प्रयागराज: दिव्यांगजनों के महाकुंभ में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों का यह महाकुंभ देश और दुनिया का सबसे बड़ा ऐतिहासिक महाकुंभ है. आज तक ऐसे देश में 8500 से अधिक कैम्प आयोजित किए हैं. 15 लाख से ज्यादा लोगों को उनकी आवश्कता और उनके सशक्तिकरण के लिए उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं आज के इस महाकुंभ में 26,874 लोगों को उपकरण प्रदान करने का काम किया गया है. इसके साथ ही 56 हजार से अधिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इन उपकरणों की लागत 19 करोड़ 37 लाख से अधिक है. आज के इस महाकुंभ में हमने देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में तीन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं.
पीएम मोदी के नेतृत्व में बने कई विश्व रिकॉर्ड
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके पहले भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 7 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए हैं. इन पांच सालों में यह रिकॉर्ड बने हैं. इसके पहले कोई भी वर्ल्ड रिकॉर्ड नहीं बना था. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यह विभाग देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने में आगे की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज के इस दिव्यांगजनों के महाकुंभ में दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों को उनके मानसिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक विकास के लिए उपकरण उपलब्ध कराने का काम किया गया है.
प्रयागराज में बने तीन विश्व रिकॉर्ड
केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने कहा कि आज प्रयागराज में तीन विश्व रिकॉर्ड बने हैं. पहले गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हाथ से चलने वाली 300 ट्राई साइकिल को 1.8 किमी चलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है. दूसरा विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है हाथ से चलाने वाली 626 ट्राई साइकिल को एक घंटे में निशुल्क वितरित करने का रिकॉर्ड बनाया गया है. तीसरे विश्व रिकॉर्ड में 13 मिनट में 400 व्हीलचेयर को सबसे लंबी तीन पंक्तियों में परेड करके चलाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने का काम किया गया है.
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दिव्यांगजनों का राष्ट्रीय स्तर पर बनेगा यूनिवर्सल आईडी कार्ड
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार दिव्यांगजनों के लिए अब राष्ट्रीय स्तर पर यूनिवर्सल आईडी कार्ड बनाने का काम करेगी. इससे यह होगा कि देश के किसी भी कोने में रहने वाला दिव्यांग किसी भी प्रदेश में जाकर उस कार्ड की मदद से लाभ ले सकेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की कोई योजना हो, अगर उस योजना में जनभागीदारी शामिल हो जाती है तो वह बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ता है. दिव्यंगजनों की सेवा, ईश्वर की सेवा करने के बराबर है. वरिष्ठ नागरिकों की सेवा, ईश्वर की सेवा करने के बराबर है.