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शीघ्र पूरा हो भव्य राम मंदिर का निर्माण : कामदगिरी पीठाधीश्वर

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में मानस संत सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत करने जगतगुरु स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज पहुंचे. इस दौरान जगतगुरु ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद से सरकार द्वारा की गई पहल सराहना के योग्य है.

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मानस संत सम्मेलन कार्यक्रम का रायबरेली में आयोजन
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Published : Mar 4, 2020, 3:21 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: रायबरेली के मानस संत सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत करने चित्रकूट के प्रसिद्ध पीठाधीश्वर कामदगिरी के मुखिया और निर्मोही अखाड़े के प्रमुख सदस्य जगतगुरु स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज पहुंचे. इस दौरान उन्होंने तमाम मुद्दों पर बड़ी ही बेबाकी से बात कही कि सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करता हूं.

राम लला विराजमान को किसी अन्य जगह शिफ्ट करने को लेकर सुरक्षा के खास ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर हो रहे दुष्प्रचारों पर अंकुश लगाने की बात कही. इसके अलावा रायबरेली के मानस संत सम्मेलन को राष्ट्रीय स्तर का धार्मिक आयोजन किया गया.

भव्य राम लला मंदिर निर्माण के शीघ्र पूरा होने की जताई उम्मीद
अयोध्या में रामलला मंदिर के भव्य निर्माण की उम्मीद जताते हुए निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख सदस्यों में गिने जाने वाले कामदगिरि पीठाधीश्वर कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद से सरकार द्वारा की गई पहल सराहना के योग्य है. निश्चित रूप से मंदिर के ट्रस्ट को लेकर के गठन और मंदिर निर्माण कमेटी के मनोनयन से मंदिर निर्माण का मार्ग शीघ्र ही प्रशस्त होगा.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता

मंदिर का डिजाइन और स्वरूप पहले से ही है तय

पूर्व में निर्मित शिलाओं के प्रयोग से ही मंदिर निर्माण पर जोर देते हुए कामदगिरी पीठाधीश्वर कहते है कि मंदिर का डिजाइन और स्वरूप पहले से तय किए गए है और उसी के अनुसार ही निर्माण होना चाहिए.

'सुरक्षित जगह से हो रामलला विराजमान का स्थान'

मंदिर निर्माण के पहले तत्कालिक रूप से रामलला विराजमान को किसी सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. निश्चित तौर पर सुरक्षा बेहद अहम विषय है और सरकार द्वारा जो भी निर्णय लिया जाए. इसको ध्यान में रखकर ही किया जाना चाहिए.

सोशल मीडिया के गलत प्रयोगों पर सरकार द्वारा अंकुश लगाए जाने की जरुरत
कई बार ऐसे मौके आए हैं जब सोशल मीडिया के माध्यम से असामाजिक तत्वों द्वारा भ्रामक और असंवेदनशील बातें फैलाई गई हैं. हाल ही में राजधानी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने में भी सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है. यही कारण है कि सरकार को इस पर निगरानी रखने के लिए किसी विशेष तंत्र को स्थापित करने की जरूरत है. जिसका मकसद इसके गलत उपयोग में रोक लगाना हो.


राष्ट्रीय स्तर का आध्यात्मिक कार्यक्रम है रायबरेली का 'मानस संत सम्मेलन'

रायबरेली में आयोजित किए जाने वाला मानस संत सम्मेलन राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है. ऐसे अद्वितीय कार्यक्रम को सही मायनों में रायबरेली का गौरव करार दिया जाना चाहिए. रायबरेली राजनीतिक रूप से पहले ही ख्याति हासिल कर चुका है और इस कार्यक्रम के माध्यम से आध्यात्मिक रूप से ख्याति पाने का अवसर इसे प्राप्त होता है.

रायबरेली: रायबरेली के मानस संत सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत करने चित्रकूट के प्रसिद्ध पीठाधीश्वर कामदगिरी के मुखिया और निर्मोही अखाड़े के प्रमुख सदस्य जगतगुरु स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज पहुंचे. इस दौरान उन्होंने तमाम मुद्दों पर बड़ी ही बेबाकी से बात कही कि सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करता हूं.

राम लला विराजमान को किसी अन्य जगह शिफ्ट करने को लेकर सुरक्षा के खास ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर हो रहे दुष्प्रचारों पर अंकुश लगाने की बात कही. इसके अलावा रायबरेली के मानस संत सम्मेलन को राष्ट्रीय स्तर का धार्मिक आयोजन किया गया.

भव्य राम लला मंदिर निर्माण के शीघ्र पूरा होने की जताई उम्मीद
अयोध्या में रामलला मंदिर के भव्य निर्माण की उम्मीद जताते हुए निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख सदस्यों में गिने जाने वाले कामदगिरि पीठाधीश्वर कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद से सरकार द्वारा की गई पहल सराहना के योग्य है. निश्चित रूप से मंदिर के ट्रस्ट को लेकर के गठन और मंदिर निर्माण कमेटी के मनोनयन से मंदिर निर्माण का मार्ग शीघ्र ही प्रशस्त होगा.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता

मंदिर का डिजाइन और स्वरूप पहले से ही है तय

पूर्व में निर्मित शिलाओं के प्रयोग से ही मंदिर निर्माण पर जोर देते हुए कामदगिरी पीठाधीश्वर कहते है कि मंदिर का डिजाइन और स्वरूप पहले से तय किए गए है और उसी के अनुसार ही निर्माण होना चाहिए.

'सुरक्षित जगह से हो रामलला विराजमान का स्थान'

मंदिर निर्माण के पहले तत्कालिक रूप से रामलला विराजमान को किसी सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. निश्चित तौर पर सुरक्षा बेहद अहम विषय है और सरकार द्वारा जो भी निर्णय लिया जाए. इसको ध्यान में रखकर ही किया जाना चाहिए.

सोशल मीडिया के गलत प्रयोगों पर सरकार द्वारा अंकुश लगाए जाने की जरुरत
कई बार ऐसे मौके आए हैं जब सोशल मीडिया के माध्यम से असामाजिक तत्वों द्वारा भ्रामक और असंवेदनशील बातें फैलाई गई हैं. हाल ही में राजधानी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने में भी सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है. यही कारण है कि सरकार को इस पर निगरानी रखने के लिए किसी विशेष तंत्र को स्थापित करने की जरूरत है. जिसका मकसद इसके गलत उपयोग में रोक लगाना हो.


राष्ट्रीय स्तर का आध्यात्मिक कार्यक्रम है रायबरेली का 'मानस संत सम्मेलन'

रायबरेली में आयोजित किए जाने वाला मानस संत सम्मेलन राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है. ऐसे अद्वितीय कार्यक्रम को सही मायनों में रायबरेली का गौरव करार दिया जाना चाहिए. रायबरेली राजनीतिक रूप से पहले ही ख्याति हासिल कर चुका है और इस कार्यक्रम के माध्यम से आध्यात्मिक रूप से ख्याति पाने का अवसर इसे प्राप्त होता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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