रायबरेली: जिले का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जल्द ही आईपीडी सहित कई सेवाओं की शुरुआत करने जा रहा है. इस संबंध में संस्थान के निदेशक पिछले कुछ महीनों के अंदर सीएम योगी से दो बार मुलाकात कर चुके है. निदेशक का कहना है कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जल्द ही संस्थान बड़ा स्वरुप हासिल करेगा. कयास यह भी लगाएं जा रहे हैं कि दिवाली बाद पीएम मोदी एम्स की औपचारिक शुरुआत भी कर सकते हैं.
संस्थान के निदेशक व लंबे समय तक पीजीआई चंडीगढ़ के वरिष्ठ चिकित्सक रहें डॉ. अरविंद राजवंशी से ईटीवी भारत ने एम्स की तमात सुविधाओं को लेकर विशेष बातचीत की. बाचतीच में उन्होंने कहा कि सीएम योगी से एम्स रायबरेली की प्रस्तावित मेडिकल सुविधाओं और उसके विस्तार संबंधी विषयों पर चर्चा हुई है. इस दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वरीयता के आधार एम्स से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
जल्द ही शुरू होगी आईपीडी सुविधा की सुविधा
डॉ. राजवंशी ने कहा कि सबसे ज्यादा जोर आईपीडी सुविधा की शुरुआत को लेकर है. अभी केवल 100 बेड से ही इसकी शुरूआत की जाएगी. आने वाले समय मे नवीन अस्पताल विंग में इमरजेंसी के अलावा बड़े स्तर पर ओपीडी भी शुरू की जाएगी. उन्होंने बताया कि तीन चरणों की चयन प्रक्रिया,पहली दिल्ली एम्स व दूसरी और तीसरी पीजीआई लखनऊ में पूरी की गई. 158 पदों के सापेक्ष करीब 550 आवेदन प्राप्त हुए थे. जिनसे मे 73 चिकित्सकों का चयन किया गया है और इनमें से 40 से ज्यादा चिकित्सकों ने ज्वाइन भी कर लिया है. निदेशक ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के आने से कामकाज में तेजी आएगी और कुछ दिनों के अंदर ही मेडिकल अस्पताल शुरू करने की कवायद भी पूरी की जा सकेंगी.
दूसरे बैच में होगी 100 मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई
दूसरे सत्र से 100 मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई होगी. इससे पहले बैच में 50 स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया गया था. वहीं निदेशक ने दावा किया है कि दोनों ही बैच के स्टूडेंट्स के लिए लैबोरेटरी आदि की व्यवस्थआ कर दी गई है. बीते वित्तीय वर्ष में एम्स रायबरेली के बाकी बचे 50 एकड़ से ज्यादा की भूमि अधिग्रहित किए जाने की तैयारी थी. अधिग्रहण को किसानों की ओर से मंजूरी भी मिल गई थी. कोरोना के कारण भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.
एम्स रायबरेली पर एक नजर
एम्स रायबरेली की स्वीकृति यूपीए वन सरकार के दौरान वर्ष 2007 में हुई थी. इसके बाद वर्ष 2012 में 150 में से करीब 97 एकड़ भूमि एम्स के लिए अधिग्रहित की गई. उसके बाद 2013 में सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास किया था. वहीं वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद कुछ साल प्रोजेक्ट रूका रहा और अगस्त 2018 में ओपीडी सेवाओं की शुरूआत हुई.