रायबरेली: जनपद में जिला अस्पताल से एक मामला सामने आया है. जिसने स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल दी है. मंगलवार को एक महिला एंबुलेंस नहीं मिलने पर पति को रिक्शे से लेकर अस्पताल पहुंची.
महिला ने बताया कि उसके पास रुपये नहीं थे, वह गरीब है. इसलिए उसे एंबुलेंस नहीं मिली. वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक गरीब व असहायों को उचित ईलाज, सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लगातार स्वास्थ्य केंद्रों का औचक दौरा कर रहे हैं. उस दौरान कोई भी लापरवाही मिलने पर उन पर कार्रवाई भी की जा रही है. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमे में भ्रष्टाचार फैल रहा है. लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.
गरीब व असहायों के लिए संचालित की जा रही 108 व 102 एंबुलेंस भी अब कमाई का जरिया बन गई है. मंगलवार को अपने घायल पति व बच्चों के हाथ रिक्शे पर लेटाकर महिला जिला अस्पताल में लेकर पहुंची. पीड़िता जनपद के मटिहा गांव की निवासी है. पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उसके पति रामू का एक्सीडेंट हो गया था. वहीं, राहगीरों ने आरोपी से घायल रामू के इलाज के लिए रुपये भी दिलाए थे. लेकिन, वह रुपये रामू के पिता ने ले लिए और बेटे रामू को घर लेकर चले गए. पीड़िता का कहना है कि पिछले दिनों से उसके पति के पास ना तो दवा है और ना ही पिता ने उसे कुछ खाने को दिया है. इतना ही नहीं रुपये लेने के बाद उसे घर से भी भगा दिया. उसके बाद घायल रामू जंगल में रिक्शा चलाकर अपनी गुजर करता है. उसी रिक्शे से उसकी पत्नी उसे लेकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंची. पीड़िता ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंची और उसने डॉक्टर से पति को दवाई देने की बात कही तो उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ इंजेक्शन लगाया जाता है.
इस मामले की जानकारी होने पर सिटी मजिस्ट्रेट पल्लवी मिश्रा अपने अधीनस्थों के साथ अस्पताल पहुंचीं. उन्होंने पहले महिला से बात कर उसकी हालत के बारे में जानकारी की. इसके बाद तत्काल उसके घायल पति के इलाज की व्यवस्था के साथ ही सर्दी से बचने के लिए कंबल दिया. यही नहीं उनके खाने पीने की व्यवस्था भी कराई. साथ ही उन्होंने पीड़िता को आश्वासन दिया कि शासन से जो भी सहायता मिल सकती है, वो उसको दिलाने का भरकस प्रयास करेंगी.
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