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सुसाइडल टेंडेंसी पर बेहतर पैरेंटिंग के जरिए लग सकता है ब्रेक: साइकोलॉजिस्ट डॉ. एनके सक्सेना - रायबरेली समाचार

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज में साइकोलॉजी के विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस आयोजन में शिरकत करने पहुंचे साइकोलॉजी प्रोफेसर ने सुसाइडल टेंडेंसी को पॉजिटिव पेरेंटिंग के जरिए रोक लगाने की बात कही.

प्रोफेसर डॉ. एनके सक्सेना
प्रोफेसर डॉ. एनके सक्सेना
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Published : Feb 8, 2020, 2:47 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: जिले के फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज में साइकोलॉजी के विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे प्रदेश के प्रख्यात साइकोलॉजी प्रोफेसर डॉ. एनके सक्सेना ने कहा कि देश में बढ़ रही सुसाइडल टेंडेंसी को पॉजिटिव पेरेंटिंग के जरिए रोका जा सकता है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते साइकोलॉजिस्ट डॉ. एनके सक्सेना.

प्रोफेसर एनके सक्सेना ने ईटीवी भारत से बातचीत में दावा किया की पॉजिटिव साइकोलॉजी के जरिए मानव के विकास और खुशहाल जीवन के रास्तों का सृजन किया जा सकता है. डॉ. एनके सक्सेना कहते हैं कि आज से करीब 20 वर्ष पहले मनोवैज्ञानिक ज्यादातर साइकोलॉजी के नेगेटिव टेंडेंसी पर अपना ध्यान केंद्रित करते थे और उसी विषय में शोध पर आगे बढ़ते थे. समय के बदलाव के साथ अब मनोवैज्ञानिक पॉजिटिव साइकोलॉजी का रुख कर चुके हैं और उनके शोध भी इसी विषय पर आधारित हैं.

डॉक्टर सक्सेना ने कहा कि
पॉजिटिव पेरेंटिंग व पॉजिटिव स्कूलिंग पर जोर देते हुए डॉक्टर सक्सेना कहते हैं कि वर्तमान दौर में यह दोनों किसी भी बच्चे के विकास में बेहद महत्वपूर्ण किरदार अदा करते हैं. यही कारण है कि स्कूल-फैमिली पार्टनरशिप पर भी जोर देने की जरुरत है. 'हैप्पी' बच्चे को 'सैड' बच्चे की अपेक्षाकृत ज्यादा बेहतरीन लर्नर को करार दिया. सक्सेना ने कहा कि बच्चों की परवरिश में व्यक्तित्व विकास के सकारात्मक परिणाम देने वाले खुशी, आभार, क्षमा, सत्कार, अभिवादन समेत तमाम गुणों को विशेष तौर पर शामिल किया जाता है.

सुसाइडल टेंडेंसी पर लगाम लगाने के लिए जरुरी है पॉजिटिव पेरेंटिंग
डॉ. सक्सेना कहते हैं कि स्ट्रेस व फ्रस्ट्रेशन जैसे नकारात्मक गुणों के बढ़ने का परिणाम सुसाइडल टेंडेंसी में बेतहाशा वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है. इस घातक मनोदशा को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है और पॉजिटिव पेरेंटिंग के जरिए इस पर ब्रेक लगाया जा सकता है. इसी विषय में विस्तार से मंथन करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. उनका कहना है कि सही पॉजिटिव पेंटिंग के लिए पैरंट्स को जरुरत पड़ने पर काउंसलिंग और टिप्स के लिए भी परहेज नहीं करना चाहिए.

आने वाले दौर में युवाओं के लिए मनोविज्ञान में हैं बेशुमार अवसर

वर्तमान दौर में बेहतर साइकोलॉजिस्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए आने वाले दौर में युवाओं को मनोविज्ञान में बेहतर अवसर मिल सकता है. मनोविज्ञान के क्षेत्र में भविष्य तलाशने वाले युवाओं के लिए न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के कई देशों में अवसरों की भरमार होने की बात कही गई है. डॉ. सक्सेना कहते हैं कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में जहां भारत से कई गुना कम आबादी है, लेकिन मनोवैज्ञानिक प्रोफेशनल करीब 25 गुना से भी ज्यादा है. इससे यह पता चलता है कि भारत में इनकी खासा कमी है.
इसे भी पढ़ें:- रायबरेली: जिला चिकित्सालय में अव्यवस्था का बोलबाला, मरीजों को नहीं मिल पा रहा समय से इलाज

रायबरेली: जिले के फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज में साइकोलॉजी के विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे प्रदेश के प्रख्यात साइकोलॉजी प्रोफेसर डॉ. एनके सक्सेना ने कहा कि देश में बढ़ रही सुसाइडल टेंडेंसी को पॉजिटिव पेरेंटिंग के जरिए रोका जा सकता है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते साइकोलॉजिस्ट डॉ. एनके सक्सेना.

प्रोफेसर एनके सक्सेना ने ईटीवी भारत से बातचीत में दावा किया की पॉजिटिव साइकोलॉजी के जरिए मानव के विकास और खुशहाल जीवन के रास्तों का सृजन किया जा सकता है. डॉ. एनके सक्सेना कहते हैं कि आज से करीब 20 वर्ष पहले मनोवैज्ञानिक ज्यादातर साइकोलॉजी के नेगेटिव टेंडेंसी पर अपना ध्यान केंद्रित करते थे और उसी विषय में शोध पर आगे बढ़ते थे. समय के बदलाव के साथ अब मनोवैज्ञानिक पॉजिटिव साइकोलॉजी का रुख कर चुके हैं और उनके शोध भी इसी विषय पर आधारित हैं.

डॉक्टर सक्सेना ने कहा कि
पॉजिटिव पेरेंटिंग व पॉजिटिव स्कूलिंग पर जोर देते हुए डॉक्टर सक्सेना कहते हैं कि वर्तमान दौर में यह दोनों किसी भी बच्चे के विकास में बेहद महत्वपूर्ण किरदार अदा करते हैं. यही कारण है कि स्कूल-फैमिली पार्टनरशिप पर भी जोर देने की जरुरत है. 'हैप्पी' बच्चे को 'सैड' बच्चे की अपेक्षाकृत ज्यादा बेहतरीन लर्नर को करार दिया. सक्सेना ने कहा कि बच्चों की परवरिश में व्यक्तित्व विकास के सकारात्मक परिणाम देने वाले खुशी, आभार, क्षमा, सत्कार, अभिवादन समेत तमाम गुणों को विशेष तौर पर शामिल किया जाता है.

सुसाइडल टेंडेंसी पर लगाम लगाने के लिए जरुरी है पॉजिटिव पेरेंटिंग
डॉ. सक्सेना कहते हैं कि स्ट्रेस व फ्रस्ट्रेशन जैसे नकारात्मक गुणों के बढ़ने का परिणाम सुसाइडल टेंडेंसी में बेतहाशा वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है. इस घातक मनोदशा को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है और पॉजिटिव पेरेंटिंग के जरिए इस पर ब्रेक लगाया जा सकता है. इसी विषय में विस्तार से मंथन करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. उनका कहना है कि सही पॉजिटिव पेंटिंग के लिए पैरंट्स को जरुरत पड़ने पर काउंसलिंग और टिप्स के लिए भी परहेज नहीं करना चाहिए.

आने वाले दौर में युवाओं के लिए मनोविज्ञान में हैं बेशुमार अवसर

वर्तमान दौर में बेहतर साइकोलॉजिस्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए आने वाले दौर में युवाओं को मनोविज्ञान में बेहतर अवसर मिल सकता है. मनोविज्ञान के क्षेत्र में भविष्य तलाशने वाले युवाओं के लिए न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के कई देशों में अवसरों की भरमार होने की बात कही गई है. डॉ. सक्सेना कहते हैं कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में जहां भारत से कई गुना कम आबादी है, लेकिन मनोवैज्ञानिक प्रोफेशनल करीब 25 गुना से भी ज्यादा है. इससे यह पता चलता है कि भारत में इनकी खासा कमी है.
इसे भी पढ़ें:- रायबरेली: जिला चिकित्सालय में अव्यवस्था का बोलबाला, मरीजों को नहीं मिल पा रहा समय से इलाज

Intro:स्पेशल -

रायबरेली:बढ़ती सुसाइडल टेंडेंसी पर बेहतर पैरेंटिंग के जरिए लग सकती है ब्रेक - डॉ एन के सक्सेना

07 फरवरी 2020 - रायबरेली

रायबरेली के फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज में साइकोलॉजी के विषय पर चल रहे राष्ट्रीय सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे प्रदेश के प्रख्यात साइकोलॉजी प्रोफेसर डॉ एनके सक्सेना ने देश में बढ़ रही सुसाइडल टेंडेंसी को पॉजिटिव पेरेंटिंग के जरिए रोक लगाने की बात कही।

ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत में प्रोफेसर एनके सक्सेना ने दावा किया की पॉजिटिव साइकोलॉजी के जरिए मानव के विकास व खुशहाल जीवन के रास्तों का सृजन किया जा सकता है।कुछ इन्हीं विषयों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि डॉ सक्सेना कानपुर से रायबरेली का रुख कर शुक्रवार को एफजी कॉलेज पहुंचे थे।




Body:डॉ एनके सक्सेना कहते हैं कि आज से करीब 20 वर्ष पहले मनोवैज्ञानिक ज्यादातर साइकोलॉजी के नेगेटिव टेंडेंसी पर अपना ध्यान केंद्रित करते थे और उसी विषय मे शोध पर आगे बढ़ते थे पर समय के बदलाव के साथ अब मनोवैज्ञानिक पॉजिटिव साइकोलॉजी का रुख कर चुके हैं और उनके शोध भी इसी विषय पर आधारित है।यही कारण है कि प्रासंगिक विषय होने के कारण रायबरेली में इस पर नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।

पॉजिटिव पेरेंटिंग व पॉजिटिव स्कूलिंग पर जोर देते हुए डॉक्टर सक्सेना कहते हैं कि वर्तमान दौर में यह दोनों किसी भी बच्चे के विकास में बेहद महत्वपूर्ण किरदार अदा करते हैं।यही कारण है कि स्कूल-फैमिली पार्टनरशिप पर भी जोर देने की जरुरत है। 'हैप्पी' बच्चे को 'सैड' बच्चे की अपेक्षाकृत ज्यादा बेहतरीन लर्नर करार देते हुए डॉ सक्सेना बच्चों की परवरिश में व्यक्तित्व विकास के सकारात्मक परिणाम देने वाले खुशी,आभार,क्षमा, सत्कार,अभिवादन समेत तमाम गुणों को विशेष तौर पर शामिल करने की बात कहते है।

देश मे बढ़ते हुए सुसाइडल टेंडेंसी पर लगाम लगाने के लिए जरुरी है पॉजिटिव पेरेंटिंग -

वर्तमान दौर में भारत में बढ़ती सुसाइडल टेंडेंसी पर लगाम लगाने में पॉजिटिव पेरेंटिंग की जरूरत पर जोर देते हुए डॉ सक्सेना कहते हैं कि स्ट्रेस व फ्रस्ट्रेशन जैसे नकारात्मक गुणों के बढ़ने का परिणाम सुसाइडल टेंडेंसी में बेतहाशा वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है। इस घातक मनोदशा को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है ओ पॉजिटिव पेरेंटिंग के जरिए इस पर ब्रेक लगाया जा सकता है इसी विषय में विस्तार से मंथन रायबरेली में आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में विभिन्न डेलीगेट द्वारा किया गया है।
सही पॉजिटिव पेंटिंग के लिए पैरंट्स को जरुरत पड़ने पर काउंसलिंग व टिप्स के लिए भी परहेज नही करना चाहिए।


आने वाले दौर में युवाओं के लिए मनोविज्ञान में है बेशुमार अवसर -
वर्तमान दौर में बेहतर साइकोलॉजिस्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए मनोविज्ञान के क्षेत्र में भविष्य तलाशने वाले युवाओं के लिए न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के कई देशों में अवसरों की भरमार होने की बात कहते हुए डॉ सक्सेना कहते है कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में जहां भारत से कई गुना कम आबादी है लेकिन मनोवैज्ञानिक प्रोफेशनल करीब 25 गुना से भी ज्यादा है यह दर्शाता है कि भारत में इनकी खासी कमी है।


Conclusion:वन 2 वन : डॉ एन के सक्सेना - प्रख्यात साइकोलॉजिस्ट


प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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