प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया. संजय श्रीनेत भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे हैं. इससे पहले वे प्रवर्तन निदेशालय के उत्तर क्षेत्र के प्रभारी रहे, जहां वे आर्थिक अपराध से संबंधित अनेक गंभीर मामलों की पड़ताल कर ख्याति अर्जित कर चुके हैं.
लोकसेवा आयोग के अधिकारियों को किया संबोधित
पदभार ग्रहण करने के बाद लोक सेवा आयोग के अधिकारियों को उन्होंने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश को दक्ष, समावेशी और संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए योग्य, सत्यनिष्ठ, प्रत्याशियों का प्रामाणिक और पारदर्शी तरीके से समयबद्ध निष्पक्ष चयन, लोक सेवा आयोग का संवैधानिक दायित्व है. श्रीनेत ने कहा कि लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है. इसकी प्रामाणिकता, विश्वसनीयता बरकरार रखना आयोग के हर सदस्य, हर अधिकारी, हर कर्मचारी का दायित्व है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक मर्यादाओं के प्रति सत्यनिष्ठा हम सभी से अपेक्षित है. श्रीनेत ने आयोग की चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर जोर दिया. लोक प्रशासक के चयन, लोक-प्रशासन और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों तथा टेक्नोलाॅजी को भी आवश्यकता अनुसार लागू किए जाने पर श्रीनेत ने जोर दिया. उन्होंने कहा कि इससे आयोग की कार्यप्रणाली में तेजी, पारदर्शिता और दक्षता आएगी. उन्होंने विश्वास दिलाया कि युवाओं के बेहतर स्वास्थ्य के साथ सुखद भविष्य के लिए प्रण-प्रतिज्ञ हैं.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक हैं संजय श्रीनेत
संजय श्रीनेत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्नातक हैं. उनका मानना है कि अकादमिक शिक्षा को प्रशासन से जोड़ा जाना चाहिए. शिक्षा वास्तविक अनुभवों और समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए. पश्चिमी देशों में ‘स्काॅलर एडमिनिस्ट्रेटर’ की प्रचलित प्रथा का संदर्भ देते हुए वे मानते हैं कि उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को अध्ययन, अध्यापन और शोध कार्य भी करते रहना चाहिए.
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