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रायबरेली: जमीन फर्जीवाड़े के मामले में तहसीलदार समेत 7 के खिलाफ FIR - रायबरेली सीजेएम कोर्ट

यूपी के रायबरेली में जमीन हड़पने के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने साक्ष्यों और सबूतों का गहनता से अध्ययन करने के बाद 23 जुलाई 2020 को सभी आरोपितों के खिलाफ हरचंदपुर थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

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सीजेएम कोर्ट.
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Published : Jul 26, 2020, 12:25 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: जनपद के महाराजगंज कोतवाली क्षेत्र में सरकारी तंत्र में व्याप्त धांधली का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. ग्राम प्रधान की अधिकारियों से अच्छी गठजोड़ के बलबूते गांव के ही एक व्यक्ति को पाकिस्तान जाने का कारण बताकर उसकी जमीन दूसरे व्यक्ति के नाम दर्ज करा दी गई. पीड़ित ने जब न्यायालय से गुहार लगाई तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ.

मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने नायब तहसीलदार, कानूनगो और ग्राम प्रधान समेत 7 के खिलाफ एफआईआर के आदेश जारी किए हैं. जनपद में चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने चकबंदी के अधिकारी, कर्मचारी, ग्राम प्रधान और कोटेदार समेत 7 लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

पूरा मामला जिले के महाराजगंज कोतवाली का है, जोकि एक व्यक्ति को पाकिस्तान जाकर बसने के षड्यंत्र रचकर जमीन हड़पने से जुड़ा है. इसके उपरांत जमीन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर दर्ज करा दी गई थी. पीड़ित ने न्यायालय की शरण में जाकर वाद दायर किया था. इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया. जानकारी के अनुसार जिले के महाराजगंज तहसील के कोतवाली क्षेत्र के रसेहता गांव के मूल निवासी करीब 50 वर्षीय औलाद मोहम्मद ने 5 दिसंबर 2018 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) कोर्ट में वाद दाखिल किया था.

उन्होंने अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा था कि शहर कोतवाली के छोटी बाजार निवासी महताब खान ने चकबंदी के तत्कालीन नायब तहसीलदार हरचंदपुर संजय सिंह, तत्कालीन कानूनगो विजय सिंह और हरचंदपुर थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के प्रधान धीरेंद्र सिंह, कोटेदार धीरेंद्र विक्रम सिंह, ग्राम सभा की सदस्य कलावती और मिल एरिया थाना क्षेत्र के संदिराम गांव निवासी जीतेंद्र सिंह ने जालसाजी कर उसकी जमीन हड़पने का षड़यंत्र रचा.

उन्होंने 27 नवंबर 2017 को फर्जी दस्तावेज के जरिए पीड़ित को परिवार समेत पाकिस्तान में जाकर बसा हुआ दिखा दिया. इसके बाद 1/3 के भागीदार महताब को उसकी जमीन का 1/2 का भागीदार बना डाला. इस कागज़ी प्रक्रिया के बाद महताब ने जमीन जितेंद्र सिंह के नाम करा दी. साथ ही चकबंदी के तत्कालीन नायब तहसीलदार ने पीड़ित की जमीन को ग्राम सभा मे भी दर्ज करने के निर्देश दे दिए. मामले का खुलासा होने पर पीड़ित ने न्यायालय से गुहार लगाई. अदालत ने साक्ष्यों और सबूतों का गहनता से अध्ययन करने के बाद 23 जुलाई 2020 को सभी आरोपितों के खिलाफ हरचंदपुर थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

रायबरेली: जनपद के महाराजगंज कोतवाली क्षेत्र में सरकारी तंत्र में व्याप्त धांधली का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. ग्राम प्रधान की अधिकारियों से अच्छी गठजोड़ के बलबूते गांव के ही एक व्यक्ति को पाकिस्तान जाने का कारण बताकर उसकी जमीन दूसरे व्यक्ति के नाम दर्ज करा दी गई. पीड़ित ने जब न्यायालय से गुहार लगाई तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ.

मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने नायब तहसीलदार, कानूनगो और ग्राम प्रधान समेत 7 के खिलाफ एफआईआर के आदेश जारी किए हैं. जनपद में चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने चकबंदी के अधिकारी, कर्मचारी, ग्राम प्रधान और कोटेदार समेत 7 लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

पूरा मामला जिले के महाराजगंज कोतवाली का है, जोकि एक व्यक्ति को पाकिस्तान जाकर बसने के षड्यंत्र रचकर जमीन हड़पने से जुड़ा है. इसके उपरांत जमीन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर दर्ज करा दी गई थी. पीड़ित ने न्यायालय की शरण में जाकर वाद दायर किया था. इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया. जानकारी के अनुसार जिले के महाराजगंज तहसील के कोतवाली क्षेत्र के रसेहता गांव के मूल निवासी करीब 50 वर्षीय औलाद मोहम्मद ने 5 दिसंबर 2018 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) कोर्ट में वाद दाखिल किया था.

उन्होंने अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा था कि शहर कोतवाली के छोटी बाजार निवासी महताब खान ने चकबंदी के तत्कालीन नायब तहसीलदार हरचंदपुर संजय सिंह, तत्कालीन कानूनगो विजय सिंह और हरचंदपुर थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के प्रधान धीरेंद्र सिंह, कोटेदार धीरेंद्र विक्रम सिंह, ग्राम सभा की सदस्य कलावती और मिल एरिया थाना क्षेत्र के संदिराम गांव निवासी जीतेंद्र सिंह ने जालसाजी कर उसकी जमीन हड़पने का षड़यंत्र रचा.

उन्होंने 27 नवंबर 2017 को फर्जी दस्तावेज के जरिए पीड़ित को परिवार समेत पाकिस्तान में जाकर बसा हुआ दिखा दिया. इसके बाद 1/3 के भागीदार महताब को उसकी जमीन का 1/2 का भागीदार बना डाला. इस कागज़ी प्रक्रिया के बाद महताब ने जमीन जितेंद्र सिंह के नाम करा दी. साथ ही चकबंदी के तत्कालीन नायब तहसीलदार ने पीड़ित की जमीन को ग्राम सभा मे भी दर्ज करने के निर्देश दे दिए. मामले का खुलासा होने पर पीड़ित ने न्यायालय से गुहार लगाई. अदालत ने साक्ष्यों और सबूतों का गहनता से अध्ययन करने के बाद 23 जुलाई 2020 को सभी आरोपितों के खिलाफ हरचंदपुर थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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