उन्हें पार्टी का विधायक मानने से इनकार कर दिया है.
विधायक को बताया बीजेपी का एजेंट
पंकज तिवारी ने रायबरेली की हरचंदपुर विधानसभा से दूसरे कांग्रेसी विधायक राकेश सिंह को भी पार्टी का विधायक न मानते हुए उन्हें भी बीजेपी का एजेंट बताया. विधायक राकेश सिंह एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के छोटे भाई है और पंचवटी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. एमएलसी दिनेश सिंह ने भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था और तभी से उनके भाई भी भगवा रंग में डूबे नजर आने लागे थे.
अदिति सिंह के खिलाफ जारी हुआ था नोटिस
हालांकि रायबरेली में कांग्रेस के दो विधायक होने के बावजूद दोनों का बीजेपी का गुणगान करना पार्टी संगठन को इस कदर अखरता है कि अब पार्टी उन दोनों को कांग्रेस का सदस्य ही नहीं मानती है. एमएलए अदिति सिंह को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी ने कहा कि जब 2 अक्टूबर 2019 को कांग्रेस पार्टी ने व्हिप जारी करते हुए सभी विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में भाग ना लेने की नसीहत दी थी.
पार्टी की नसीहत के बावजूद अदिति सिंह सदन की कार्यवाही में भाग लेने विधानसभा पहुंची थी. उसी वक्त कांग्रेस की सीएलपी लीडर आराधना मिश्रा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष से उनकी सदस्यता रद्द करने को लेकर एक रिट दायर की गई थी. साथ ही अदिति सिंह को भी पार्टी की तरफ से 'शो कॉज' नोटिस जारी हुआ था.
सदस्यता रद्द होनी तय
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बताया कि दुर्भाग्यवश ना तो अदिति सिंह ने उस नोटिस का कोई जवाब दिया और ना ही विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस की तरफ से दायर की गई रिट की सुनवाई हुई. निश्चित तौर पर विधानसभा अध्यक्ष भाजपा के सदस्य रहे हैं. इसीलिए इसमें देरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि अदिति सिंह की सदस्यता रद्द होनी तय है. इसमें कोई संशय नहीं है.
प्राथमिक सदस्यता पहले ही रद्द
पंकज तिवारी की दावा है कि अदिति सिंह की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी उसी दौरान निलंबित की जा चुकी थी. यही कारण है कि अब वह कांग्रेस पार्टी की सदस्य अथवा विधायक नहीं करार दी जा सकतीं. पंकज यह भी कहते है कि बसों के मुद्दे पर भाजपा सरकार का अड़ियल रवैया यह दर्शाता है कि सरकार को श्रमिकों की कोई फिक्र नहीं है. कांग्रेसी कार्यकर्ता सरकार के शोषण को बर्दाश्त नही करेगा और जल्द ही रणनीति बनाकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.