रायबरेली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच अमेठी के प्रख्यात संत स्वामी मौनी बाबा ने शांति व्यवस्था की कामना के लिए विशेष 27 दिवसीय एक अनुष्ठान आयोजित किया है. इस संकटनाशक पूजन का मकसद CAA के जरिए देश के सुरक्षा तंत्र को अभेद बनाकर देश पर हो रहे हमलों पर रोक लगाना है.
देश की शांति के लिए मौनी बाबा कर रहे पूजन
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में अपनी विशिष्ठ पहचान रखने वाले मौनी बाबा कहते हैं कि देश मे CAA और NRC को लेकर फैले धार्मिक उन्माद के कारण आपातकाल जैसा माहौल है. इस माहौल से भारत को छुटकारा दिलाने के मकसद से वह मां पीतांबरा का आह्वान कर रहे हैं.
मां के आशीष से देश को मिली राहत
मौनी बाबा कहते हैं कि 1962 के चीन युद्ध के दौरान संत करपात्री जी महाराज ने मां पीतांबरा की आराधना की थी और मां के अनुष्ठान का नतीजा रहा कि देश युद्ध के गंभीर दौर से निकलने में कामयाब रहा. तभी से संतों के मन में यह भावना घर कर गई कि मां की शरण मे जाने से बड़े-बड़े संकट से देश को तत्काल राहत मिलती है.
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देश में संकट के समय मां की आती है याद
बाबा कहते हैं कि देश के जड़ चेतन समेत समस्त वासियों की रक्षा और जब भी देश पर संकट आता है तो अनायास ही भगवती मां पीतांबरा की याद आ जाती हैं. देश के धर्माचार्यों और संत महात्मा के मन में मां के प्रति इस अगाध भक्तिभाव का ही नतीजा है कि हर विषम परिस्थितियों से देश को बाहर निकलने में सफलता हासिल की गई है.
सीएए लागू करना सरकार का सही है फैसला
मौनी बाबा का कहना है कि आतंकवादियों से निपटने के लिए सीएए की बेहद जरूरत है. देश में घर कर रहे आतंकियों को देश के नागरिकों से भिन्न रखने के लिए यह कानून बनाया गया है. लोगों का प्रदर्शन करना यह जता रहा है कि देश संकट से जूझ रहा है.
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देश की शांति के लिए हो रहा हवन
देशवासियों को सद्बुद्धि देकर सबकी मंगलकामनाओं की पूर्ति के लिए 27 दिवसीय अनुष्ठान किया जा रहा है. विशेष पूजन के अलावा तीन बार सर्व बाधा निवारण हवन की आहुति भी मंत्रोच्चारण के साथ की जाती है. साथ ही रात्रि काल में मां के विशेष अर्चना पाठ का कार्यक्रम भी निर्धारित है.
पीएम से लेकर संसद को मिलेगी असीम ऊर्जा
इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति से पीएम मोदी और देश की संसद को आवश्यक असीम ऊर्जा का संचार होगा, जिसका संचयन कर देश की सुरक्षा तंत्र को अभेद बनाने के मकसद से पारित हुए इस कानून को लागू करने में कोई अड़चन नहीं आएगा.
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