ETV Bharat / state

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती

यूपी सुन्नी सेंट्ल वक्फ बोर्ड (UP Sunni Central Waqf Board) द्वारा गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट (Islamic Cultural Foundation Trust) की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) में चुनौती दी गई है. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के खिलाफ उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका पर 26 जुलाई को सुनवाई होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jun 19, 2021, 5:31 AM IST

प्रयागराज: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (UP Sunni Central Waqf Board) द्वारा गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट (Islamic Cultural Foundation Trust) के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) में जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है. इस याचिका में ट्रस्ट की वैधता को चुनौती दी गई है. आपको बता दें कि, अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद के निर्माण की देखरेख का काम इसी ट्रस्ट को सौंपा गया है. याचिका में कोर्ट से ट्रस्ट के गठन के दस्तावेज मंगा कर रद्द करने की मांग की गई है.

इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जिन दस्तावेजों को रद्द करने की मांग की गई है, वे याचिका के साथ दाखिल नहीं है किए गए हैं. ऐसे में जो दस्तावेज कोर्ट में हैं ही नहीं उन्हें रद्द करने पर विचार नहीं किया जा सकता. साथ ही कोर्ट ने दस्तावेज तलब करने की मांग को अस्वीकार कर दिया. हालांकि न्याय हित मे याची को चार हफ्ते में दस्तावेज दाखिल करने का समय दिया है. साथ ही अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि दस्तावेज दाखिल नहीं किए गए तो याचिका स्वतः खारिज हो जाएगी. याचिका की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश संजय यादव तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने नदीम अहमद व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है. याचिका में 1 जुलाई 20 को जारी अधिसूचना को भी रद्द किए जाने की मांग की गई है. इसपर कोर्ट ने कहा कि अन्य जनहित याचिका में इसे वैध करार दिया जा चुका है.

प्रयागराज: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (UP Sunni Central Waqf Board) द्वारा गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट (Islamic Cultural Foundation Trust) के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) में जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है. इस याचिका में ट्रस्ट की वैधता को चुनौती दी गई है. आपको बता दें कि, अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद के निर्माण की देखरेख का काम इसी ट्रस्ट को सौंपा गया है. याचिका में कोर्ट से ट्रस्ट के गठन के दस्तावेज मंगा कर रद्द करने की मांग की गई है.

इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जिन दस्तावेजों को रद्द करने की मांग की गई है, वे याचिका के साथ दाखिल नहीं है किए गए हैं. ऐसे में जो दस्तावेज कोर्ट में हैं ही नहीं उन्हें रद्द करने पर विचार नहीं किया जा सकता. साथ ही कोर्ट ने दस्तावेज तलब करने की मांग को अस्वीकार कर दिया. हालांकि न्याय हित मे याची को चार हफ्ते में दस्तावेज दाखिल करने का समय दिया है. साथ ही अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि दस्तावेज दाखिल नहीं किए गए तो याचिका स्वतः खारिज हो जाएगी. याचिका की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश संजय यादव तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने नदीम अहमद व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है. याचिका में 1 जुलाई 20 को जारी अधिसूचना को भी रद्द किए जाने की मांग की गई है. इसपर कोर्ट ने कहा कि अन्य जनहित याचिका में इसे वैध करार दिया जा चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.