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रायबरेली: फाइलेरिया मुक्ति अभियान, घर-घर पहुंचेगा स्वास्थ्य विभाग

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्वास्थ्य विभाग ने फाइलेरिया को लेकर कमर कस ली है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया के उन्मूलन हेतु 25 नवंबर से कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इसके तहत आशा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर अभियान को धार दी जाएगी.

25 नंवबर से फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत.
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Published : Nov 24, 2019, 10:44 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: जिले में फाइलेरिया को लेकर स्वास्थ विभाग ने कमर कस ली है. 25 नवंबर से पूरे जनपद में फाइलेरिया के विरुद्ध अभियान छेड़ा जा रहा है. इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मी घर-घर जाकर लोगों को दवाएं उपलब्ध कराएंगे. इस दौरान कुछ विशेष वर्ग के लोगों के दवाओं से वंचित रहने की बात कही गई है, जिनमें गर्भवती महिलाएं और दो वर्ष के कम आयु के बच्चों के अलावा गंभीर रोगों से जूझ रहे रोगी शामिल है.

25 नंवबर से फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद वर्मा ने बताया कि जनपद में फाइलेरिया जिसे बोल चाल की भाषा में हाथी-पावं के नाम से भी जाना जाता है, इसके उन्मूलन हेतु 25 नवंबर से कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इसके तहत आशा और स्वास्थ कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर अभियान को धार दी जाएगी.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद वर्मा ने बताया कि सभी को उनकी आयु वर्ग के अनुसार डीईसी और एलवेंडरजोल नामक दवा का सेवन कराया जाएगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जिले में कुल जनसंख्या करीब 35 लाख के आसपास है. इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के मकसद से 3,911 स्वास्थ विभाग के टीम मेंबर के अलावा 7,82 पर्यवेक्षक की भी तैनाती की गई है.

इसे भी पढ़ें:- योगी के नौनिहाल कुपोषण के शिकार, बिहार के बाद यूपी सबसे ज्यादा कुपोषित

इस कार्यक्रम को दो चरणों में पूरे किए जाने का लक्ष्य है. 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक पहला चरण होगा. वहीं दूसरे चरण में 16 दिसंबर से 24 दिसंबर को पूर्ण करने की तैयारी है. इस दौरान जनपद के प्रत्येक ब्लॉक और विकास खंड में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा सतत कार्यक्रम के जरिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया जाएगा.
-डॉ. शरद वर्मा, सीएमओ

रायबरेली: जिले में फाइलेरिया को लेकर स्वास्थ विभाग ने कमर कस ली है. 25 नवंबर से पूरे जनपद में फाइलेरिया के विरुद्ध अभियान छेड़ा जा रहा है. इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मी घर-घर जाकर लोगों को दवाएं उपलब्ध कराएंगे. इस दौरान कुछ विशेष वर्ग के लोगों के दवाओं से वंचित रहने की बात कही गई है, जिनमें गर्भवती महिलाएं और दो वर्ष के कम आयु के बच्चों के अलावा गंभीर रोगों से जूझ रहे रोगी शामिल है.

25 नंवबर से फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद वर्मा ने बताया कि जनपद में फाइलेरिया जिसे बोल चाल की भाषा में हाथी-पावं के नाम से भी जाना जाता है, इसके उन्मूलन हेतु 25 नवंबर से कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इसके तहत आशा और स्वास्थ कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर अभियान को धार दी जाएगी.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद वर्मा ने बताया कि सभी को उनकी आयु वर्ग के अनुसार डीईसी और एलवेंडरजोल नामक दवा का सेवन कराया जाएगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जिले में कुल जनसंख्या करीब 35 लाख के आसपास है. इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के मकसद से 3,911 स्वास्थ विभाग के टीम मेंबर के अलावा 7,82 पर्यवेक्षक की भी तैनाती की गई है.

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इस कार्यक्रम को दो चरणों में पूरे किए जाने का लक्ष्य है. 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक पहला चरण होगा. वहीं दूसरे चरण में 16 दिसंबर से 24 दिसंबर को पूर्ण करने की तैयारी है. इस दौरान जनपद के प्रत्येक ब्लॉक और विकास खंड में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा सतत कार्यक्रम के जरिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया जाएगा.
-डॉ. शरद वर्मा, सीएमओ

Intro:रायबरेली:फ़ाइलेरिया के विरुद्ध स्वास्थ विभाग शुरु करेगा घर - घर अभियान, 25 नवंबर से होगी शुरुआत

23 नवंबर 2019 - रायबरेली

फ़ाइलेरिया को लेकर स्वास्थ विभाग कमर कस कर मैदान में उतरने का मन बना चुका है।25 नवंबर से पूरे जनपद में फ़ाइलेरिया के विरुद्ध अभियान छेड़ा जा रहा है।इस क्रम में स्वास्थ कार्यकर्ता घर - घर जाकर लोगों को दवाएं उपलब्ध कराएंगे।इस दौरान कुछ विशेष वर्ग के लोगों के दवाओं से वंचित रहने की बात कही गई है।जिनमें गर्भवती महिलाएं व 2 वर्ष के कम आयु के बच्चों के अलावा गंभीर रोगों से जूझ रहे रोगी शामिल है।


Body:रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ शरद वर्मा ने बताया कि जनपद में फ़ाइलेरिया जिसे बोल चाल की भाषा में हाथी पावं के नाम से भी जाना जाता है के उन्मूलन हेतु 25 नवंबर से कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है।इसके तहत आशा व स्वास्थ कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर अभियान को धार दी जाएगी।इस दौरान सभी को उनकी आयु वर्ग के अनुसार डीईसी व एलवेंडरज़ोल नामक दावा का सेवन कराया जाएगा।रायबरेली जनपद की कुल जनसंख्या करीब 35 लाख से ज्यादा बताते हुए इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के मकसद 3911 स्वास्थ विभाग के टीम मेंबर के अलावा 782 पर्यवेक्षक की भी तैनाती की गई है।

इस कार्यक्रम को दो चरणों मे पूरे किए जाने का लक्ष्य है।25 नवंबर से 10 दिसंबर तक पहला चरण होगा वही दूसरे चरण में 16 दिसंबर से 24 दिसंबर को पूर्ण करने की तैयारी है।इस दौरान जनपद के प्रत्येक ब्लॉक व विकास खंड में स्वास्थ विभाग की टीमों द्वारा सतत कार्यक्रम के जरिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया जाएगा।







Conclusion:बाइट : डॉ शरद वर्मा - सीएमओ - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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