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बिना पट्टा कराए भूमि को कराया फ्री होल्ड, पूर्व सांसद पुत्र समेत 12 पर FIR

रायबरेली जिले में कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के पक्ष में बिना पट्टा हुए भूमि को फर्जी तरीके फ्री होल्ड कराने का आरोप लगा है. इस मामले में पूर्व सांसद के बेटे व तत्कालीन एडीएम समेत 12 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी
कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी
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Published : Mar 15, 2021, 2:47 AM IST

रायबरेली: जिले में कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी से जुड़े मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ा है. लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर रायबरेली शहर के सिविल लाइंस स्थित सोसाइटी की यह जमीन लगातार चर्चा का केंद्र बनी हुई है. अब सोसाइटी की जमीन को फ्री होल्ड किए जाने की पत्रावली पर सिटी मजिस्ट्रेट युगराज सिंह की जांच में बड़ा खेल उजागर हुआ है. एडीएम एफआर द्वारा सोसाइटी के सदस्यों के अलावा तत्कालीन प्रशासनिक अमले के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है.

जानकारी देते एसपी.

फ्री होल्ड कराने में खेल करने का है आरोप
दरअसल, सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में पता चला है कि जमीन का पट्टा कराए बिना भूमि को धोखे से फ्री होल्ड करा दिया गया. मामला उजागर होने के बाद शनिवार देर रात एडीएम (वित्त एवं राजस्व) एवं प्रभारी अधिकारी नजूल प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने सदर कोतवाली में पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल समेत 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.

यह सभी हुए एफआईआर ने नामजद
एफआईआर में तत्कालीन नजूल लिपिक छेदीलाल जौहरी, तत्कालीन लेखपाल प्रवीण कुमार मिश्रा, तत्कालीन प्रभारी कानूनगो प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन तहसीलदार सदर कृष्ण पाल सिंह, कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव व अन्य पदाधिकारीगण, कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के सचिव सुनील देव, तत्कालीन एडीएम (वित्त एवं राजस्व) मदन पाल आर्या, तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी विंध्यवासिनी प्रसाद, तत्कालीन राजस्व सहायक द्वितीय नजूल लिपिक रामकृष्ण श्रीवास्तव, पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल, प्रभु टाउन निवासी सुनील कुमार एवं तत्कालीन उप निबंधक सदर घनश्याम को भी नामजद किया गया है.

यह है आरोप
इन सभी पर कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के पक्ष में बिना पट्टा हुए भूमि को फर्जी तरीके से छल कर अभिलेखों में कूट रचना करके अनियमित व अवैध तरीके से फ्री होल्ड कराने का आरोप लगा है. सदर कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि सभी लोगों ने छल, षड्यंत्र करके न सिर्फ कूटरचित दस्तावेज तैयार कराया, बल्कि शासनादेश में दी गई व्यवस्था के विरुद्ध कार्य किया गया.

सरकारी दस्तावेजों में व्हाइटनर का प्रयोग करके की गई हेराफेरी
खास बात यह है कि दर्ज की गई एफआईआर में स्पष्ट तौर पर यह भी जिक्र किया गया है कि 16 अगस्त 2001 और 7 फरवरी 2002 में जगह-जगह व्हाइटनर लगाकर दस्तावेजों में ओवर राइटिंग की गई, जो नियम विरुद्ध है. साथ ही फर्जी अभिलेखों के आधार पर सरकारी नजूल भूमि को कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी को अवैध लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अवैधानिक कार्य किया गया.

बोले एसपी, तथ्यों के आधार पर होगी विधिक कार्रवाई
एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी की जमीन के मामले में सदर कोतवाली में पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल समेत 12 लोगों पर केस दर्ज कराया गया है. इन सभी पर बिना पट्टा कराए जमीन को फ्री होल्ड कराने का आरोप लगाया गया है. मामले की विवेचना कराई जाएगी. विवेचना में जो तथ्य निकलकर सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई होगी.

रायबरेली: जिले में कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी से जुड़े मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ा है. लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर रायबरेली शहर के सिविल लाइंस स्थित सोसाइटी की यह जमीन लगातार चर्चा का केंद्र बनी हुई है. अब सोसाइटी की जमीन को फ्री होल्ड किए जाने की पत्रावली पर सिटी मजिस्ट्रेट युगराज सिंह की जांच में बड़ा खेल उजागर हुआ है. एडीएम एफआर द्वारा सोसाइटी के सदस्यों के अलावा तत्कालीन प्रशासनिक अमले के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है.

जानकारी देते एसपी.

फ्री होल्ड कराने में खेल करने का है आरोप
दरअसल, सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में पता चला है कि जमीन का पट्टा कराए बिना भूमि को धोखे से फ्री होल्ड करा दिया गया. मामला उजागर होने के बाद शनिवार देर रात एडीएम (वित्त एवं राजस्व) एवं प्रभारी अधिकारी नजूल प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने सदर कोतवाली में पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल समेत 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.

यह सभी हुए एफआईआर ने नामजद
एफआईआर में तत्कालीन नजूल लिपिक छेदीलाल जौहरी, तत्कालीन लेखपाल प्रवीण कुमार मिश्रा, तत्कालीन प्रभारी कानूनगो प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन तहसीलदार सदर कृष्ण पाल सिंह, कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव व अन्य पदाधिकारीगण, कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के सचिव सुनील देव, तत्कालीन एडीएम (वित्त एवं राजस्व) मदन पाल आर्या, तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी विंध्यवासिनी प्रसाद, तत्कालीन राजस्व सहायक द्वितीय नजूल लिपिक रामकृष्ण श्रीवास्तव, पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल, प्रभु टाउन निवासी सुनील कुमार एवं तत्कालीन उप निबंधक सदर घनश्याम को भी नामजद किया गया है.

यह है आरोप
इन सभी पर कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के पक्ष में बिना पट्टा हुए भूमि को फर्जी तरीके से छल कर अभिलेखों में कूट रचना करके अनियमित व अवैध तरीके से फ्री होल्ड कराने का आरोप लगा है. सदर कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि सभी लोगों ने छल, षड्यंत्र करके न सिर्फ कूटरचित दस्तावेज तैयार कराया, बल्कि शासनादेश में दी गई व्यवस्था के विरुद्ध कार्य किया गया.

सरकारी दस्तावेजों में व्हाइटनर का प्रयोग करके की गई हेराफेरी
खास बात यह है कि दर्ज की गई एफआईआर में स्पष्ट तौर पर यह भी जिक्र किया गया है कि 16 अगस्त 2001 और 7 फरवरी 2002 में जगह-जगह व्हाइटनर लगाकर दस्तावेजों में ओवर राइटिंग की गई, जो नियम विरुद्ध है. साथ ही फर्जी अभिलेखों के आधार पर सरकारी नजूल भूमि को कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी को अवैध लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अवैधानिक कार्य किया गया.

बोले एसपी, तथ्यों के आधार पर होगी विधिक कार्रवाई
एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी की जमीन के मामले में सदर कोतवाली में पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल समेत 12 लोगों पर केस दर्ज कराया गया है. इन सभी पर बिना पट्टा कराए जमीन को फ्री होल्ड कराने का आरोप लगाया गया है. मामले की विवेचना कराई जाएगी. विवेचना में जो तथ्य निकलकर सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई होगी.

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