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Umesh pal Murder Case: बरेली से प्रयागराज लाने के दौरान अतीक के भाई अशरफ की सुरक्षा सुनिश्चित करे सरकारः हाईकोर्ट

प्रयागराज में उमेश पाल मर्डर केस में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी की मांग की थी. काेर्ट ने इसमें राहत दी है.

अशरफ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी की मांग की थीEtv Bharat
अशरफ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी की मांग की थीEtv Bharat
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Published : Mar 21, 2023, 5:36 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 9:05 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमेश पाल शूट आउट मामले में अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को रिमांड के लिए पेशी कराने के मामले में राहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाने के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.कोर्ट ने कहा, हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. वीडियो कॉफ़्रेंसिंग से पेशी की मांग पर अदालत ने कहा कि इसकी अनुमति मिलनी चाहिए. कोर्ट ने सरकारी वकीलों से कहा कि वह सरकार को अदालत की इस भावना से अवगत कराए.

हालांकि कोर्ट ने पूछताछ व बरेली से प्रयागराज लाए जाने के दौरान पांच वकीलों को साथ रखने की मांग नामंजूर कर दी है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस संदर्भ में जेल मैनुअल के तहत ही प्रक्रिया अमल में लाई जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अशरफ की ओर से वरिष्ठ अधिकता दयाशंकर मिश्र, एडवोकेट शादाब अली व अभिषेक मिश्र और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय मिश्र व अपर शासकीय अधिवक्ता एके संड को सुनकर दिया है.

सरकारी वकील ने कहा कि अशरफ से पूछताछ के दौरान वकील की वहां पर उपस्थिति को नियंत्रित करने का आदेश दिया जाए. इस पर अदालत का कहना था कि अशरफ से पूछताछ जेल मैनुअल के मुताबिक की जाए. अशरफ ने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उमेश पाल हत्याकांड में उसकी पेशी वीडियो कॉफ़्रेंसिंग के जरिए कराई जाए. पुलिस पूछताछ के दौरान उसे अपने साथ पांच अधिवक्ताओं को रखने की अनुमति दी जाए. बरेली से प्रयागराज लाने के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.

कसाब की नजीर देने पर कोर्ट ने जताई नाराजगीः मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपार शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड ने अदालत से अनुरोध किया कि अशरफ से पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान यदि वकील को साथ रहने की अनुमति दी जाती है तो वह अशरफ से कुछ दूरी पर खिड़की के बाहर से ही नजर रख सकते हैं. इसके लिए उन्होंने अजमल कसाब केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय नजीर प्रस्तुत की. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले को इतना ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है, यह कसाब जैसा मामला नहीं है.


अधिवक्ता ने कहा मेरा भी फोन सर्विलांस परः मामले की सुनवाई के दौरान अशरफ का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र ने कोर्ट से कहा कि पुलिस उनके भी फोन की निगरानी कर रही है. उनका फोन सर्विलांस पर लगा रखा है. महाधिवक्ता अजय मिश्र की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से कहा जाए कि ऐसा न करें. इस पर कोर्ट का कहना था कि यह कोई ऐसी बात नहीं है, जिसके लिए किसी प्रकार का निर्देश देने की आवश्यकता है.

बता दें कि उमेश पाल और 2 गनर की 24 फरवरी को गोलियां बरसाकर और बमबाजी कर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड में लगातार कार्रवाई जारी है. हत्याकांड में शामिल 3 बदमाशों के अवैध निर्माण को भी ढहाया जा चुका है. फरार शूटरों की तलाश में पुलिस जुटी है. जिले के रसूलाबाद में गुलाम के मकान और दुकान काे ढहा दिया गया था. अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण की ओर से शूटर गुड्डू मुस्लिम के मकान पर भी नोटिस चस्पा कर दिया गया है. 25 मार्च तक जवाब न देने पर मकान काे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : Allahabad High Court : स्पेशल कोर्ट से मिली सजा में कैबिनेट मंत्री नंदी की जमानत मंजूर

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमेश पाल शूट आउट मामले में अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को रिमांड के लिए पेशी कराने के मामले में राहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाने के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.कोर्ट ने कहा, हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. वीडियो कॉफ़्रेंसिंग से पेशी की मांग पर अदालत ने कहा कि इसकी अनुमति मिलनी चाहिए. कोर्ट ने सरकारी वकीलों से कहा कि वह सरकार को अदालत की इस भावना से अवगत कराए.

हालांकि कोर्ट ने पूछताछ व बरेली से प्रयागराज लाए जाने के दौरान पांच वकीलों को साथ रखने की मांग नामंजूर कर दी है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस संदर्भ में जेल मैनुअल के तहत ही प्रक्रिया अमल में लाई जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अशरफ की ओर से वरिष्ठ अधिकता दयाशंकर मिश्र, एडवोकेट शादाब अली व अभिषेक मिश्र और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय मिश्र व अपर शासकीय अधिवक्ता एके संड को सुनकर दिया है.

सरकारी वकील ने कहा कि अशरफ से पूछताछ के दौरान वकील की वहां पर उपस्थिति को नियंत्रित करने का आदेश दिया जाए. इस पर अदालत का कहना था कि अशरफ से पूछताछ जेल मैनुअल के मुताबिक की जाए. अशरफ ने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उमेश पाल हत्याकांड में उसकी पेशी वीडियो कॉफ़्रेंसिंग के जरिए कराई जाए. पुलिस पूछताछ के दौरान उसे अपने साथ पांच अधिवक्ताओं को रखने की अनुमति दी जाए. बरेली से प्रयागराज लाने के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.

कसाब की नजीर देने पर कोर्ट ने जताई नाराजगीः मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपार शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड ने अदालत से अनुरोध किया कि अशरफ से पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान यदि वकील को साथ रहने की अनुमति दी जाती है तो वह अशरफ से कुछ दूरी पर खिड़की के बाहर से ही नजर रख सकते हैं. इसके लिए उन्होंने अजमल कसाब केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय नजीर प्रस्तुत की. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले को इतना ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है, यह कसाब जैसा मामला नहीं है.


अधिवक्ता ने कहा मेरा भी फोन सर्विलांस परः मामले की सुनवाई के दौरान अशरफ का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र ने कोर्ट से कहा कि पुलिस उनके भी फोन की निगरानी कर रही है. उनका फोन सर्विलांस पर लगा रखा है. महाधिवक्ता अजय मिश्र की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से कहा जाए कि ऐसा न करें. इस पर कोर्ट का कहना था कि यह कोई ऐसी बात नहीं है, जिसके लिए किसी प्रकार का निर्देश देने की आवश्यकता है.

बता दें कि उमेश पाल और 2 गनर की 24 फरवरी को गोलियां बरसाकर और बमबाजी कर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड में लगातार कार्रवाई जारी है. हत्याकांड में शामिल 3 बदमाशों के अवैध निर्माण को भी ढहाया जा चुका है. फरार शूटरों की तलाश में पुलिस जुटी है. जिले के रसूलाबाद में गुलाम के मकान और दुकान काे ढहा दिया गया था. अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण की ओर से शूटर गुड्डू मुस्लिम के मकान पर भी नोटिस चस्पा कर दिया गया है. 25 मार्च तक जवाब न देने पर मकान काे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : Allahabad High Court : स्पेशल कोर्ट से मिली सजा में कैबिनेट मंत्री नंदी की जमानत मंजूर

Last Updated : Mar 21, 2023, 9:05 PM IST
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