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जब एशियन चैंपियनशिप में रुके सुधा के कदम तो वर्ल्ड चैंपियनशिप को बनाया अगला लक्ष्य

रायबरेली से निकलकर देश-विदेश में विशिष्ट पहचान बनाने में कामयाब रही एथलीट सुधा सिंह का अगला लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप है. वह दोहा में हो रही एशियन चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने के बाद भी उसमें शिरकत नहीं कर पाई. इस बात का उन्हें मलाल तो है, लेकिन उन्होंने अब अपने अगले लक्ष्य पर नजरें जमा दी है.

सुधा सिंह
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Published : Apr 26, 2019, 8:14 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: अंतरराष्ट्रीय एथलीट सुधा सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि उन्हें टायफॉइड की वजह से एशियन चैंपियनशिप से अपना नाम वापस लेना पड़ा. डॉक्टरों ने उन्हें सप्ताह भर के लिए बेड रेस्ट के लिए बताया. हालांकि सुधा सिंह जनवरी माह में मुंबई मैराथन में अपने रिकॉर्ड टाइम के परफॉर्मेंस की बदौलत पहले ही क्वालीफाई कर चुकी थी, लेकिन बेस्ट परफॉर्म न कर पाने की वजह से दोहा में होने वाले एशियन चैंपियनशिप से उन्होंने अपने आप को अलग रखा.

सुधा सिंह के साथ खास बातचीत.

भविष्य के बारे में बात करते हुए सुधा सिंह ने कहा कि फिलहाल तो उनका अगला लक्ष्य करीब 4 महीने बाद दोहा में ही होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब जीतना है. इसको लेकर जल्द ही वो स्पेशल ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा होंगी. बीमारी और इंजरी की वजह से टूर्नामेंटों में भाग न ले पाने से निराशा के सवाल पर सुधा सिंह कहती हैं कि पार्टिसिपेट न कर पाने से मलाल तो जरूर होता है. लेकिन यह मानकर की आगे कुछ और अच्छा होना है और खिलाड़ी के रूप में अगले मुकाबले पर टारगेट करना चाहिए.

एक लंबे और सफल एथलेटिक कैरियर में ऐसे कौन से टूर्नामेंट हैं जिसमें मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया. इसके जवाब में सुधा सिंह ने कहा कि स्टीपल चेस में नेशनल बेस्ट रिकॉर्ड बनाने के अलावा वो देश के लिए ओलंपिक्स व वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतना चाहती हैं. इसी को टारगेट में रखकर आगे अपनी तैयारियां कर रही हैं.

अब तक यह खिताब जीतने में कामयाब रही हैं सुधा सिंह
वर्ष 2010 में एशियन गेम्स मुकाबलों में 3000 मीटर स्टीपल चेज में गोल्ड मेडल जीतने वाली सुधा सिंह ने वर्ष 2018 में इसी टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने में भी कामयाब रही. इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप में भी देश के लिए कई मेडल जीतने में सफल रहीं. रायबरेली में जन्मी सुधा सिंह अब तक दो ओलंपिक गेम्स में भारत की ओर से पार्टिसिपेट कर चुकी हैं. इस साल मुंबई मैराथन में नया रिकॉर्ड कायम करने वाली सुधा सिंह अभी से ओलंपिक गेम्स के लिए अपना टिकट फाइनल कर चुकी हैं.

रायबरेली: अंतरराष्ट्रीय एथलीट सुधा सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि उन्हें टायफॉइड की वजह से एशियन चैंपियनशिप से अपना नाम वापस लेना पड़ा. डॉक्टरों ने उन्हें सप्ताह भर के लिए बेड रेस्ट के लिए बताया. हालांकि सुधा सिंह जनवरी माह में मुंबई मैराथन में अपने रिकॉर्ड टाइम के परफॉर्मेंस की बदौलत पहले ही क्वालीफाई कर चुकी थी, लेकिन बेस्ट परफॉर्म न कर पाने की वजह से दोहा में होने वाले एशियन चैंपियनशिप से उन्होंने अपने आप को अलग रखा.

सुधा सिंह के साथ खास बातचीत.

भविष्य के बारे में बात करते हुए सुधा सिंह ने कहा कि फिलहाल तो उनका अगला लक्ष्य करीब 4 महीने बाद दोहा में ही होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब जीतना है. इसको लेकर जल्द ही वो स्पेशल ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा होंगी. बीमारी और इंजरी की वजह से टूर्नामेंटों में भाग न ले पाने से निराशा के सवाल पर सुधा सिंह कहती हैं कि पार्टिसिपेट न कर पाने से मलाल तो जरूर होता है. लेकिन यह मानकर की आगे कुछ और अच्छा होना है और खिलाड़ी के रूप में अगले मुकाबले पर टारगेट करना चाहिए.

एक लंबे और सफल एथलेटिक कैरियर में ऐसे कौन से टूर्नामेंट हैं जिसमें मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया. इसके जवाब में सुधा सिंह ने कहा कि स्टीपल चेस में नेशनल बेस्ट रिकॉर्ड बनाने के अलावा वो देश के लिए ओलंपिक्स व वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतना चाहती हैं. इसी को टारगेट में रखकर आगे अपनी तैयारियां कर रही हैं.

अब तक यह खिताब जीतने में कामयाब रही हैं सुधा सिंह
वर्ष 2010 में एशियन गेम्स मुकाबलों में 3000 मीटर स्टीपल चेज में गोल्ड मेडल जीतने वाली सुधा सिंह ने वर्ष 2018 में इसी टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने में भी कामयाब रही. इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप में भी देश के लिए कई मेडल जीतने में सफल रहीं. रायबरेली में जन्मी सुधा सिंह अब तक दो ओलंपिक गेम्स में भारत की ओर से पार्टिसिपेट कर चुकी हैं. इस साल मुंबई मैराथन में नया रिकॉर्ड कायम करने वाली सुधा सिंह अभी से ओलंपिक गेम्स के लिए अपना टिकट फाइनल कर चुकी हैं.

Intro:टायफॉइड ने जब एशियन चैंपियनशिप में रोके सुधा के कदम,तब वर्ल्ड चैंपियनशिप को बनाया अपना अगला लक्ष्य

25 अप्रैल 2019 - रायबरेली

एथलेटिक्स में अपनी बेशुमार सफलता से रायबरेली जैसे जिले से निकलकर देश - विदेश में विशिष्ट पहचान बनाने क़ामयाब रही एथलीट सुधा सिंह ने दोहा में हो रही एशियन चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने के बाद भी शिरकत न कर पाने का मलाल तो जरुर है पर अगला लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप के मैडल के रुप मे साध कर इरादे ज़ाहिर कर दिए है।

ETV संवाददाता से ख़ास बातचीत में अंतरराष्ट्रीय एथलीट सुधा सिंह ने एशियन चैंपियनशिप के लिए पिछले जनवरी माह से ही ऊटी में चल रहे विशेष कैम्प का हिस्सा होने की बात साझा करते हुए बताया कि पटियाला में क्वालिफिकेशन राउंड के लिए जब वो पहुंची तब एयरपोर्ट से ही उन्हें बुखार की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा।ब्लड सैम्पल्स के टेस्ट में टायफॉइड की बात सामने निकल कर आने से डॉक्टरों ने उन्हें सप्ताह भर के लिए बेड रेस्ट के लिए बोला।यही कारण रहा कि उन्हें भारी मन से टूर्नामेंट से अपना नाम वापस लेना पड़ा,हालांकि सुधा सिंह जनवरी माह में मुंबई मैराथन में अपने रिकॉर्ड टाइम के परफॉर्मेंस की बदौलत पहले ही क्वालीफाई कर चुकी थी पर अपना बेस्ट परफॉर्म न कर पाने की वजह से दोहा में होने वाला एशियन चैंपियनशिप से उन्होनें अपने आप को अलग रखा।







Body:भविष्य के बारें में बात करते हुए सुधा सिंह ने कहा फिलहाल तो उनका अगला लक्ष्य करीब 4 महीने बाद दोहा में ही होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब जीतना है जिसको लेकर जल्द ही वो स्पेशल ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा होंगी।

बड़े मुकाबलों के ठीक पहले सभी तैयारी होने के बावजूद बीमारियों व इंजरी की वजह से टूर्नामेंटों में भाग न ले पाने से निराशा के सवाल पर सुधा सिंह कहती हैं कि निश्चित रूप से लगातार मेहनत करने के बावजूद पार्टिसिपेट न कर पाने से मलाल तो जरूर होता है पर यह मानकर की आगे कुछ और अच्छा होना है और खिलाड़ी के रूप में अगले मुकाबले पर टारगेट करना चाहिए।

एक लंबे और सफल एथलेटिक कैरियर में ऐसे कौन से टूर्नामेंट है जिसमें सुधा सिंह के लिए मैडल जीतने का सपना अधूरा रह गया है के सवाल पर सुधा सिंह ने कहां कि स्टीपल चेस में नेशनल बेस्ट रिकॉर्ड बनाने के अलावा वो देश के लिए ओलंपिक्स व वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैडल जीतना चाहती है और इसी को टारगेट में रखकर आगे अपनी प्रिपरेशन कर रही है।


अब तक यह खिताब जीतने में कामयाब रही है रायबरेली की बेटी -

वर्ष 2010 में एशियन गेम्स मुकाबलों में 3000 मीटर स्टीपल चेज में गोल्ड मेडल जीतने वाली सुधा सिंह ने वर्ष 2018 में इसी टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने में भी कामयाब रही।इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप में भी देश के लिए कई मेडल जीतने में सफल रही।रायबरेली में जन्मी सुधा सिंह ने अब तक दो ओलंपिक गेम्स में भारत की ओर से पार्टिसिपेट कर चुकी हैं।
और इसी वर्ष हुई मुंबई मैराथन में नया रिकॉर्ड कायम करने वाली सुधा सिंह अभी से ओलंपिक गेम्स के लिए अपना टिकट फाइनल कर चुकी है।




बाइट : सुधा सिंह - अंतरराष्ट्रीय एथलीट -2010 व 2018 एसियन गेम्स मैडल विजेता

प्रणव कुमार - 7000024034


Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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