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रायबरेली के हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को नवरात्र से हालात सुधरने की उम्मीद - रायबरेली के कारोबारी

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में कोरोना महामारी के कारण हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की स्थिति सुधरी नहीं है. छह महीने बाद भी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. अब नवरात्र से शुरू हो रहे मांगलिक मुहूर्त से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों को हालात सामान्य होने की उम्मीद नजर आ रही है.

रायबरेली स्थित एक होटल.
रायबरेली स्थित एक होटल.
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Published : Oct 24, 2020, 7:19 PM IST

रायबरेली: कोरोना महामारी के कारण गंभीर आर्थिक संकट झेल चुकी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को अभी तक राहत नहीं मिल सकी है. लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे अन्य उद्योग-धंधों के हालात सुधरने लगे हैं, लेकिन हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को अभी भी इंतजार है. अनलॉक शुरू हुआ तो कुछ उम्मीद जगी, लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री लॉकडाउन के सदमे से बाहर न आ सकी है. अनलॉक 5 शुरू होने के बाद भी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में तेजी नहीं आई. अब नवरात्र से शुरू हुई मांगलिक मुहूर्त से इस इंडस्ट्री के भी दिन बहुरने की उम्मीद जगी है.

हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमी सब कुछ सामान्य की ओर ले जाने का भी प्रयास करते दिख रहे हैं. बता दें कि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के तहत होटल या उससे जुड़े अन्य कारोबार संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी ने शुरुआती दौर में अपना व्यवसाय लगभग बंद कर दिया था, लेकिन 6 महीने गुजर जाने के बावजूद हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में परिस्थितियां अभी भी सामान्य नहीं हो पाई हैं. होटल कारोबारियों की समस्याओं से रूबरू कराती पेश है ETV भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट-

रायबरेली के हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री पर विशेष कवरेज.


खर्चे निकालना हुआ मुश्किल
शहर के होटल व्यवसायी सतीश सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा नुकसान होटल इंडस्ट्री को ही हुआ है. लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया था, अब भी लोग होटल में आने की जहमत नहीं उठा रहे हैं. सिंह कहते हैं कि आमदनी पूरी तरह से ठप है पर खर्चे अनायास ही बढ़े हुए हैं. तमाम एमएनसी ने अब एम्पलाइज को वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया है. यही कारण है कि लगभग सभी होटल रूम खाली हैं. इस दौरान होटलों में पैकिंग के खर्चों समेत सैनिटाइजेशन से जुड़े कई खर्चे बढ़े हैं. कोरोना से बचाव को लेकर किए जाने वाले तमाम प्रयासों के कारण भी लगातार आर्थिक बोझ बढ़ा है. पर अभी तक कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है.

कठिन दौर में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री
रायबरेली के नामचीन होटल कारोबारी और बटोही के मालिक संजय गुप्ता का कहना है कि मैरिज, फंक्शन व पार्टियां लॉकडाउन से ही होना बंद हैं. रिटेल समेत अन्य इंडस्ट्रीज में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र में अब भी हालात अच्छे नहीं दिखते. नवरात्र से मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो रही है तो उम्मीद है कि अब धीरे-धीरे हालात सुधरेंगे. कोरोना का खौफ अभी भी लोगों के जेहन में हावी है. यही कारण है कि कार्यक्रमों में भी बेहद सीमित लोगों को आमंत्रित करने के बावजूद कम ही लोग आयोजन में शिरकत करने पहुंच रहे हैं. इसकी वजह से कारोबार अभी मंदा ही है.

नवरात्र से रौनक लौटने की संभावना
रायबरेली की जिला उद्योग केंद्र प्रभारी और उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि यह सही है कि कोरोना के कारण हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा है, लेकिन नवरात्र की वजह से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में रौनक आने की उम्मीद है. कोरोना के कहर से जूझ रही इंडस्ट्री जल्द पुनः पटरी पर लौट सकेगी.

हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों की सरकार से मांग

  • होटल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े सरकारी नियमों को लेकर ढिलाई बरती जाए.
  • प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया सख्त होने की बजाय सहयोगी हो.
  • कार्यक्रमों में शामिल होने वालों की कुल संख्या में भी इजाफा किया जाए.
  • होटल बुकिंग में बिचौलियों के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार कारगर कदम उठाए.

रायबरेली: कोरोना महामारी के कारण गंभीर आर्थिक संकट झेल चुकी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को अभी तक राहत नहीं मिल सकी है. लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे अन्य उद्योग-धंधों के हालात सुधरने लगे हैं, लेकिन हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को अभी भी इंतजार है. अनलॉक शुरू हुआ तो कुछ उम्मीद जगी, लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री लॉकडाउन के सदमे से बाहर न आ सकी है. अनलॉक 5 शुरू होने के बाद भी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में तेजी नहीं आई. अब नवरात्र से शुरू हुई मांगलिक मुहूर्त से इस इंडस्ट्री के भी दिन बहुरने की उम्मीद जगी है.

हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमी सब कुछ सामान्य की ओर ले जाने का भी प्रयास करते दिख रहे हैं. बता दें कि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के तहत होटल या उससे जुड़े अन्य कारोबार संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी ने शुरुआती दौर में अपना व्यवसाय लगभग बंद कर दिया था, लेकिन 6 महीने गुजर जाने के बावजूद हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में परिस्थितियां अभी भी सामान्य नहीं हो पाई हैं. होटल कारोबारियों की समस्याओं से रूबरू कराती पेश है ETV भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट-

रायबरेली के हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री पर विशेष कवरेज.


खर्चे निकालना हुआ मुश्किल
शहर के होटल व्यवसायी सतीश सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा नुकसान होटल इंडस्ट्री को ही हुआ है. लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया था, अब भी लोग होटल में आने की जहमत नहीं उठा रहे हैं. सिंह कहते हैं कि आमदनी पूरी तरह से ठप है पर खर्चे अनायास ही बढ़े हुए हैं. तमाम एमएनसी ने अब एम्पलाइज को वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया है. यही कारण है कि लगभग सभी होटल रूम खाली हैं. इस दौरान होटलों में पैकिंग के खर्चों समेत सैनिटाइजेशन से जुड़े कई खर्चे बढ़े हैं. कोरोना से बचाव को लेकर किए जाने वाले तमाम प्रयासों के कारण भी लगातार आर्थिक बोझ बढ़ा है. पर अभी तक कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है.

कठिन दौर में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री
रायबरेली के नामचीन होटल कारोबारी और बटोही के मालिक संजय गुप्ता का कहना है कि मैरिज, फंक्शन व पार्टियां लॉकडाउन से ही होना बंद हैं. रिटेल समेत अन्य इंडस्ट्रीज में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र में अब भी हालात अच्छे नहीं दिखते. नवरात्र से मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो रही है तो उम्मीद है कि अब धीरे-धीरे हालात सुधरेंगे. कोरोना का खौफ अभी भी लोगों के जेहन में हावी है. यही कारण है कि कार्यक्रमों में भी बेहद सीमित लोगों को आमंत्रित करने के बावजूद कम ही लोग आयोजन में शिरकत करने पहुंच रहे हैं. इसकी वजह से कारोबार अभी मंदा ही है.

नवरात्र से रौनक लौटने की संभावना
रायबरेली की जिला उद्योग केंद्र प्रभारी और उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि यह सही है कि कोरोना के कारण हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा है, लेकिन नवरात्र की वजह से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में रौनक आने की उम्मीद है. कोरोना के कहर से जूझ रही इंडस्ट्री जल्द पुनः पटरी पर लौट सकेगी.

हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों की सरकार से मांग

  • होटल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े सरकारी नियमों को लेकर ढिलाई बरती जाए.
  • प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया सख्त होने की बजाय सहयोगी हो.
  • कार्यक्रमों में शामिल होने वालों की कुल संख्या में भी इजाफा किया जाए.
  • होटल बुकिंग में बिचौलियों के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार कारगर कदम उठाए.
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