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Women's T20 World Cup: जीत के बाद अंडर-19 टीम की खिलाड़ी फलक नाज पहुंची प्रयागराज, स्वागत के लिए हुजूम उमड़ा

अंडर-19 विमेंस क्रिकेट टी-20 वर्ल्ड कप टीम की विजेता खिलाड़ी फलक नाज (Falak Naz) का प्रयागराज में जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया. उन्होंने कहा कि परेशानियों के बावजूद भी किसी को भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए.

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Published : Feb 2, 2023, 10:25 PM IST

स्वागत के बाद खिलाड़ी फलक नाज और उनके पिता ने यह बताया.

प्रयागराज: अंडर-19 विमेंस क्रिकेट टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है. पहली बार महिला युवा ब्रिगेड ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी भारत की झोली में डाली है. अंडर-19 महिला टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी है. वहीं, जीत के बाद गुरुवार को अपने शहर संगम नगरी पहुंची खिलाड़ी फलक नाज का स्वागत करने के लिए बमरौली एयरपोर्ट पर हुजूम उमड़ पड़ा. जहां शहर में जगह जगह उनका भव्य स्वागत किया गया.

प्रयागराज की फलक नाज भी अंडर-19 महिला T-20 वर्ल्ड कप के जीत का हिस्सा रही हैं. उन्होंने अपनी टीम के लिए 4 विकेट चटकाए थी. टीम को मिली शानदार जीत से फलकनाज के परिजन उत्साहित हैं. वहीं, फलकनाज की इस कामयाबी पर पूरे शहर को भी नाज है. फलक नाज दाएं हाथ की मध्यम तेज गेंदबाज और मध्यक्रम की बल्लेबाज हैं. इससे पहले भी पिछले साल न्यूजीलैंड के साथ मुंबई में हुए 5 टी-20 मैचों की सीरीज में फलक नाज ने उम्दा प्रदर्शन किया था. जिसके बाद उसका चयन अंडर-19 महिला T-20 वर्ल्ड कप के लिए हुआ था.

वहीं, फलक नाज के पिता एक जूनियर हाई स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं. फलक नाज के पिता नासिर अहमद ने बताया कि बेटी के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की है. जो आज उनका सपना पूरा हुआ है. उन्होंने बताया कि फलक नाज की मां जीनत बानो गृहणी हैं. जबकि फलक की एक छोटी बहन और एक बड़ा भाई भी है. पिता नासिर अहमद ने कहा कि फलक नाज अपने खेल में सुधार करते हुए इंडियन विमेंस क्रिकेट टीम में जगह बनाई. साथ ही देश के लिए वर्ल्ड कप जीती. वहीं, फलक नाज ने बताया कि अगर कुछ करने का जज्बा है, तो परेशानियों के बावजूद भी किसी को भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. उसे और आगे आकर देश का नाम रोशन करना चाहिए.

गौरतलब है कि कप्तान शेफाली वर्मा की अगुवाई में युवा महिला टीम ने वह कर दिखाया है, जिसका महिला क्रिकेट में लंबे समय से इंतजार था. युवा महिला टीम ने पहला वर्ल्ड कप देश की झोली में डाला है. जबकि सीनियर महिला क्रिकेट टीम तीन बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची थी. लेकिन अभी तक उसे जीत नहीं हासिल हुई है.

यह भी पढ़ें- प्रयागराज में सजा बागेश्वर धाम बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार, दर्शन को उमड़ी भीड़ हुई बेकाबू

स्वागत के बाद खिलाड़ी फलक नाज और उनके पिता ने यह बताया.

प्रयागराज: अंडर-19 विमेंस क्रिकेट टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है. पहली बार महिला युवा ब्रिगेड ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी भारत की झोली में डाली है. अंडर-19 महिला टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी है. वहीं, जीत के बाद गुरुवार को अपने शहर संगम नगरी पहुंची खिलाड़ी फलक नाज का स्वागत करने के लिए बमरौली एयरपोर्ट पर हुजूम उमड़ पड़ा. जहां शहर में जगह जगह उनका भव्य स्वागत किया गया.

प्रयागराज की फलक नाज भी अंडर-19 महिला T-20 वर्ल्ड कप के जीत का हिस्सा रही हैं. उन्होंने अपनी टीम के लिए 4 विकेट चटकाए थी. टीम को मिली शानदार जीत से फलकनाज के परिजन उत्साहित हैं. वहीं, फलकनाज की इस कामयाबी पर पूरे शहर को भी नाज है. फलक नाज दाएं हाथ की मध्यम तेज गेंदबाज और मध्यक्रम की बल्लेबाज हैं. इससे पहले भी पिछले साल न्यूजीलैंड के साथ मुंबई में हुए 5 टी-20 मैचों की सीरीज में फलक नाज ने उम्दा प्रदर्शन किया था. जिसके बाद उसका चयन अंडर-19 महिला T-20 वर्ल्ड कप के लिए हुआ था.

वहीं, फलक नाज के पिता एक जूनियर हाई स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं. फलक नाज के पिता नासिर अहमद ने बताया कि बेटी के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की है. जो आज उनका सपना पूरा हुआ है. उन्होंने बताया कि फलक नाज की मां जीनत बानो गृहणी हैं. जबकि फलक की एक छोटी बहन और एक बड़ा भाई भी है. पिता नासिर अहमद ने कहा कि फलक नाज अपने खेल में सुधार करते हुए इंडियन विमेंस क्रिकेट टीम में जगह बनाई. साथ ही देश के लिए वर्ल्ड कप जीती. वहीं, फलक नाज ने बताया कि अगर कुछ करने का जज्बा है, तो परेशानियों के बावजूद भी किसी को भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. उसे और आगे आकर देश का नाम रोशन करना चाहिए.

गौरतलब है कि कप्तान शेफाली वर्मा की अगुवाई में युवा महिला टीम ने वह कर दिखाया है, जिसका महिला क्रिकेट में लंबे समय से इंतजार था. युवा महिला टीम ने पहला वर्ल्ड कप देश की झोली में डाला है. जबकि सीनियर महिला क्रिकेट टीम तीन बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची थी. लेकिन अभी तक उसे जीत नहीं हासिल हुई है.

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