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अगर प्रयागराज में लगी बड़ी आग तो नहीं काबू कर पाएगा फायर ब्रिगेड

फायर बिग्रेड के पास पूरे जिले की एक ही हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन खराब पड़ी है. इसको इंडियन तकनीक से बनाया नहीं जा सकता. इसलिए शहर में कभी भी बड़ी घटना घटने के बाद फायर ब्रिगेड को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.

प्रयागराज में फायर विभाग के पास नहीं आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम.
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Published : Jun 2, 2019, 3:18 PM IST

प्रयागराज: प्रदेश में जिस तरह से गर्मी प्रचंड रूप धारण कर रही है, उस तरह से प्रयागराज में भी पारा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आग लगने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. लेकिन जिले में अगर किसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग या किसी 10 से 15 माले की ऊंची इमारत पर आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड को काबू पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.

पूरे जिले में एक ही हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन है.

ऐसा इसलिए क्योंकि फायर बिग्रेड के पास पूरे जिले की एक ही हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन खराब पड़ी है. इसको इंडियन तकनीक से बनाया नहीं जा सकता. इसलिए शहर में कभी भी बड़ी घटना घटने के बाद फायर ब्रिगेड को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.

  • एक जरा सी चिंगारी एक बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है.
  • ऐसे में गर्मी के दिनों में अलर्ट रहने वाला फायर ब्रिगेड इन दिनों काफी मुश्किल में है.
  • हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन 42 मीटर ऊपर जाकर आग पर काबू पा सकती है.
  • इतना ही नहीं, 10 से 15 मंजिल की ऊंची इमारत पर लगी आग को मिनटों में काबू कर सकती है.
  • बता दें कि प्रयागराज में केवल 1 ही हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन है, वो भी कई महीनों से खराब पड़ी है.
  • पूरे उत्तर प्रदेश में इन मशीनों की संख्या 6 से 7 है.

क्या कहना है फायर ब्रिगेड चीफ का
फायर ब्रिगेड के चीफ रविंद्र मिश्रा का कहना है कि हमने कई बार शासन स्तर पर लेटर लिख दिया है और अवगत करा दिया है कि जल्द से जल्द इसको ठीक कराया जाए. उन्होंने बताया कि ये हाइड्रॉलिक प्लेटफार्म मशीन इटली की है, जो भारत के इंजीनियर ठीक नहीं कर सकते. इसलिए ये समस्या आ रही है. इनकी फर्म दिल्ली और मुंबई में है, जिनको सूचित कर दिया गया है. फायर विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानने को तैयार हैं कि अगर बड़ी घटना घटित होती है तो आग पर काबू पाना मुश्किल होगा.

प्रयागराज: प्रदेश में जिस तरह से गर्मी प्रचंड रूप धारण कर रही है, उस तरह से प्रयागराज में भी पारा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आग लगने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. लेकिन जिले में अगर किसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग या किसी 10 से 15 माले की ऊंची इमारत पर आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड को काबू पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.

पूरे जिले में एक ही हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन है.

ऐसा इसलिए क्योंकि फायर बिग्रेड के पास पूरे जिले की एक ही हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन खराब पड़ी है. इसको इंडियन तकनीक से बनाया नहीं जा सकता. इसलिए शहर में कभी भी बड़ी घटना घटने के बाद फायर ब्रिगेड को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.

  • एक जरा सी चिंगारी एक बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है.
  • ऐसे में गर्मी के दिनों में अलर्ट रहने वाला फायर ब्रिगेड इन दिनों काफी मुश्किल में है.
  • हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन 42 मीटर ऊपर जाकर आग पर काबू पा सकती है.
  • इतना ही नहीं, 10 से 15 मंजिल की ऊंची इमारत पर लगी आग को मिनटों में काबू कर सकती है.
  • बता दें कि प्रयागराज में केवल 1 ही हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन है, वो भी कई महीनों से खराब पड़ी है.
  • पूरे उत्तर प्रदेश में इन मशीनों की संख्या 6 से 7 है.

क्या कहना है फायर ब्रिगेड चीफ का
फायर ब्रिगेड के चीफ रविंद्र मिश्रा का कहना है कि हमने कई बार शासन स्तर पर लेटर लिख दिया है और अवगत करा दिया है कि जल्द से जल्द इसको ठीक कराया जाए. उन्होंने बताया कि ये हाइड्रॉलिक प्लेटफार्म मशीन इटली की है, जो भारत के इंजीनियर ठीक नहीं कर सकते. इसलिए ये समस्या आ रही है. इनकी फर्म दिल्ली और मुंबई में है, जिनको सूचित कर दिया गया है. फायर विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानने को तैयार हैं कि अगर बड़ी घटना घटित होती है तो आग पर काबू पाना मुश्किल होगा.

Intro:7007861412 प्रयागराज

प्रयागराज में अगर किसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग या किसी 10 से 15 माले की ऊंची इमारत पर आग लगी तो फायर ब्रिगेड को आग पर काबू पाने के लिए काफी मश्क्कत करनी पड़ेगी क्योंकि फायर बिग्रेड के पास पूरे जिले के लिए जो हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म है वह खराब पड़ी है । जिसको इंडियन तकनिक से बनाया नही जा सकता इसलिए शहर में कभी भी बड़ी घटना घटने के बाद फायर ब्रिगेड को काफी मश्क्कत करनी पड़ेगी।


Body:एक जरा सी चिंगारी एक बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है ऐसे में गर्मी के दिनों में एलर्ट रहने वाला फायर ब्रिगेड इन दिनों काफी मुश्किल में है । आप को बता दे कि हाइड्रोलिक प्लेटफार्म मशीन जो कि 42 मीटर ऊपर जाकर आग पर काबू पा सकती है यानी 10 से 15 माले की ऊंची ईमारत पर लगी आग को मिनटों में काबू में कर सकती है।लेकिन प्रयागराज जिले में केवल 1 ही मशीन है वो भी कई महीनों से खराब पड़ी है।पूरे उत्तरप्रदेश में इन मशीनों की संख्या 6 से 7 है । इतना बड़ा शहर को कुछ छोटी गाड़ियों के सहारे है। वही फायर ब्रिगेड के चीफ रविन्द्र मिश्रा का कहना है कि हमने कई बार शासन स्तर पर लेटर विभाग को लिख दिया है और अवगत करा दिया है कि जल्द से जल्द इसको ठीक कराया जाय । उनका कहना है कि ये हाइड्रोलिक प्लेटफार्म मशीन इटली की है जो भारत के इंजीनियर ठीक नही कर सकते इसलिए ये समस्या आरही है । इनकी फर्म दिल्ली और बॉम्बे में है जिनको सूचित कर दिया गया है।फायर के अधिकारी इस बात को मानने को तैयार है कि अगर बड़ी घटना घटित होती है तो आग पर काबू पाना मुश्किल होगा।

बाईट-- रविन्द्र मिश्रा (फायर अधिकारी)


Conclusion:भले ही सूरत की बड़ी घटना से जिला प्रशासन सहित फायर के अफसर शिख ले चुके हो लेकिन कभी कभी ये छोटी छोटी चूक एक बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। इसलिए विभाग के अफसरों को कोई बड़ी घटना घटे इससे पहले सारी तैयारी पूरी रखनी चाहिए।
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