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यूपी पुलिस में आयुसीमा छूट मामला हाईकोर्ट पहुंचा: प्रतियोगी छात्रों ने दाखिल की याचिका, शीत अवकाश बाद होगी सुनवाई

यूपी पुलिस में आयुसीमा छूट मामला (UP Age Relaxation case) इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) पहुंच गया. इस मामले में कई प्रतियोगी छात्रों ने याचिका दाखिल की है. इस पर सुनवाई शीत अवकाश के बाद होगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2023, 9:42 PM IST

Updated : Dec 25, 2023, 9:56 PM IST

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में आयुसीमा की छूट का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. सर्वेश पांडेय और अन्य 28 प्रतियोगी छात्रों ने आयुसीमा में छूट के लिए याचिका दाखिल की है. याचिका पर शीत अवकाश के बाद सुनवाई होगी.

याचिका में कहा गया है कि यूपी पुलिस में वर्ष 2018 के पांच साल बाद भर्ती आईं, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2017 में मनीष कुमार के मामले में एफिडेविट दिया था कि 2017 से 2020 तक प्रत्येक वर्ष 30 हजार भर्तियां अगस्त में निकालेंगे और उसे समयबद्ध तरीके से पूरी करेंगे. लेकिन, 2018 में 41520 और 49568 की दो भर्तियों के बाद से अब तक कोई भर्ती नहीं आई थी. ऐसे में पांच साल के बाद जब भर्ती आई है तो वर्ष 2019 या 2020 में जो कैंडिडेट अर्ह थे, वे इस भर्ती के लिए ओवरएज हो गए हैं.

यह भी कहा गया है कि कुछ अभ्यर्थी वर्ष 2018 में अंडर एज थे. लेकिन, वर्ष 2023 में भर्ती आने के कारण ओवर एज हो गए हैं. ऐसे अभ्यर्थियों ने लगातर ट्विटर कैंपेन के माध्यम से आयुसीमा का मामला सरकार के समक्ष रखा भी था. कुछ युवाओं ने सरकार को प्रत्यावेदन भी दिया था. लेकिन, सरकार ने उस पर विचार किए बिना ही भर्ती विज्ञापित कर दी. इससे परेशान होकर युवाओं ने यह याचिका दाखिल की है.

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में आयुसीमा की छूट का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. सर्वेश पांडेय और अन्य 28 प्रतियोगी छात्रों ने आयुसीमा में छूट के लिए याचिका दाखिल की है. याचिका पर शीत अवकाश के बाद सुनवाई होगी.

याचिका में कहा गया है कि यूपी पुलिस में वर्ष 2018 के पांच साल बाद भर्ती आईं, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2017 में मनीष कुमार के मामले में एफिडेविट दिया था कि 2017 से 2020 तक प्रत्येक वर्ष 30 हजार भर्तियां अगस्त में निकालेंगे और उसे समयबद्ध तरीके से पूरी करेंगे. लेकिन, 2018 में 41520 और 49568 की दो भर्तियों के बाद से अब तक कोई भर्ती नहीं आई थी. ऐसे में पांच साल के बाद जब भर्ती आई है तो वर्ष 2019 या 2020 में जो कैंडिडेट अर्ह थे, वे इस भर्ती के लिए ओवरएज हो गए हैं.

यह भी कहा गया है कि कुछ अभ्यर्थी वर्ष 2018 में अंडर एज थे. लेकिन, वर्ष 2023 में भर्ती आने के कारण ओवर एज हो गए हैं. ऐसे अभ्यर्थियों ने लगातर ट्विटर कैंपेन के माध्यम से आयुसीमा का मामला सरकार के समक्ष रखा भी था. कुछ युवाओं ने सरकार को प्रत्यावेदन भी दिया था. लेकिन, सरकार ने उस पर विचार किए बिना ही भर्ती विज्ञापित कर दी. इससे परेशान होकर युवाओं ने यह याचिका दाखिल की है.

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Last Updated : Dec 25, 2023, 9:56 PM IST
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