रायबरेली: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जहां देश-विदेश के तमाम बड़े और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स को करारा झटका लगा है, वहीं रायबरेली एम्स के बढ़ते कदमों ने इस महामारी को विफल साबित किया है. रायबरेली एम्स के निदेशक डॉक्टर अरविंद राजवंशी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान यह बात कही. इतना ही नहीं उन्होंने जल्द ही संस्थान में आईपीडी सर्विसेज की शुरुआत करने की बात भी कही. डॉ अरविंद राजवंशी ने बीते 23 मार्च को रायबरेली एम्स के निदेशक का पदभार ग्रहण किया था. इससे पहले वह चंडीगढ़ पीजीआई में वरिष्ठ चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे थे. डॉ. अरविंद राजवंशी ने ईटीवी भारत से बातचीत में संस्थान के भविष्य को लेकर विस्तार से जानकारी साझा की.
रायबरेली एम्स को बेहतर संस्थान का रूप देना उनका लक्ष्य
डॉ राजवंशी ने बताया कि चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्वस्तरीय मानकों को पूरा करते हुए एम्स रायबरेली को बेहतर संस्थान का रूप देना उनका लक्ष्य है. रायबरेली के इस आयुर्विज्ञान संस्थान में राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सकों की निगरानी में बेहतरीन डॉक्टरों को तैयार करने की दिशा में वह अपना पहला कदम बढ़ा भी चुके हैं. उन्होंने बताया कि इसी वर्ष एम्स के दूसरे बैच में छात्रों की संख्या में इजाफा करते हुए 50 की जगह 100 सीटें किए जाने की तैयारी है. इसके साथ ही इसी वर्ष संस्थान में आईपीडी सर्विसेज की भी शुरुआत होनी है. डॉक्टर राजवंशी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से रायबरेली एम्स की गतिविधियां और उसके इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य लंबे समय तक रुके पड़े थे, लेकिन अनलॉक-1 के बाद से कामकाज की शुरुआत हो चुकी है. अब उम्मीद है कि जल्द ही पूरी रफ्तार से काम शुरू हो जाएगा.
इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अनुभवी चिकित्सकों को भी रायबरेली लाना एक चुनौती
पीजीआई चंडीगढ़ के कोशिका विज्ञान विभाग के प्रभारी रहे डॉ. राजवंशी यह मानते हैं कि देश के नामचीन अनुभवी चिकित्सकों को रायबरेली एम्स में लाना एक चुनौती है, लेकिन समय और सतत प्रयासों से इसको संभव किया जा सकेगा.
'एप बेस्ड' टेलीमेडिसिन की जल्द होगी शुरुआत
डॉ. अरविंद राजवंशी ने बातचीत में ईटीवी भारत से बताया कि लॉकडाउन की अवधि में रायबरेली एम्स ने टेलीकंसल्टेशन की सुविधा प्रारंभ की थी. इसे आगे भी जारी रखा जाएगा. वहीं अब साथ ही इसे नए कलेवर में लेकर आने की तैयारी एम्स में की जा रही है. टेलीमेडिसिन के कांसेप्ट को बेहतर तरीके से इंप्लीमेंट करने के लिए रायबरेली एम्स एक डेडिकेटेड एप लॉन्च करने जा रहा है. CDAC द्वारा तैयार किए गए इस एप का मकसद चिकित्सकों और मरीजों को तकनीकी रूप से सक्षम प्लेटफार्म पर लेकर आना है. अब चिकित्सकों से परामर्श करने के बेहतर अवसर के साथ ही मरीजों के इलाज से संबंधित ब्योरा भी बेहतर ढंग से रखा जा सकेगा.