रायबरेली: अंतरराष्ट्रीय एथलीट सुधा सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि उन्हें टायफॉइड की वजह से एशियन चैंपियनशिप से अपना नाम वापस लेना पड़ा. डॉक्टरों ने उन्हें सप्ताह भर के लिए बेड रेस्ट के लिए बताया. हालांकि सुधा सिंह जनवरी माह में मुंबई मैराथन में अपने रिकॉर्ड टाइम के परफॉर्मेंस की बदौलत पहले ही क्वालीफाई कर चुकी थी, लेकिन बेस्ट परफॉर्म न कर पाने की वजह से दोहा में होने वाले एशियन चैंपियनशिप से उन्होंने अपने आप को अलग रखा.
भविष्य के बारे में बात करते हुए सुधा सिंह ने कहा कि फिलहाल तो उनका अगला लक्ष्य करीब 4 महीने बाद दोहा में ही होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब जीतना है. इसको लेकर जल्द ही वो स्पेशल ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा होंगी. बीमारी और इंजरी की वजह से टूर्नामेंटों में भाग न ले पाने से निराशा के सवाल पर सुधा सिंह कहती हैं कि पार्टिसिपेट न कर पाने से मलाल तो जरूर होता है. लेकिन यह मानकर की आगे कुछ और अच्छा होना है और खिलाड़ी के रूप में अगले मुकाबले पर टारगेट करना चाहिए.
एक लंबे और सफल एथलेटिक कैरियर में ऐसे कौन से टूर्नामेंट हैं जिसमें मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया. इसके जवाब में सुधा सिंह ने कहा कि स्टीपल चेस में नेशनल बेस्ट रिकॉर्ड बनाने के अलावा वो देश के लिए ओलंपिक्स व वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतना चाहती हैं. इसी को टारगेट में रखकर आगे अपनी तैयारियां कर रही हैं.
अब तक यह खिताब जीतने में कामयाब रही हैं सुधा सिंह
वर्ष 2010 में एशियन गेम्स मुकाबलों में 3000 मीटर स्टीपल चेज में गोल्ड मेडल जीतने वाली सुधा सिंह ने वर्ष 2018 में इसी टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने में भी कामयाब रही. इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप में भी देश के लिए कई मेडल जीतने में सफल रहीं. रायबरेली में जन्मी सुधा सिंह अब तक दो ओलंपिक गेम्स में भारत की ओर से पार्टिसिपेट कर चुकी हैं. इस साल मुंबई मैराथन में नया रिकॉर्ड कायम करने वाली सुधा सिंह अभी से ओलंपिक गेम्स के लिए अपना टिकट फाइनल कर चुकी हैं.