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उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही UP STF, 20 दिन बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं - UP Hindi News

प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को हुए 20 दिन हो गए हैं लेकिन, अभी तक इस शूटआउट का एक भी शूटर यूपी एसटीएफ गिरफ्तार नहीं कर सकी है. ऐसे में तेज तर्रार यूपी एसटीएफ की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं.

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Published : Mar 16, 2023, 4:54 PM IST

प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के 20 दिन बाद भी यूपी एसटीएफ को कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिल सकी है. जबकि उमेश पाल हत्याकांड के बाद यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश खुद प्रयागराज पहुंच गए थे. उनके साथ ही एसटीएफ के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसरों की टीम ने भी प्रयागराज में डेरा डाल दिया था. एसटीएफ की कई टीमें प्रयागराज के साथ ही प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सो में छापेमारी कर रही है लेकिन 20 दिन की कार्रवाई का कोई परिणाम नहीं मिला है. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक भी शूटर एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ सका है. जिससे यूपी एसटीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.

उमेश पाल हत्याकांड के बाद यूपी एसटीएफ की कई टीमें प्रयागराज से लेकर दूसरे जिलों और प्रदेशों तक में छापेमारी कर रही है. लेकिन वारदात के 20 दिन बाद भी एसटीएफ का खाली हाथ होना चौंकाने वाला है. तेज तर्रार एसटीएफ आधुनिक सुविधाओं से लैस है. उसके बावजूद अभी तक किसी भी शूटर को पकड़ नहीं सकी है. जो एसटीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगी है.

वहीं सरकार ने इस केस के खुलासे के लिए अनंतदेव तिवारी जैसे तेज तर्रार अफसर को भी एसटीएफ में अटैच कर दिया है. उसके बाद भी एसटीएफ की टीम किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. जिससे एसटीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. क्योंकि जब पुलिस सीमित साधनों की मदद से शूटरों तक पहुंच सकती है तो असीमित साधनों वाली एसटीएफ क्यों खाली हाथ है.

पुलिस उमेश पाल केस के दो आरोपियों को कर चुकी ढेरः 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में सुलेम सराय इलाके में भरे बाजार सड़क से लेकर घर तक खदेड़ते हुए उमेश पाल और उसके दो गनर को गोलियों बम से हमलाकर करके मौत के घाट उतारा गया था. घटना के बाद प्रयागराज पुलिस के साथ ही एसटीएफ की टीमें भी सक्रिय हो गयी थी. एक तरफ जहां एसटीएफ शूटरों की तलाश में जुटी हुई थी वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी हमलवारों को पकड़ने में जुट गयी थी.

वारदात के तीसरे दिन 27 फरवरी को प्रयागराज पुलिस ने शूटरों की सफेद क्रेटा कार चलाने वाले अतीक के गैंग से जुड़े अरबाज नाम के बदमाश को मुठभेड़ में मार गिराया. इसके साथ ही साजिश में शामिल सदाकत को गिरफ्तार कर जेल भेजे दिया था. इसके बाद 6 मार्च को प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों में शामिल विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मुठभेड़ में मार गिराया. मारा गया विजय चौधरी उस्मान वही शूटर था जिसने उमेश पाल और उनके गनर को पहली गोली मारी थी.

कार्रवाई में आयी सुस्ती पर भी उठे सवालः उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पुलिस और प्रशासन ने मिलकर अतीक गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी. जिसके तहत अतीक से जुड़े लोगों के अवैध मकानों को ध्वस्त करने के साथ ही दो शूटरों को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. जबकि घटना की साजिश रचने के आरोपी सदाकत को मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. 6 मार्च के बाद से उमेश पाल हत्याकांड में जहां पीडीए के बुलडोजर का गरजना बंद हो गया है, वहीं पुलिस की तरफ से भी अतीक गैंग के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गयी है. जिस वजह से शहर के लोग भी कार्रवाई की रफ्तार थमने पर सवाल खड़े करने लगे हैं.

ये भी पढ़ेंः Umesh Pal Murder Case का एक और सीसीटीवी फुटेज आया सामने, सीने में गाेलियां मारते नजर आया शूटर

प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के 20 दिन बाद भी यूपी एसटीएफ को कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिल सकी है. जबकि उमेश पाल हत्याकांड के बाद यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश खुद प्रयागराज पहुंच गए थे. उनके साथ ही एसटीएफ के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसरों की टीम ने भी प्रयागराज में डेरा डाल दिया था. एसटीएफ की कई टीमें प्रयागराज के साथ ही प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सो में छापेमारी कर रही है लेकिन 20 दिन की कार्रवाई का कोई परिणाम नहीं मिला है. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक भी शूटर एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ सका है. जिससे यूपी एसटीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.

उमेश पाल हत्याकांड के बाद यूपी एसटीएफ की कई टीमें प्रयागराज से लेकर दूसरे जिलों और प्रदेशों तक में छापेमारी कर रही है. लेकिन वारदात के 20 दिन बाद भी एसटीएफ का खाली हाथ होना चौंकाने वाला है. तेज तर्रार एसटीएफ आधुनिक सुविधाओं से लैस है. उसके बावजूद अभी तक किसी भी शूटर को पकड़ नहीं सकी है. जो एसटीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगी है.

वहीं सरकार ने इस केस के खुलासे के लिए अनंतदेव तिवारी जैसे तेज तर्रार अफसर को भी एसटीएफ में अटैच कर दिया है. उसके बाद भी एसटीएफ की टीम किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. जिससे एसटीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. क्योंकि जब पुलिस सीमित साधनों की मदद से शूटरों तक पहुंच सकती है तो असीमित साधनों वाली एसटीएफ क्यों खाली हाथ है.

पुलिस उमेश पाल केस के दो आरोपियों को कर चुकी ढेरः 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में सुलेम सराय इलाके में भरे बाजार सड़क से लेकर घर तक खदेड़ते हुए उमेश पाल और उसके दो गनर को गोलियों बम से हमलाकर करके मौत के घाट उतारा गया था. घटना के बाद प्रयागराज पुलिस के साथ ही एसटीएफ की टीमें भी सक्रिय हो गयी थी. एक तरफ जहां एसटीएफ शूटरों की तलाश में जुटी हुई थी वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी हमलवारों को पकड़ने में जुट गयी थी.

वारदात के तीसरे दिन 27 फरवरी को प्रयागराज पुलिस ने शूटरों की सफेद क्रेटा कार चलाने वाले अतीक के गैंग से जुड़े अरबाज नाम के बदमाश को मुठभेड़ में मार गिराया. इसके साथ ही साजिश में शामिल सदाकत को गिरफ्तार कर जेल भेजे दिया था. इसके बाद 6 मार्च को प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों में शामिल विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मुठभेड़ में मार गिराया. मारा गया विजय चौधरी उस्मान वही शूटर था जिसने उमेश पाल और उनके गनर को पहली गोली मारी थी.

कार्रवाई में आयी सुस्ती पर भी उठे सवालः उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पुलिस और प्रशासन ने मिलकर अतीक गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी. जिसके तहत अतीक से जुड़े लोगों के अवैध मकानों को ध्वस्त करने के साथ ही दो शूटरों को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. जबकि घटना की साजिश रचने के आरोपी सदाकत को मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. 6 मार्च के बाद से उमेश पाल हत्याकांड में जहां पीडीए के बुलडोजर का गरजना बंद हो गया है, वहीं पुलिस की तरफ से भी अतीक गैंग के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गयी है. जिस वजह से शहर के लोग भी कार्रवाई की रफ्तार थमने पर सवाल खड़े करने लगे हैं.

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