प्रयागराजः उप्र जूनियर लॉयर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय एवं कानून के खिलाफ जाकर शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने की कड़ी निंदा की है. सरकार को नौकरशाही के इशारे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना करने का दोषी करार दिया है. एसोसिएशन की बैठक शनिवार को हुई. इसकी अध्यक्षता मिथिलेश कुमार तिवारी ने की. संचालन सचिव जीपी सिंह ने किया.
एसोसिएशन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के केस में स्पष्ट रूप से निर्णय दिया है कि अधिकरण वहीं गठित हो जहां हाईकोर्ट हो. उ.प्र. राज्य पुनर्गठन अधिनियम में स्पष्ट लिखा गया है कि उ.प्र. का हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट है. लखनऊ में खंडपीठ है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्यालय प्रयागराज में होने के नाते किसी भी अधिकरण का मुख्यालय भी प्रयागराज में ही होना चाहिए. हर अधिकरण पर हाईकोर्ट का क्षेत्राधिकार एवं नियंत्रण होता है. ऐसे में अधिकरण का मुख्यालय प्रयागराज में न बनाकर लखनऊ में बनाना कानून की अवहेलना करना है.
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नौकरशाही के दबाव में आकर कानून व सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्थाओं के विपरीत शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है. एसोसिएशन ने कहा कि न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश पर विराम लगाया जाना चाहिए.