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19 साल बाद लिया भाई की हत्या का बदला, हत्यारोपी को तलवार से उतारा मौत के घाट

रायबरेली में 19 साल बाद भाई की हत्या का बदला लेने के लिए हत्यारोपी को मौत के घाट उतार दिया गया. पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है.

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Published : Mar 28, 2023, 3:52 PM IST

रायबरेलीः 19 साल बाद भाई की हत्या का बदला लेने के लिए युवक ने हत्यारोपी को अपने साथियों के साथ मिलकर तलवार से मौत के घाट उतार दिया और शव को नाले में फेंककर फरार हो गया. मृतक के भाई ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस को उसका शव जंगल में मिला. पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की और मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को दोस्तपुर क्रासिंग के पास से गिरफ्तार कर लिया. उनकी निशानदेही पर उनके पास से दो तलवारें व मृतक की सोने की चैन व बाइक बरामद कर ली.

पुलिस के मुताबिक जिले के बछरांवा थाना क्षेत्र के गुरुबख्शखेड़ा गांव निवासी जागेश्वर उर्फ मटरू की 2004 में हत्या हो गई थी, जिसका आरोप गांव के ही भरतलाल पर लगा और उसे जेल भेज दिया गया. कुछ समय पहले ही भरतलाल जेल से वापस लौटा था. इस बीच मटरू का भाई राम सजीवन जोकि अपने भाई की हत्या का बदला लेने का मौका तलाश रहा था और इसलिए उसने भरतलाल से मेलजोल बढ़ाया. इसी बीच कुछ दिनों पहले भरतलाल का विवाद गांव के निवासी कौशल से हो गया. राम सजीवन ने कौशल व शैलेन्द्र के साथ मिलकर भरतलाल को मारने की योजना बनाई. 22 मार्च को भरतलाल को शराब पिलाकर बेसुध कर दिया. रामसजीवन ने अपने भांजे प्रेम कुमार, दुर्गेश, कौशल व शैलेन्द्र को फोन कर बुला लिया.

मौका पाकर उस पर तलवार से वार कर दिए. शैलेन्द्र ने उसके गले मे पड़ी हुई सोने की चेन उतार ली और उसे वही फेंककर फरार हो गया. भरतलाल जब घर नहीं लौटा तो भाई दीपक ने थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिड ने मामले कि जांच शुरू की तो 25 मार्च को उसका शव बरामद हुआ. पुलिस ने नामजद आरोपियों की तलाश शुरू की तो मुखबिर की सूचना पर थाना क्षेत्र के दोस्तपुर क्रासिंग के पास से राम सजीवन, कौशल व शैलेन्द्र को दबोच लिया. उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त दो तलवारें व मृतक की सोने की चेन व बाइक बरामद कर ली. इस मामले के दो आरोपी प्रेम कुमार व दुर्गेश फरार है.

ये भी पढ़ेंः Umesh Pal अपहरण केस में अतीक सहित 3 को आजीवन कारावास, फैसले के बाद फूट-फूटकर राेया माफिया

रायबरेलीः 19 साल बाद भाई की हत्या का बदला लेने के लिए युवक ने हत्यारोपी को अपने साथियों के साथ मिलकर तलवार से मौत के घाट उतार दिया और शव को नाले में फेंककर फरार हो गया. मृतक के भाई ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस को उसका शव जंगल में मिला. पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की और मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को दोस्तपुर क्रासिंग के पास से गिरफ्तार कर लिया. उनकी निशानदेही पर उनके पास से दो तलवारें व मृतक की सोने की चैन व बाइक बरामद कर ली.

पुलिस के मुताबिक जिले के बछरांवा थाना क्षेत्र के गुरुबख्शखेड़ा गांव निवासी जागेश्वर उर्फ मटरू की 2004 में हत्या हो गई थी, जिसका आरोप गांव के ही भरतलाल पर लगा और उसे जेल भेज दिया गया. कुछ समय पहले ही भरतलाल जेल से वापस लौटा था. इस बीच मटरू का भाई राम सजीवन जोकि अपने भाई की हत्या का बदला लेने का मौका तलाश रहा था और इसलिए उसने भरतलाल से मेलजोल बढ़ाया. इसी बीच कुछ दिनों पहले भरतलाल का विवाद गांव के निवासी कौशल से हो गया. राम सजीवन ने कौशल व शैलेन्द्र के साथ मिलकर भरतलाल को मारने की योजना बनाई. 22 मार्च को भरतलाल को शराब पिलाकर बेसुध कर दिया. रामसजीवन ने अपने भांजे प्रेम कुमार, दुर्गेश, कौशल व शैलेन्द्र को फोन कर बुला लिया.

मौका पाकर उस पर तलवार से वार कर दिए. शैलेन्द्र ने उसके गले मे पड़ी हुई सोने की चेन उतार ली और उसे वही फेंककर फरार हो गया. भरतलाल जब घर नहीं लौटा तो भाई दीपक ने थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिड ने मामले कि जांच शुरू की तो 25 मार्च को उसका शव बरामद हुआ. पुलिस ने नामजद आरोपियों की तलाश शुरू की तो मुखबिर की सूचना पर थाना क्षेत्र के दोस्तपुर क्रासिंग के पास से राम सजीवन, कौशल व शैलेन्द्र को दबोच लिया. उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त दो तलवारें व मृतक की सोने की चेन व बाइक बरामद कर ली. इस मामले के दो आरोपी प्रेम कुमार व दुर्गेश फरार है.

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