प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के ब्रह्मलीन हुए अभी एक महीने भी नहीं बीते हैं और अभी से अखाड़ा परिषद में रार शुरू हो गयी है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद नए अध्यक्ष पद के चयन को लेकर अभी से दो फाड़ होता दिख रहा है.
एक तरफ अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि जहां 25 अक्टूबर को नए अध्यक्ष का चुनाव कराने को लेकर तैयार हैं. वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने 25 को होने वाली बैठक में शामिल होने से ही इंकार कर दिया है. देवेंद्र सिंह का कहना है कि महामंत्री हरि गिरि ने मनमानी करते हुए अपनी मर्जी से बैठक की तारीख तय कर दी है. उस दिन दूसरा कार्यक्रम दिल्ली में होने की वजह से वो बैठक में ही शामिल नहीं होंगे. अब चर्चा यह भी है कि महानिर्वाणी और बड़ा उदासीन समेत तीन से 4 अखाड़े बैठक में शामिल नहीं होंगे. इस तरह से 25 को होने वाली बैठक में सिर्फ पांच या छः अखाड़ों के ही शामिल होने की संभावना है. अब सवाल ये उठता है कि 13 अखाड़ों में से सिर्फ 6 अखाड़े मिलकर अध्यक्ष का चुनाव कैसे कर लेंगे.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने एक हफ्ते पहले एलान किया था कि 25 अक्टूबर को प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक होगी. बैठक में सभी अखाड़े मिलकर नए अध्यक्ष को चुनेंगे. लेकिन महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ही कार्यकारी अध्यक्ष हो गए हैं. उनका कहना है कि महामंत्री हरि गिरि ने मनमानी करते हुए नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए होने वाली बैठक के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय कर दी है. बैठक की तारीख तय करने से पहले उनकी और दूसरे अखाड़ों की राय भी नहीं ली गई.
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बता दें कि वैरागियों के तीन अणि अखाड़े हरिद्वार कुम्भ के समय से ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अलग चल रहे हैं. इन्ही तीनों अखाड़ों के संत महंत नरेंद्र गिरि के षोडशी कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे. हालांकि भू समाधि के कार्यक्रम में सभी 13 अखाड़े शामिल हुए थे. इसके अलावा निर्मल पंचायती अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा व बड़ा उदासीन अखाड़ा भी 25 तारीख की बैठक से अलग हो सकते हैं.
संतों के बीच तो यहां तक चर्चा चल रही है कि तीन बैरागी समेत कुल सात से आठ अखाड़े 25 अक्टूबर को होने वाली प्रस्तावित बैठक में शामिल नहीं होंगे. वैरागी समेत दूसरे अखाड़े भी इस प्रयास में लगे हुए हैं कि अखाड़ा परिषद का अगला अध्यक्ष उनके अखाड़े से ही चुना जाए. इसी बात को लेकर साधु संतों की देश की सबसे बड़ी इस संस्था में खींचतान चल रही है. ऐसे में देखना ये होगा कि 25 तारीख को होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए महामंत्री हरि गिरि किन किन अखाड़ों को तैयार कर पाते हैं.