रायबरेली: धान की फसल को खरीदने के लिए बने धान क्रय केंद्र किसानों को मुंह चिढा रहे हैं. किसान अपनी फसल को बेचने के लिए जब क्रय केंद्र पहुंचता है तो वहां मौजूद कर्मचारी और अधिकारी कभी बोरे न होने का बहाना बनाते हैं तो कभी कुछ और. जिसकी वजह से किसानों को केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. कुछ किसान तो अधिकारियों के बताए दिन अपनी उपज लेकर क्रय केंद्र पर पहुंचे तो उन्हें वहां ताला बंद मिला.
रायबरेली में धान क्रय केंद्र के हालात चिंताजनक हैं. किसानों को केंद्रों के लगातार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं कि उनके धान बिक जाएं मगर हालात जस के तस. कुछ किसान तो दो दिन से वहां डेरा डालकर बैठे हैं. मामले पर अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बात करना भी मुनासिब नहीं समझा.
बताते चलें कि कुछ माह पहले ही किसानों की धान की फसल कटी किसान उसे बेचने के लिए प्रयत्न करने लगे, जिससे कि वो आगामी गेंहू और अन्य फसलों को लगा सकें. जिसके बाद सरकार द्वारा खोले गए क्रय केंद्रों पर अपनी फसल को लेकर पहुंचे कि फसल का सही मूल्य मिल सके. लेकिन वहां उनकी फसल न खरीदने के लिए अधिकारियों के पास बहानों की लम्बे फेहरिस्त मौजूद थी. पहले तो उन्हें आज नहीं कल आना, फिर आज बोरे नहीं हैं, जैसे बहाने बना कर उन्हें टरका दिया जाता.
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मजबूर किसान क्या करे, इन क्रय केंद्रों के चक्कर लगाने को मजबूर है. कुछ किसान तो अपनी फसल को लेकर कई कई दिनों तक क्रय केंद्रों पर ठंडी रात गुजारने को मजबूर हैं लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं. किसानों ने अपनी समस्या से जिले के उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया लेकिन वहां से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला. कमोबेश यही हाल जिले के सभी धान क्रय केंद्रों के हैं. वहीं इन मुद्दे को लेकर जब जब उच्चाधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने की जहमत तक नही उठाई.
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