प्रयागराजः इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Allahabad Central University) में 4 गुना फीस वृद्धि के विरोध में सोमवार को छात्रों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को अपने खून से पत्र लिखा है. खून से लिखे इस पत्र के जरिये छात्रों ने चार गुना बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग की है. वहीं, छात्रों का कहना है कि अगर चार गुना बढ़ी हुई फीस को वापस नहीं लिया गया तो उनका आंदोलन समाप्त नहीं होगा. पत्र में छात्रों ने यह भी लिखा है कि गरीब किसान के परिवार के छात्र चार गुना बढ़ी हुई फीस देने में असमर्थ हैं.
बता दें, कि मंगलवार को छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन (university administration) के बीच वार्ता होनी है. इस वार्ता को लेकर छात्रों को उम्मीद है कि फीस वापसी का फैसला लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन उनका आंदोलन समाप्त करवा सकता है. गौरतलब है कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Allahabad Central University) में इस वक्त दशहरे की छुट्टी चल रही है. इसके बावजूद आंदोलित छात्र यूनियन हाल (union hall) के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं.
छात्रों का आमरण अनशन 28 वें दिन भी जारी है. इस दौरान कई छात्र हालात खराब होने की वजह से अस्पताल जा चुके हैं. मौजूदा समय में विश्वविद्यालय के दो छात्र मुकेश और विवेक आमरण अनशन कर रहे हैं, जबकि उनके साथी छात्र उनके समर्थन में धरना स्थल पर डटे हुए हैं.
जिला प्रशासन की पहल पर मंगलवार को होगी वार्ता
रविवार को जिला प्रशासन के साथ आंदोलित छात्रों की वार्ता हुई थी. इसके बाद यह तय हुआ है कि मंगलवार 4 अक्टूबर को विश्वविद्यालय प्रशासन से फीस वृद्धि के मुद्दे पर आंदोलित छात्रों की वार्ता होनी है, जिसमें जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी एक साथ छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन को आमने सामने बैठाकर इस मुद्दे का हल निकलवाना चाहता हैं. हालांकि, आंदोलित छात्रों का कहना है कि चार गुना बढ़ी हुई फीस वापसी के अलावा किसी बात पर उन्हें समझौता मंजूर नहीं होगा.
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