रायबरेली/अमेठी: जिले में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी देश का पहला ड्रोन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनने जा रहा है. वर्तमान दौर में ड्रोन के उपयोगों को बेहद अहम मानते हुए इसके उड़ान संबंधी सभी तकनीकी जानकारियों समेत विश्वस्तर की दक्षता हासिल करने के मकसद से संस्थान द्वारा इस ओर कदम बढ़ाने का मन बनाया गया है. उम्मीद की जा रही है कि इसी साल इस कोर्स की शुरुआत होगी. ड्रोन के क्षेत्र में भविष्य तलाश रहे युवाओं को वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के संस्थान में मुफीद अवसर हासिल होगा.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के प्रभारी निदेशक कृष्णेन्दु गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि संस्थान द्वारा ड्रोन पायलटिंग से जुड़े करिकुलम की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया हैं. वर्तमान समय में ड्रोन के बेशुमार उपयोगों को देखते हुए इसको उड़ाने के लिए जरुरी सक्षमता, ज्ञान, लाइसेंस और अप्रूवल को बेहद अहम करार दिया गया है. कोई भी आम इंसान ड्रोन के काबिल नहीं है, जब तक उसके पास इससे जुड़ी तकनीकी, ज्ञान और अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार लर्निंग क्वालिफिकेशन नहीं होती है. यही कारण हैं कि ड्रोन फ्लाइंग के लिए प्रोफेशनल कोर्स को औपचारिकता देने का मन बनाया गया है.
देश का पहला ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर बनने की दिशा में इगरुआ ने बड़ी तेजी से कदम बढ़ाए हैं. मंत्रालय द्वारा भी इस दिशा में पहल की जा चुकी है. इस संदर्भ में डीजीसीए से जुड़े लोगों के साथ कई जरुरी मीटिंग्स भी दिल्ली में की जा चुकी है. उम्मीद है कि जल्द ही इगरुआ में ड्रोन ट्रेनिंग कोर्स की शुरुआत की जा सकेगी.
कृष्णेन्दु गुप्ता, प्रभारी निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी