प्रयागराजः माफ़िया अतीक अहमद गिरोह के कब्जे से मुक्त करवाई गईं सरकारी जमीन पर गरीबों के लिए आशियाना बनाने का काम संगम नगरी प्रयागराज से शुरू होने वाला है. रविवार को सीएम योगी ने कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन का भूमि पूजन किया.
अतीक अहमद (60) ने साल 1979 में एक हत्या कर अपराध की दुनिया में अपना कदम रखा था. इसके बाद देखते ही देखते वो अपराध की दुनिया में लगातार खूंखार होता गया. उसकी अपराध की सलतनत को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का साथ मिला. अतीक अहमद के खिलाफ अब तक कुल 96 आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसमें हत्या, अपहरण, अवैध खनन, रंगदारी, धमकी और धोखाधड़ी समेत कई मामले हैं और इन मामलों में वो नामजद भी है.
बाहुबली माफिय़ा अतीक अहमद ने योगी सरकार आने से पूर्व करोड़ों की जमीन पर कब्जा किया था. फरवरी 2017 में, जब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब अतीक अहमद को प्रयागराज के नैनी इलाके से एक राज्य विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. यह कार्रवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से पुलिस की खिंचाई करने के बाद हुई थी.
मार्च 2017 में विधानसभा चुनाव हुए और भाजपा ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कर सूबे में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई इसके बाद शुरू हुआ भू माफियाओं पर सीएम योगी का हंटर चलना. मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफियाओं पर सरकार ने सख्ती करनी शुरू कर दी.
अतीक अहमद के खिलाफ भी योगी सरकार की कार्रवाई काफी तेजी से चली. अतीक अहमद की पत्नी के नाम पर संचालित कंपनियों की पड़ताल की गई थी. प्रयागराज में अतीक अहमद की कंपनी एफ एंड एसोसिएट, लखनऊ में इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और इंफ्रा ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड की जांच भी की गई थी. इससे पहले करीब 355 करोड़ रुपये की संपत्ति को प्रयागराज प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत जब्त करने की कार्रवाई की थी. पिछले साल पुलिस ने अतीक की कुल 16 कंपनियां चिह्नित की थीं, जिसमें से कई बेनामी थीं. इन कंपनियों में नाम तो किसी और का है, लेकिन परोक्ष रूप से इनमें पैसा अतीक का लगा है. इनमें से ज्यादातर कंपनियों का कारोबार रियल इस्टेट से संबंधित है. इन कंपनियों का लेनदेन करोड़ों में है. पुलिस के मुताबिक 16 कंपनियों के बारे में जानकारी मिली. उनमें से तीन कंपनियां अतीक की पत्नी साइस्ता परवीन, जबकि पांच रिश्तेदारों के नाम पर मिली.
इस साल जनवरी तक उसकी और सहयोगियों की 203 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया गया. अतीक गैंग के 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया. 44 सदस्यों की हिस्ट्रीशीट खोली गई.16 ठेकों और फर्म की जांच चल रही है. अतीक अहमद, उसके परिजन और सहयागियों की 31 संपत्तियों की जांच ईडी, आयकर विभाग और ईओडब्लू कर रही है.
लोकसभा चुनाव में दिया था 33 करोड़ की संपत्ति का ब्योरा
सिर्फ प्रयागराज ही नहीं, बल्कि लखनऊ से लेकर दिल्ली और अन्य शहरों तक उसका साम्राज्य फैला है. लोकसभा चुनाव 2019 में पेश एफिडेविट में उसने अपनी 38 अचल संपत्तियों का ब्योरा पेश किया था. तब इसकी कीमत 33 करोड़ रुपए आंकी गई थी. फिलहाल इसकी कीमत 80 करोड़ रुपए तक होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
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बेटे के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस
इसी साल जुलाई में ईडी ने अतीक अहमद और उसके बेटे के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. अभी तक ईडी ने अतीक के 12 बैंक खातों की डिटेल भी खंगाली है.
इन पर भी चल चुका है योगी का बुलडोजर
योगी सरकार का बुलडोजर 25 गैंगस्टरों पर चल चुका है. इसमें गाजीपुर के मुख्तार अंसारी और प्रयागराज के अतीक अहमद के अलावा वाराणसी के बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, लखनऊ के ओमप्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव, बिजनौर का मुनीर, अंबेडकरनगर का खान मुबारक का नाम शामिल है. इसके अलावा मुजफ्फरनगर का सुशील उर्फ मूंछ और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, गाजियाबाद के अमित कसाना, शामली के आकाश जाट समेत 25 भूमाफियाओं के नाम शामिल हैं.
कब्जे वाली जमीनों के मालिक अब गरीब
माफ़िया अतीक अहमद गिरोह के कब्जे से मुक्त करवाई गईं सरकारी जमीन पर अब गरीब रहेंगे. इसकी शुरुआत सीएम योगी ने कर दी है. इसे सरकार की एक अच्छी पहल माना जा रहा है.
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