प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में वांछित माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद समेत पांच शूटर पर पांच पांच लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया गया है. लेकिन असद, अरमान, गुड्डू मुस्लिम, साबिर और गुलाम पुलिस की पकड़ से दूर हैं. इन पर शिकंजा कसने के लिए लिए पुलिस और एसटीएफ लगी हुई है लेकिन, घटना के 18 दिन बाद भी ये सभी आरोपी कहां छुपे बैठे हैं, पुलिस पता नहीं लगा पाई है. हाईटेक यूपी पुलिस और एसटीएफ की इस नाकामयाबी पर अब सवाल उठने लगे हैं कि पुलिस आरोपियों तक क्यों नहीं पहुंच सकी है.
उमेश पाल हत्याकांड के 18 दिन बाद प्रयागराज पुलिस और यूपी एसटीएफ खाली हाथ हैं. 24 फरवरी को दिन दहाड़े सड़क से लेकर उमेश के घर के अंदर तक घुसकर बदमाशों ने गोली और बम मारकर उमेश और दो पुलिस वालों को मौत के घाट उतार दिया था. वारदात के बाद से पुलिस की दस टीमों के साथ ही क्राइम ब्रांच और एसटीएफ प्रयागराज की टीम शूटरों की तलाश में जुट गई. लेकिन, अभी तक पुलिस 5 शूटरों की तलाश नहीं कर सकी है. जबकि इन पांचों शूटरों पर पुलिस की तरफ से इनाम की राशि बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. शूटर हत्याकांड के बाद से कहां गायब हो गए, इसका पता पुलिस के साथ ही एसटीएफ भी नहीं लगा सकी है. जबकि एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश खुद हत्याकांड की जांच पड़ताल करने पहुंचे थे. लेकिन, सभी खाली हाथ हैं.
दो शूटर मुठभेड़ में ढेरः हालांकि पुलिस ने वारदात में शामिल शूटर उस्मान उर्फ विजय चौधरी और अरबाज नाम के शूटर को मुठभेड़ में मार गिराया है. जबकि वारदात के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल सदाकत को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. इसके अलावा प्रयागराज पुलिस अब तक इस मामले में अतीक गैंग से जुड़े कई शातिर बदमाशों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है लेकिन, अभी तक पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी है.
हत्याकांड में शामिल गाड़ी दो दिन बाद ही मिल गईः पुलिस ने 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के दो दिन बाद वारदात में इस्तेमाल की गई क्रेटा कार को चलाने वाले ड्राइवर को मुठभेड़ में मार गिराया था. जबकि उमेश पाल और उसके सुरक्षा कर्मियों को पहली गोली मारने वाले शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान को 6 मार्च को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. जिसके बाद से पुलिस को कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं हुई है.
एसटीएफ को नहीं मिली अभी तक खास कामयाबीः उमेश पाल शूटआउट केस में प्रयागराज एसटीएफ के साथ ही एसटीएफ की लखनऊ और गोरखपुर युनिट ने भी शहर में डेरा डाला था. इसके साथ ही घटना के अगले दिन एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने प्रयागराज पहुंचकर पूरे मामले की कमान खुद संभाल ली थी. लेकिन, उमेश पाल हत्याकांड के 18 दिन बाद भी इस शूटआउट में एसटीएफ की किसी भी टीम को खास कामयाबी नहीं मिली है. एसटीएफ किसी भी शूटर को पकड़ नहीं सकी है. वहीं बताया जा रहा है कि एसटीएफ शूटरों की तलाश में पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल तक की खाक छान चुकी है लेकिन, कहीं से कोई कामयाबी नहीं मिली है.
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने गिराए तीन मकानः उमेश पाल हत्याकांड के बाद एक तरफ पुलिस माफिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज विकास प्राधिकरण माफिया और उसके गुर्गों की अवैध सम्पत्तियों का पता लगाकर उन्हें ध्वस्त कर रही है. इसी कड़ी में हत्याकांड के बाद अतीक अहमद का परिवार जिस घर में रहता था, उसे ध्वस्त किया गया.
तीन मार्च के बाद से पीडीए की कार्रवाई रुकीः उसके बाद असलहा व्यापारी गन हाउस के मालिक सैयद सफदर अली के मकान को जमींदोज किया गया. सफदर पर माफिया की मदद करने का आरोप है. इसके साथ ही पूरामुफ्ती इलाके में माशूक उद्दीन प्रधान का आलीशान मकान गिराया गया. माशूक को भी अतीक अहमद का मददगार और फाइनेंसर बताया गया है. इसके अलावा 3 मार्च को कौशाम्बी में अतीक गैंग के शूटर कवि अहमद का भी मकान गिराया गया था. इसके बाद से कार्रवाई रुकी हुई है.
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