प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने यह आदेश अब्बास अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और राज्य की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को सुनकर दिया. मामला पिछले साल का है.
चार्जशीट को रद्द करने की मांग : ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक अब्बास अंसारी की याचिका में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में उनके खिलाफ दाखिल पुलिस की चार्जशीट को रद्द करने की मांग की गई. अब्बास अंसारी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में 10 मार्च 2022 को मऊ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एसआई आदर्श श्रीवास्तव की ओर से अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी, मंसूर अंसारी, साहिद लारी, साकिर लारी उर्फ शकील व अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 171 एच, 188, 341 के तहत दर्ज कराई गई. एफआईआर में आरोप है कि अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान 100 चार पहिया और दोपहिया वाहनों के साथ जुलूस निकाला था.
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याची के अधिवक्ता बोले- मजबूत साक्ष्य नहीं : आचार संहिता उल्लंघन केस में अभियोजन के अनुसार, SI राजेश वर्मा की तहरीर पर FIR दर्ज हुई थी. सुभासपा के तत्कालीन प्रत्याशी अब्बास अंसारी ने 27 फरवरी 2022 को बिना अनुमति के रोड-शो का आयोजन किया था. इस मामले में विवेचना के बाद दोनों भाइयों को आरोपी बनाया गया है. याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि राजनीतिक कारण से अब्बास अंसारी को फंसाया गया है. उनके खिलाफ कोई मजबूत साक्ष्य नहीं हैं. इस पर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने मुकदमा दर्ज करने की मांग करने का विरोध जताया. कहा कि याची ने आचार संहिता का उल्लघंन किया.
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