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रायबरेली: पूर्व सांसद की स्मृति में बने गेट ने खड़ा किया बखेड़ा, छिड़ गया राजनीतिक घमासान - gate built in memory of former mp ashok singh

रायबरेली की राजनीति के सूरमा कहे जाने वाले एमएलसी दिनेश सिंह ने एक लिंक रोड पर गेट का नामकरण पूर्व सांसद अशोक सिंह के नाम पर किया. एमएलसी द्वारा उठाए गए इस अप्रत्याशित कदम से हर कोई अवाक था.

फीता काटते एमएलसी दिनेश सिंह.
फीता काटते एमएलसी दिनेश सिंह.
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Published : Sep 24, 2020, 10:30 AM IST

Updated : Sep 24, 2020, 7:27 PM IST

रायबरेली: जनपद में सियासी घमासान होना कोई नया नहीं है. लेकिन इस बार मसला बेहद दिलचस्प है. जिले के पूर्व सांसद की स्मृति में गेट का निर्माण कराना ही इस बार विवाद का जड़ है. खास बात यह है कि गेट निर्माण का विरोध करने वाले खुद पूर्व सांसद के परिवार से जुड़े हैं. विवाद इस कदर बढ़ा कि स्मृति गेट के उद्घाटन में आमंत्रित किए जाने के बाद भी उनके परिवार का कोई मौके पर नही पहुंचा. बावजूद इसके गेट का लोकार्पण किया गया.

गेट का नामकरण पूर्व सांसद अशोक सिंह के नाम पर
दरअसल, पूरा मामला जिले के कद्दावर नेता व पूर्व सांसद रहे अशोक सिंह से जुड़ा है. वर्तमान में जिला पंचायत में कब्जा पंचवटी परिवार का है. एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के छोटे भाई अवधेश सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. रायबरेली की राजनीति के सूरमा कहे जाने वाले एमएलसी दिनेश सिंह ने पूर्व सांसद के पैतृक ब्लॉक में एक लिंक रोड पर गेट का नामकरण पूर्व सांसद अशोक सिंह के नाम पर किया. गेट में नीचे खुद एमएलसी का नाम भी दर्ज हुआ.

एमएलसी द्वारा उठाए गए इस अप्रत्याशित कदम से हर कोई अवाक था. लेकिन राजनीतिक जानकार इसे कूटनीतिक कदम करार देते हुए इसे एमएलसी की राजनीतिक पैतरेबाजी बता रहे हैं. वहीं एमएलसी का दांव उल्टा तब पड़ता दिखा, जब पूर्व सांसद अशोक सिंह के पुत्र व कांग्रेसी नेता मनीष सिंह ने इसका विरोध किया और दलील परिवार की वर्षो से चली आ रही जनसरोकार पर आधारित राजनीति विरासत को दिया. साथ ही दिनेश सिंह पर परिवार को बांटने की तोहमत मढ़ते हुए तत्काल गेट से नाम हटाने और इस कार्य में आए व्यय का खर्चा देने की बात कही.

पत्र लिखकर पूर्व सांसद के परिजनों को किया आमंत्रित
विवाद में एमएलसी की तरफ से नया मोड़ तब आया, जब 22 सिंतबर को जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह ने पत्र लिखकर दिवंगत पूर्व सांसद व उनके पुत्रों को आमंत्रित किया. लोकार्पण कार्यक्रम 23 सिंतबर को होना तय था. अवधेश सिंह के पत्र का जवाब देते हुए कांग्रेसी नेता मनीष सिंह ने पंचवटी परिवार पर करारा कटाक्ष किया. मनीष सिंह ने पत्र में लिखा कि मेरे लिए गौरवान्वित करने का विषय होगा कि मेरे माता-पिता या बड़े बुजुर्ग इस प्रकार की छवि और अपने कर्म आम जनमानस के बीच छोड़कर गए हैं कि उनके सद्कर्मो की कीर्ति न सिर्फ उनके परिवार बल्कि समाज के साथ-साथ उनके विरोधियों के लिए प्रेरणादायक है. इसके आगे मनीष लिखते हैं कि अगर मेरे पिता की श्रद्धांजलि देना ही चाहते हैं, तो जिले में हो रहे अवैध जमीन कब्जे, उस कब्जे में संलिप्त नेताओं के खिलाफ सत्यनिष्ठा से कार्रवाई कर जिले और जिला पंचायत को अवैध कब्जे से मुक्त कराए.

पूर्व सांसद के परिजनों की अनुपस्थिति में हुआ लोकार्पण

पूर्व सांसद के परिवार ने इस पूरे कृत्य को सत्ता प्राप्ति, दलाली, राजनीतिक लक्ष्य को साधने के मकसद से किए जाने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम से स्वयं को अलग करते हुए परिवार की मर्यादा का पालन करने की बात कही. हालांकि दिवंगत पूर्व सांसद के परिवार वालों की अनुपस्थिति में एमएलसी दिनेश सिंह ने बुधवार को फीता काटकर गेट का लोकार्पण कर दिया.

रायबरेली: जनपद में सियासी घमासान होना कोई नया नहीं है. लेकिन इस बार मसला बेहद दिलचस्प है. जिले के पूर्व सांसद की स्मृति में गेट का निर्माण कराना ही इस बार विवाद का जड़ है. खास बात यह है कि गेट निर्माण का विरोध करने वाले खुद पूर्व सांसद के परिवार से जुड़े हैं. विवाद इस कदर बढ़ा कि स्मृति गेट के उद्घाटन में आमंत्रित किए जाने के बाद भी उनके परिवार का कोई मौके पर नही पहुंचा. बावजूद इसके गेट का लोकार्पण किया गया.

गेट का नामकरण पूर्व सांसद अशोक सिंह के नाम पर
दरअसल, पूरा मामला जिले के कद्दावर नेता व पूर्व सांसद रहे अशोक सिंह से जुड़ा है. वर्तमान में जिला पंचायत में कब्जा पंचवटी परिवार का है. एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के छोटे भाई अवधेश सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. रायबरेली की राजनीति के सूरमा कहे जाने वाले एमएलसी दिनेश सिंह ने पूर्व सांसद के पैतृक ब्लॉक में एक लिंक रोड पर गेट का नामकरण पूर्व सांसद अशोक सिंह के नाम पर किया. गेट में नीचे खुद एमएलसी का नाम भी दर्ज हुआ.

एमएलसी द्वारा उठाए गए इस अप्रत्याशित कदम से हर कोई अवाक था. लेकिन राजनीतिक जानकार इसे कूटनीतिक कदम करार देते हुए इसे एमएलसी की राजनीतिक पैतरेबाजी बता रहे हैं. वहीं एमएलसी का दांव उल्टा तब पड़ता दिखा, जब पूर्व सांसद अशोक सिंह के पुत्र व कांग्रेसी नेता मनीष सिंह ने इसका विरोध किया और दलील परिवार की वर्षो से चली आ रही जनसरोकार पर आधारित राजनीति विरासत को दिया. साथ ही दिनेश सिंह पर परिवार को बांटने की तोहमत मढ़ते हुए तत्काल गेट से नाम हटाने और इस कार्य में आए व्यय का खर्चा देने की बात कही.

पत्र लिखकर पूर्व सांसद के परिजनों को किया आमंत्रित
विवाद में एमएलसी की तरफ से नया मोड़ तब आया, जब 22 सिंतबर को जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह ने पत्र लिखकर दिवंगत पूर्व सांसद व उनके पुत्रों को आमंत्रित किया. लोकार्पण कार्यक्रम 23 सिंतबर को होना तय था. अवधेश सिंह के पत्र का जवाब देते हुए कांग्रेसी नेता मनीष सिंह ने पंचवटी परिवार पर करारा कटाक्ष किया. मनीष सिंह ने पत्र में लिखा कि मेरे लिए गौरवान्वित करने का विषय होगा कि मेरे माता-पिता या बड़े बुजुर्ग इस प्रकार की छवि और अपने कर्म आम जनमानस के बीच छोड़कर गए हैं कि उनके सद्कर्मो की कीर्ति न सिर्फ उनके परिवार बल्कि समाज के साथ-साथ उनके विरोधियों के लिए प्रेरणादायक है. इसके आगे मनीष लिखते हैं कि अगर मेरे पिता की श्रद्धांजलि देना ही चाहते हैं, तो जिले में हो रहे अवैध जमीन कब्जे, उस कब्जे में संलिप्त नेताओं के खिलाफ सत्यनिष्ठा से कार्रवाई कर जिले और जिला पंचायत को अवैध कब्जे से मुक्त कराए.

पूर्व सांसद के परिजनों की अनुपस्थिति में हुआ लोकार्पण

पूर्व सांसद के परिवार ने इस पूरे कृत्य को सत्ता प्राप्ति, दलाली, राजनीतिक लक्ष्य को साधने के मकसद से किए जाने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम से स्वयं को अलग करते हुए परिवार की मर्यादा का पालन करने की बात कही. हालांकि दिवंगत पूर्व सांसद के परिवार वालों की अनुपस्थिति में एमएलसी दिनेश सिंह ने बुधवार को फीता काटकर गेट का लोकार्पण कर दिया.

Last Updated : Sep 24, 2020, 7:27 PM IST
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