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रायबरेली: कोरोना संक्रमित निजी चिकित्सक के मुद्दे पर जिला प्रशासन और आईएमए आमने-सामने - रायबरेली समाचार

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में निजी चिकित्सक के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से आईएमए-जिला प्रशासन आमने-सामने हैं. कोरोना पॉजिटिव पाये गये चिकित्सक के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई से नाराज आईएमए के डॉक्टर्स ने गुरूवार को सीएमओ से मुलाकात कर उनके सामने अपनी मांगे रखीं.

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आईएमए की इकाई पहुंची सीएमओ कार्यालय
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Published : May 8, 2020, 6:43 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली : रायबरेली में निजी चिकित्सक के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद चिकित्सक पर महामारी फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. इस मामले में जिला प्रशासन और आईएमए आमने-सामने आ गये हैं. नाराज प्राइवेट चिकित्सक अब प्रशासन से आमने सामने की लड़ाई लड़ने का मन बना रहे हैं. इसी के चलते गुरूवार को आईएमए की जिला इकाई से जुड़े डॉक्टर्स ने शुक्रवार को सीएमओ ऑफिस जाकर मुख्य चिकित्साधिकारी से मुलाकात की और उनके सामने अपनी मांगें रखी. साथ ही आईएमए की इकाई ने कहा कि यदि कोरोना संक्रमित चिकित्सक की जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है और उसके बाद उसको संक्रमण होता है तो इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा.

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सीएमओ दफ्तर के बाहर आईएमए के डॉक्टर्स

निजी चिकित्सकों की टीम पहुंची सीएमओ कार्यालय

दरअसल, रविवार को शहर में एक नर्सिंग होम का संचालन कर रहे एक चिकित्सक की प्राइवेट लैब से कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें आइसोलेट कर दिया था. साथ ही उनके संपर्क में आये 55 चिकित्सकों और उनके परिवार को होम क्वॉरंटाइन कर दिया था, लेकिन गुरूवार को सभी चिकित्सकों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. रिपोर्ट आने के बाद जिले का मेडिकल एसोसिएशन जिला प्रशासन के विरोध में उतर आया. निजी चिकित्सकों की टीम जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी से शिकायत करने और अपनी मांगों के लिए उनके कार्यालय पहुंच गई.

भविष्य में हुआ कोरोना तो जिला प्रशासन होगा जिम्मेदार

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हमें सूत्रों से मालूम चला है कि चिकित्सक की सरकारी लैब की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, लेकिन प्रशासन उसे दबाए हुए है. यदि भविष्य में उनको कोरोना संक्रमण होता है तो इसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा. वही उनके साथ के चिकित्सकों और उनके परिजनों को होम क्वॉरंटीन करके कैदियों की तरह रखा गया इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन है.

क्वॉरंटीन केंद्रों में मिल रही सुविधा मानक के अनुरूप नहीं

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि और जिलों की तरह यहां क्वॉरन्टीन केंद्रों में जो सुविधा मिल रही है वो मानक पूरे नहीं कर रही है. हमारी लड़ाई में अब राज्य की टीम भी हमारा साथ दे रही है. इस आपदा के समय में भी हम लोगों की सेवा कर रहे है तो प्रशासन को भी हमारे लिए संवेदनशील होना चाहिए.

रायबरेली : रायबरेली में निजी चिकित्सक के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद चिकित्सक पर महामारी फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. इस मामले में जिला प्रशासन और आईएमए आमने-सामने आ गये हैं. नाराज प्राइवेट चिकित्सक अब प्रशासन से आमने सामने की लड़ाई लड़ने का मन बना रहे हैं. इसी के चलते गुरूवार को आईएमए की जिला इकाई से जुड़े डॉक्टर्स ने शुक्रवार को सीएमओ ऑफिस जाकर मुख्य चिकित्साधिकारी से मुलाकात की और उनके सामने अपनी मांगें रखी. साथ ही आईएमए की इकाई ने कहा कि यदि कोरोना संक्रमित चिकित्सक की जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है और उसके बाद उसको संक्रमण होता है तो इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा.

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सीएमओ दफ्तर के बाहर आईएमए के डॉक्टर्स

निजी चिकित्सकों की टीम पहुंची सीएमओ कार्यालय

दरअसल, रविवार को शहर में एक नर्सिंग होम का संचालन कर रहे एक चिकित्सक की प्राइवेट लैब से कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें आइसोलेट कर दिया था. साथ ही उनके संपर्क में आये 55 चिकित्सकों और उनके परिवार को होम क्वॉरंटाइन कर दिया था, लेकिन गुरूवार को सभी चिकित्सकों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. रिपोर्ट आने के बाद जिले का मेडिकल एसोसिएशन जिला प्रशासन के विरोध में उतर आया. निजी चिकित्सकों की टीम जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी से शिकायत करने और अपनी मांगों के लिए उनके कार्यालय पहुंच गई.

भविष्य में हुआ कोरोना तो जिला प्रशासन होगा जिम्मेदार

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हमें सूत्रों से मालूम चला है कि चिकित्सक की सरकारी लैब की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, लेकिन प्रशासन उसे दबाए हुए है. यदि भविष्य में उनको कोरोना संक्रमण होता है तो इसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा. वही उनके साथ के चिकित्सकों और उनके परिजनों को होम क्वॉरंटीन करके कैदियों की तरह रखा गया इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन है.

क्वॉरंटीन केंद्रों में मिल रही सुविधा मानक के अनुरूप नहीं

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि और जिलों की तरह यहां क्वॉरन्टीन केंद्रों में जो सुविधा मिल रही है वो मानक पूरे नहीं कर रही है. हमारी लड़ाई में अब राज्य की टीम भी हमारा साथ दे रही है. इस आपदा के समय में भी हम लोगों की सेवा कर रहे है तो प्रशासन को भी हमारे लिए संवेदनशील होना चाहिए.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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