रायबरेली: 1 नवबंर 2017 को हुए एनटीपीसी ऊंचाहार में हृदय विदारक हादसे के बाद सूचना मिलते ही बीजेपी और कांग्रेस के कई बड़े नेता पहुंचे थे. मामले की जांच के लिए हाई लेवल जांच कमेटी भी गठित की गई थी और एक माह के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद 2 साल बीत जाने के बाद भी एनटीपीसी ऊंचाहार का प्रबंध तंत्र रिपोर्ट के सभी पहलुओं से अनभिज्ञता जाहिर कर रहा है.
1 नवबंर 2017 को हुए एनटीपीसी ऊंचाहार में हृदय विदारक हादसे के बाद सूचना मिलते ही केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा समेत भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेता पहुंचे थे. भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा हाई लेवल इन्वेस्टिगेशन कमिटी गठित की गई थी और एक माह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे.
जांच टीम में भेल, एनटीपीसी व महाराष्ट्र ऊर्जा इकाई और ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी शामिल किए गए थे. बावजूद सभी दावों के हादसे के 2 साल गुजर जाने के बावजूद भी रिपोर्ट के बाबत सवाल पूछने पर एनटीपीसी ऊंचाहार का प्रबंध तंत्र रिपोर्ट के सभी पहलुओं से अनभिज्ञता जाहिर करता है. हालांकि सुधार की दिशा में सभी जरुरी कदम उठाने का दावा करते हुए सुरक्षा तंत्र को अभेद बनाने में कामयाबी हासिल करने की बात कही है
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जीएम को वीआरएस देकर खत्म की गई थीं सेवाएं
इसी साल जुलाई माह में एनटीपीसी ऊंचाहार हादसे के दौरान महाप्रबंधक रहे मलय चौधरी को कोलकाता से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त-वीआरएस का नाम देकर संस्थान से सेवाएं खत्म होने की खबरें भी आईं, लेकिन हादसे की असल वजहों पर एनटीपीसी द्वारा पर्दा डालने का ही कार्य किया गया.