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रायबरेली: माटी की पौष्टिकता बढ़ाने के मकसद से सरकार करेगी धनवर्षा

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में किसानों को माटी की गुणवत्ता बताने कि लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. यह एक मॉडल के आधार पर संचालित किया जा रहा है. इसको लेकर एक विलेज के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है.

किसानों को किया जाएगा जागरूक
किसानों को किया जाएगा जागरूक.
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Published : Dec 31, 2019, 9:00 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: जिले में माटी की घटती पौष्टिकता को लेकर सरकार देर से ही सही पर कदम उठा रही है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के नतीजों में जनपद की माटी में जरूरी पोषक तत्वों की भारी कमी उजागर हुई थी. विशेषज्ञों ने इसको लेकर सरकारी तंत्र समेत किसानों को भी चेताया था.

किसानों को किया जाएगा जागरूक.

सरकार ने भी इस दिशा में लोगों को जागरूक करने का मन बनाया है. किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही कृषकों को आर्थिक सहायता देकर माटी की गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही जा रही है. इसी क्रम में जिले में मॉडल विलेज के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है. जनपद के कुल 18 ब्लॉकों में से 18 गांवों को मॉडल विलेज के रूप में चुना गया है, जिसके सापेक्ष 18 गांव में से 5,054 मिट्टी के नमूनों पर कृषि विभाग मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी कर चुका है.

किसानों को दी जाएगी आर्थिक मदद
मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि आर्गेनिक कार्बन और नाइट्रोजन के अलावा सल्फर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी कमी मिट्टी के नमूनों की जांच में पाई गई थी. जनपद के करीब 500 से ज्यादा किसानों को इस योजना से लाभांवित होने की उम्मीद जताई जा रही है.

किसानों को किया जाएगा लाभांवित
जनपद में कुल 513 हेक्टेयर भूमि में इस कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. जनपद के कृषि विभाग ने 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर की धनराशि किसानों को निर्गत किए जाने का निर्णय किया गया. कुल आवंटित धनराशि को दिए गए मद में खर्च करने का सुझाव भी मृदा स्वास्थ्य कार्ड के जरिए किसानों को दिया गया.

खाद व उर्वरक 1,100 रुपये
मृदा 700 रुपये
जैव उर्वरक 200 रुपये
सूक्ष्मपोषक तत्व 500 रुपये


इसे भी पढ़ें:- रायबरेली: देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौनी बाबा कर रहे मां पीताम्बरा का अनुष्ठान

रायबरेली: जिले में माटी की घटती पौष्टिकता को लेकर सरकार देर से ही सही पर कदम उठा रही है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के नतीजों में जनपद की माटी में जरूरी पोषक तत्वों की भारी कमी उजागर हुई थी. विशेषज्ञों ने इसको लेकर सरकारी तंत्र समेत किसानों को भी चेताया था.

किसानों को किया जाएगा जागरूक.

सरकार ने भी इस दिशा में लोगों को जागरूक करने का मन बनाया है. किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही कृषकों को आर्थिक सहायता देकर माटी की गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही जा रही है. इसी क्रम में जिले में मॉडल विलेज के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है. जनपद के कुल 18 ब्लॉकों में से 18 गांवों को मॉडल विलेज के रूप में चुना गया है, जिसके सापेक्ष 18 गांव में से 5,054 मिट्टी के नमूनों पर कृषि विभाग मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी कर चुका है.

किसानों को दी जाएगी आर्थिक मदद
मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि आर्गेनिक कार्बन और नाइट्रोजन के अलावा सल्फर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी कमी मिट्टी के नमूनों की जांच में पाई गई थी. जनपद के करीब 500 से ज्यादा किसानों को इस योजना से लाभांवित होने की उम्मीद जताई जा रही है.

किसानों को किया जाएगा लाभांवित
जनपद में कुल 513 हेक्टेयर भूमि में इस कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. जनपद के कृषि विभाग ने 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर की धनराशि किसानों को निर्गत किए जाने का निर्णय किया गया. कुल आवंटित धनराशि को दिए गए मद में खर्च करने का सुझाव भी मृदा स्वास्थ्य कार्ड के जरिए किसानों को दिया गया.

खाद व उर्वरक 1,100 रुपये
मृदा 700 रुपये
जैव उर्वरक 200 रुपये
सूक्ष्मपोषक तत्व 500 रुपये


इसे भी पढ़ें:- रायबरेली: देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौनी बाबा कर रहे मां पीताम्बरा का अनुष्ठान

Intro:रायबरेली:माटी की पौष्टिकता बढ़ाने के मकसद से सरकार करेगी धनवर्षा

सरकार ने शुरु की 'मॉडल विलेज' के कांन्सेप्ट से माटी के पौष्टिकता बरकरार रखने की कवायद,किसानों को देंगे निवेश राशि

30 दिसंबर 2019 - रायबरेली

जिले में माटी की घटती पौष्टिकता को लेकर सरकार द्वारा देर से ही सही पर कदम उठाएं जा रहे है।दरअसल मृदा स्वास्थ्य कार्ड के नतीजों में जनपद की माटी में जरुरी पोषक तत्वों की भारी कमी उजागर हुई थी। विशेषज्ञों ने इसको लेकर सरकारी तंत्र समेत किसानों को भी चेताया था।अब सरकार ने भी इस दिशा में लोगों को जागरुक करने का मन बनाया है।किसानों के बीच जागरुकता कार्यक्रम के साथ ही कृषकों को आर्थिक सहायता देकर माटी की गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही जा रही है।इस क्रम में जिले में मॉडल विलेज के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है। जनपद के कुल 18 ब्लॉकों में से 18 गांवों को मॉडल विलेज के रूप में चुना गया है।जिसके सापेक्ष 18 गांव में से 5054 मिट्टी के नमूनों पर कृषि विभाग मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी कर चुका है।




Body:रायबरेली के मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ गोविंद सिंह ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप मिट्टी की पौष्टिकता व गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक मदत दिए जाने का निर्णय लिया गया है।रायबरेली जिले में आर्गेनिक कार्बन व नाइट्रोजन के अलावा सल्फर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी कमी मिट्टी के नमूनों की जांच में पाई गई थी।रायबरेली जनपद के करीब 500 से ज्यादा किसानों को इस योजना से लाभांवित होने की उम्मीद जताई जा रही है।

इसी क्रम में जनपद में कुल 513 हेक्टेयर भूमि में इस कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
जनपद के कृषि विभाग द्वारा ₹2500 प्रति हेक्टेयर की धनराशि किसानों को निर्गत किए जाने का निर्णय लिया गया।

2500 की कुल आवंटित धनराशि को दिए गए मद में खर्च करने का सुझाव भी मृदा स्वास्थ्य कार्ड के जरिए किसानों को दिया गया है।

खाद व उर्वरक - रु 1100,
मृदा सुधार - रु 700,
जैव उर्वरक - रु 200,
सूक्ष्मपोषक तत्व - रु 500






Conclusion:विज़ुअल : संबंधित विज़ुअल,

बाइट : गोविंद सिंह - प्रभारी - मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला, रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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