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मौनी अमावस्या पर दिखा कोरोना का असर, तीस लाख लोगों ने किया संगम में स्नान

यूपी के प्रयागराज में माघ मेले के दौरान इस बार मौनी अमावस्या के मौके पर पिछले सालों की अपेक्षा इस बार कम स्नानार्थियों ने संगम में डुबकी लगाई. जिला प्रशासन की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस बार स्नानार्थियों की संख्या 30 लाख रही. कोरोना महामारी की वजह से इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आयी है. हालांकि इसके पीछे एक वजह ट्रेनों और बसों का कम संचालन भी हो सकता है. जिस वजह से साधन की कमी के कारण भी श्रद्धालु मेले तक नहीं पहुंच सके.

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Published : Feb 13, 2021, 11:02 PM IST

तीस लाख लोगों ने किया संगम में स्नान
तीस लाख लोगों ने किया संगम में स्नान

प्रयागराज: जिले के माघ मेले में मौनी अमावस्या पर तीस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना सरस्वती की पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगायी है. हालांकि संगम में आस्था की डुबकी लगाने वालों की संख्या हर साल के मुकाबले इस बार बहुत कम है, लेकिन मां गंगा पर आस्था रखने वालों के मन में कोरोना का भय नहीं है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले सालों तक मौनी अमावस्या पर एक से दो करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करने आते रहे हैं. हर साल के मुकाबले इस बार मौनी अमावस्या के सबसे बड़े स्नान पर्व उमड़ने वाली भीड़ काफी कम रही.

कोरोना की शुरुआत के बाद पहला आयोजन जहां जुटी तीस लाख की भीड़
कोरोना की शुरुआत के बाद मार्च महीने से सभी तरह के बड़े आयोजनों पर पाबंदी लगा दी गई थी. जिसके बाद से कोई भी पर्व नहीं मनाया जा रहा था, लेकिन कोरोना पर नियंत्रण के साथ सबकुछ धीरे-धीरे शुरु हुआ. इसी कड़ी में प्रयागराज में पौराणिक माघ मेले का आयोजन किया गया. जिसमें मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर एक दिन में तीस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम के साथ ही आठ स्नान घाटों पर गंगा में डुबकी लगायी.

कोरोना के डर की वजह से कम आये श्रद्धालु
संगम तट पर गंगा किनारे लगने वाले मेले में आने स्नानार्थियों की कम संख्या ने साबित कर दिया है कि कोरोना महामारी का डर मौनी अमावस्या के महापर्व पर भी भारी पड़ा. जिस मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर पिछले सालों में एक से दो करोड़ के करीब श्रद्धालु प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते थे. वहीं इस साल माघ महीने के सबसे बड़े स्नान पर्व पर सिर्फ तीस लाख से ज्यादा श्रद्धालु ही प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे. इससे पता चलता है कि कोरोना महामारी की वजह से इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आयी है. हालांकि इसके पीछे एक वजह ट्रेनों और बसों का कम संचालन भी हो सकता है. जिस वजह से साधन की कमी के कारण भी श्रद्धालु मेले तक नहीं पहुंच सके.

उम्मीद से कम पहुंची स्नानार्थी
प्रयागराज के माघ मेले में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर उम्मीद से कम ही श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी है. जबकि मेला प्रशासन ने अपनी तरफ से स्नानार्थियों के भीड़ का अनुमान लगाते हुये तैयारियां पूरी की थी. श्रद्धालुओं के स्नान के लिये संगम समेत आठ स्नान घाट बनाये गये थे,लेकिन प्रशासन की उम्मीद से कम ही स्नानार्थी संगम और मां गंगा में डुबकी लगाने के लिये पहुंचे .इस वजह से माघमेले के सबसे बड़े स्नान पर्व पर उम्मीद से कम भीड़ जुटी.

प्रयागराज: जिले के माघ मेले में मौनी अमावस्या पर तीस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना सरस्वती की पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगायी है. हालांकि संगम में आस्था की डुबकी लगाने वालों की संख्या हर साल के मुकाबले इस बार बहुत कम है, लेकिन मां गंगा पर आस्था रखने वालों के मन में कोरोना का भय नहीं है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले सालों तक मौनी अमावस्या पर एक से दो करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करने आते रहे हैं. हर साल के मुकाबले इस बार मौनी अमावस्या के सबसे बड़े स्नान पर्व उमड़ने वाली भीड़ काफी कम रही.

कोरोना की शुरुआत के बाद पहला आयोजन जहां जुटी तीस लाख की भीड़
कोरोना की शुरुआत के बाद मार्च महीने से सभी तरह के बड़े आयोजनों पर पाबंदी लगा दी गई थी. जिसके बाद से कोई भी पर्व नहीं मनाया जा रहा था, लेकिन कोरोना पर नियंत्रण के साथ सबकुछ धीरे-धीरे शुरु हुआ. इसी कड़ी में प्रयागराज में पौराणिक माघ मेले का आयोजन किया गया. जिसमें मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर एक दिन में तीस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम के साथ ही आठ स्नान घाटों पर गंगा में डुबकी लगायी.

कोरोना के डर की वजह से कम आये श्रद्धालु
संगम तट पर गंगा किनारे लगने वाले मेले में आने स्नानार्थियों की कम संख्या ने साबित कर दिया है कि कोरोना महामारी का डर मौनी अमावस्या के महापर्व पर भी भारी पड़ा. जिस मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर पिछले सालों में एक से दो करोड़ के करीब श्रद्धालु प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते थे. वहीं इस साल माघ महीने के सबसे बड़े स्नान पर्व पर सिर्फ तीस लाख से ज्यादा श्रद्धालु ही प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे. इससे पता चलता है कि कोरोना महामारी की वजह से इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आयी है. हालांकि इसके पीछे एक वजह ट्रेनों और बसों का कम संचालन भी हो सकता है. जिस वजह से साधन की कमी के कारण भी श्रद्धालु मेले तक नहीं पहुंच सके.

उम्मीद से कम पहुंची स्नानार्थी
प्रयागराज के माघ मेले में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर उम्मीद से कम ही श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी है. जबकि मेला प्रशासन ने अपनी तरफ से स्नानार्थियों के भीड़ का अनुमान लगाते हुये तैयारियां पूरी की थी. श्रद्धालुओं के स्नान के लिये संगम समेत आठ स्नान घाट बनाये गये थे,लेकिन प्रशासन की उम्मीद से कम ही स्नानार्थी संगम और मां गंगा में डुबकी लगाने के लिये पहुंचे .इस वजह से माघमेले के सबसे बड़े स्नान पर्व पर उम्मीद से कम भीड़ जुटी.

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