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योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रायबरेली को नहीं मिली जगह

योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रायबरेली जिले से विधायक जगह बनाने में असफल साबित हुए. जिले की सलोन विधानसभा से भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का नाम मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों की लिस्ट में था, लेकिन ऐन वक्त पर हटा दिया गया.

योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह पाने को तरसा रायबरेली.
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Published : Aug 22, 2019, 9:51 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रायबरेली और अमेठी के कई विधायक जगह बनाने में असफल साबित हुए. वैसे मंत्री बनने वाले संभावित विधायकों में सुबह तक सलोन से विधायक और पूर्व मंत्री दल बहादुर कोरी का नाम शुमार रहा पर जब शपथ लेने वाले विधायकों की फाइनल लिस्ट आई, तो उसमें उनका नाम शामिल नहीं था. विधायक से मंत्री बनने की हसरत पालने वाले रायबरेली और अमेठी में ऐसे कई भाजपा के एमएलए व एमएलसी रहे, जो तमाम जतन करने के बाद भी मंत्री पद पाने में असफल ही दिखाई दिए.

जानकारी देते संवाददाता.

इसे भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर के दो विधायक योगी मंत्रिमंडल में शामिल, कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

स्मृति ईरानी की अमेठी जीत में निर्णायक भूमिका में रहे दल बहादुर
रायबरेली जनपद के सलोन विधानसभा से भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का नाम मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों की फाइनल लिस्ट से हटना अचरज भरा रहा. बीते लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी द्वारा अमेठी में राहुल गांधी को करारी शिकस्त देने में विधायक दल बहादुर कोरी ने निर्णायक भूमिका अदा की थी. सलोन विधानसभा से लीड मार्जिन देकर पूरे संसदीय क्षेत्र में जीत की रुपरेखा तैयार की.

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दल बहादुर कोरी.

एमएलसी दिनेश सिंह भी मंत्री पद की दौड़ में रहे शामिल
कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले जिले के एमएलसी व लोकसभा चुनावों में रायबरेली से भाजपा प्रत्याशी रहे दिनेश प्रताप सिंह भी इस मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद की आस में रहे पर उन्हें व उनके समर्थकों को भी निराशा ही हाथ लगी. लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी को उनके गढ़ में कड़ी टक्कर देकर दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी जमीनी पकड़ का अहसास कराया था. साथ ही उनके छोटे भाई और हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक राकेश प्रताप सिंह विरोधी खेमे में होने के बावजूद सरकार का खुलेआम समर्थन करते नजर आते है.

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एमएलसी दिनेश सिंह.

तिलोई से विधायक राजा मयंकेश्वर शरण सिंह का मंत्री पद का सपना भी रहा अधूरा
कभी रायबरेली जनपद का हिस्सा रहा तिलोई और वर्तमान में अमेठी संसदीय क्षेत्र के तिलोई विधानसभा के भाजपा विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह को भी मंत्रिमंडल विस्तार में उम्मीदें थी. पूर्व में भी कई दलों में विधायक बनने में कामयाब रहे 'राजा तिलोई' सक्रिय राजनीति में लंबा अरसा गुजारने के बाद भी मंत्री नहीं बन सके. कुछ यही कारण रहा कि इस बार उन्हें भगवा दल से आस थी कि उन्हें मंत्री बनने का अवसर देगी.

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राजा मयंकेश्वर शरण सिंह.

रायबरेली: योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रायबरेली और अमेठी के कई विधायक जगह बनाने में असफल साबित हुए. वैसे मंत्री बनने वाले संभावित विधायकों में सुबह तक सलोन से विधायक और पूर्व मंत्री दल बहादुर कोरी का नाम शुमार रहा पर जब शपथ लेने वाले विधायकों की फाइनल लिस्ट आई, तो उसमें उनका नाम शामिल नहीं था. विधायक से मंत्री बनने की हसरत पालने वाले रायबरेली और अमेठी में ऐसे कई भाजपा के एमएलए व एमएलसी रहे, जो तमाम जतन करने के बाद भी मंत्री पद पाने में असफल ही दिखाई दिए.

जानकारी देते संवाददाता.

इसे भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर के दो विधायक योगी मंत्रिमंडल में शामिल, कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

स्मृति ईरानी की अमेठी जीत में निर्णायक भूमिका में रहे दल बहादुर
रायबरेली जनपद के सलोन विधानसभा से भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का नाम मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों की फाइनल लिस्ट से हटना अचरज भरा रहा. बीते लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी द्वारा अमेठी में राहुल गांधी को करारी शिकस्त देने में विधायक दल बहादुर कोरी ने निर्णायक भूमिका अदा की थी. सलोन विधानसभा से लीड मार्जिन देकर पूरे संसदीय क्षेत्र में जीत की रुपरेखा तैयार की.

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दल बहादुर कोरी.

एमएलसी दिनेश सिंह भी मंत्री पद की दौड़ में रहे शामिल
कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले जिले के एमएलसी व लोकसभा चुनावों में रायबरेली से भाजपा प्रत्याशी रहे दिनेश प्रताप सिंह भी इस मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद की आस में रहे पर उन्हें व उनके समर्थकों को भी निराशा ही हाथ लगी. लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी को उनके गढ़ में कड़ी टक्कर देकर दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी जमीनी पकड़ का अहसास कराया था. साथ ही उनके छोटे भाई और हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक राकेश प्रताप सिंह विरोधी खेमे में होने के बावजूद सरकार का खुलेआम समर्थन करते नजर आते है.

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एमएलसी दिनेश सिंह.

तिलोई से विधायक राजा मयंकेश्वर शरण सिंह का मंत्री पद का सपना भी रहा अधूरा
कभी रायबरेली जनपद का हिस्सा रहा तिलोई और वर्तमान में अमेठी संसदीय क्षेत्र के तिलोई विधानसभा के भाजपा विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह को भी मंत्रिमंडल विस्तार में उम्मीदें थी. पूर्व में भी कई दलों में विधायक बनने में कामयाब रहे 'राजा तिलोई' सक्रिय राजनीति में लंबा अरसा गुजारने के बाद भी मंत्री नहीं बन सके. कुछ यही कारण रहा कि इस बार उन्हें भगवा दल से आस थी कि उन्हें मंत्री बनने का अवसर देगी.

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राजा मयंकेश्वर शरण सिंह.
Intro:रायबरेली:योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह पाने को तरसा रायबरेली - अमेठी तमाम विधायकों के मंसूबो में पानी फेरते हुए इस दफा कोई न बन सका मंत्री 21 अगस्त 2019 - रायबरेली योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रायबरेली व अमेठी के कई विधायक जगह बनाने में असफल साबित हुए।वैसे मंत्री बनने वाले संभावित विधायकों में सुबह तक सलोन से विधायक व पूर्व मंत्री दल बहादुर कोरी का नाम शुमार रहा पर जब शपथ लेने वाले विधायकों की फाइनल लिस्ट आई तो उसमें उनका नाम शामिल नही था। गौरतलब है कि विधायक से मंत्री बनने की हसरत पालने वाले रायबरेली व अमेठी में ऐसे कई भाजपा के एमएलए व एमएलसी रहे जो तमाम जतन करने के बाद भी मंत्री पद पाने में असफल ही दिखाई दिए।


Body:स्मृति ईरानी की अमेठी जीत में निर्णायक भूमिका में रहे दल बहादुर - रायबरेली जनपद के सलोन विधानसभा से भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का नाम मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायको की फाइनल लिस्ट से हटना अचरज भरा रहा।बीते लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी द्वारा अमेठी में राहुल गांधी को करारी शिकस्त देने में विधायक दल बहादुर कोरी ने निर्णायक भूमिका अदा की थी और सलोन विधानसभा से लीड मार्जिन देकर पूरे संसदीय क्षेत्र में जीत की रुपरेखा तैयार की। एमएलसी दिनेश सिंह भी मंत्री पद की दौड़ में रहे शामिल - कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले रायबरेली के एमएलसी व लोकसभा चुनावों में रायबरेली से भाजपा प्रत्याशी रहे दिनेश प्रताप सिंह भी इस मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद की आस में रहे पर उन्हें व उनके समर्थकों को भी निराशा ही हाथ लगी।लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी को उनके गढ़ में कड़ी टक्कर देकर दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी जमीनी पकड़ का अहसास कराया था साथ ही उनके छोटे भाई व हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक राकेश प्रताप सिंह विरोधी खेमे में होने के बावजूद सरकार का खुलेआम समर्थन करते नज़र आते है। तिलोई से विधायक राजा मयंकेश्वर शरण सिंह का मंत्री पद का सपना भी रहा अधूरा - कभी रायबरेली जनपद के हिस्सा रहे तिलोई व वर्तमान में अमेठी संसदीय क्षेत्र के तिलोई विधानसभा के भाजपा विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह को भी मंत्रिमंडल विस्तार में उम्मीदें थी।पूर्व में भी कई दलों में विधायक बनने में कामयाब रहे 'राजा तिलोई' सक्रिय राजनीति में लंबा अरसा गुजारने के बाद भी मंत्री नही बन सके कुछ यही कारण रहा कि इस बार उन्हें भगवा दल से आस थी कि उन्हें मंत्री बनने का अवसर देगी।स्मृति ईरानी की अमेठी से जीत में इनका भी बडा योगदान होने की बात कही जा रही थी।


Conclusion:संबंधित विजुअल व पीटीसी - फोटोग्राफ (दिनेश प्रताप सिंह एमएलसी व दल बहादुर कोरी व मयंकेश्वर शरण सिंह ) प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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