रायबरेली : कभी देश को पहली महिला प्रधानमंत्री देने वाला रायबरेली, विकास के कई पैमानों में नामचीन नेताओं के संसदीय क्षेत्र के आगे भले ही कही न टिकता हो पर विगत 15 वर्षों से सोनिया गांधी को लगातार लोकसभा भेजने वाला यह जनपद अपने कुनबे में देश की अत्याधुनिक उच्च तकनीकी क्षमता से युक्त रेल कोच कारखाने को विकसित करने में कामयाब रहा है.
वर्ष 2007 में रायबरेली के लालगंज में स्थानीय सांसद सोनिया गांधी द्वारा रेल कोच फैक्ट्री का शिलान्यास हुआ. तत्कालीन प्रदेश सरकार की मुखिया मायावती भले ही केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार को समर्थन दे रही थी, पर रायबरेली में इस फैक्ट्री को उनके समर्थन का अभाव ही रहा. जमीन अधिग्रहण में हुई देरी का नतीजा रहा कि सही मायनों में फैक्ट्री में उत्पादन वर्ष 2014 से ही शुरु हो पाया. इस बीच कपूरथला से बने कोच की रंगाई -पुताई करके इस कोच फैक्ट्री का बिल्ला लगा देने का ही काम यहां होता रहा.
2014 में केंद्र में जब मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार सत्तारुढ़ हुई तो हर वर्ष डिब्बों के बनने की संख्या में इजाफा होने लगा. 2017-18 लगते ही कोच फैक्ट्री ने विश्वस्तरीय ट्रिपल A सर्टिफिकेशन के साथ आईएसओ 3834 प्रमाण पत्र हासिल करते हुए 711 कोच के लक्ष्य बनाने में कामयाबी हासिल की. साथ ही IRIS सर्टिफिकेशन प्राप्त करने वाला देश के बेहद चुनिंदा संस्थानों में एमसीएफ का नाम दर्ज हुआ.
16 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने रायबरेली के दौरे का मन बनाया तो लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री को मेजबान बनने का अवसर मिला. अपने दौरे में पीएम ने दिल खोल कर यहां की तकनीक क्षमता को सराहा और आगे बढ़ने के लिए हर संभव मदद की बात भी कही. जिसके बाद 30 मार्च 2019 तक यहां से 1425 कोच बनाकर रवाना किए जा चुके थे.
ETV भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में मॉडर्न कोच फैक्ट्री के पूर्व महाप्रबंधक व रेलवे बोर्ड के मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल ने बताया कि बहुत जल्द इस फैक्ट्री से मेट्रो कोच बनने शुरु हो जाएंगे. इसके अलावा एल्यूमिनियम कोच व जरुरत पड़ने पर बुलेट कोच का निर्माण भी किया जा सकेगा. आने वाले समय मे भारत हाईटेक रेल कोच का न केवल निर्माण करेगा साथ ही इनके एक्सपोर्ट में भी महारथ हासिल करेगा.
एमसीएफ आईआईटी कानपुर, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी व भारतीय रेल के नेशनल टेक्नोलॉजी मिशन कार्यक्रम के तहत सेन्टर ऑफ एक्ससिलैंस स्थापित करने जा रहा है. जिसमें एमसीएफ को देश की करीब 50 से ज्यादा भारतीय रेल के संस्थानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. साथ ही अन्य सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों को भी प्रशिक्षण दिए जाने सुविधा उपलब्ध होगी. नोडल हब के तहत होने वाले इस कार्यक्रम को मॉडर्न कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक सुनीत शर्मा के नेतृत्व में साकार रुप दिया जाएगा.